होम क्वारंटीन के पिछले 24 घंटों में 99 बाहर हुए तो 91 अंदर आ गए-

जिला व राज्य स्तर पर प्रतिदिन आंकड़े संप्रेषित किए जा रहे हैं

होम क्वारंटीन के पिछले 24 घंटों

महासमुंद :जिले में जारी कोरोना कंट्रोल के प्रयासों में चौबीस घंटों वाले तुलनात्मक पुराने और नए संदेहास्पद प्रकरणों की संख्या में कोई बड़ा अंतर दर्ज नहीं हुआ है.

किन्तु आठ प्रकरणों की अल्प सकारात्मक बढ़त जरूर देखी गई। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एसपी वारे ने बताया कि कलेक्टर सुनील कुमार जैन के निर्देशानुसार जिले में स्थापित किए गए कोरोना कंट्रोल रूम में तैनात स्वास्थ्य अमले द्वारा सतत निगरानी रखते हुए नवीनतम आंकड़ों के संदर्भ में जिला व राज्य स्तर पर प्रतिदिन आंकड़े संप्रेषित किए जा रहे हैं। इस ओर स्वास्थ्य विभाग के एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम अंतर्गत तैयार की गई मंगलवार 21 अप्रैल से बुधवार 22 अप्रैल तक रात्रि आठ बजे तक मिले आंकड़ों के मुताबिक इन चौबीस घंटों में देश के अलग-अलग राज्यों से यात्रा कर महासमुंद लौटने वालों के 91 नए प्रकरण उजागर हुए, जिन्हें चिरायुदल द्वारा तत्काल होम क्वारंटीन कर लिया गया.

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वहीं, इस अवधि में विदेश यात्रा कर वापसी करने वालों का एक भी नया प्रकरण सामने नहीं आया। दूसरी ओर मंगलवार से बुधवार के बीच ही कुल 99 प्रकरण ऐसे प्रकरण समाने आए जिन्हें बाहर से यात्रा कर वापस लौटने के कारण अब तक कोरोना से संक्रमित होने के संदेह के घेरे में रखा जा रहा था, इनके क्वारंटीन की 28 दिवसीय अवधि पूरी होने पर संक्रमण संबंधी संदेहास्पद छबि समाप्त समझी जा रही है।उल्लेखनीय है कि प्राप्त आंकलन के अनुसार नियंत्रण को लेकर जारी प्रयासों के बलबूते जिला अब भी प्रदेश के उन चुनिंदा जिलों में स्थान बनाए हुए है। जहां अब तक न तो कोरोना वायरस के संक्रमण का फैलाव शुरू हुआ है और न ही कोविड 19 से पीड़ित एक भी के दर्ज होने की सूचना है।

अब तक भेजे जांच नमूनों आधे निगेटिव आधे वेटिंग

इधर, शुरूआत से लेकर अब तक जिले से कोरोना की जांच के लिए राजधानी भेजे गए कुल 88 नमूनों में से 44 की रिपोर्ट आ चुकी है। जिनमें संक्रमण नहीं पाया गया। वहीं, एकमात्र निरस्त प्रकरण को छोड़ कर कुल 43 प्रकरणों में परिणाम अब भी लंबित है। डॉ आर के परदल ने बताया कि जिले में नमूना एकत्र करने का कार्य प्रगति पर है। जांच प्रक्रिया में समय लगने के कारण वर्तमान में आंकड़ों का अंतर बड़ा प्रतीत हो रहा है। किन्तु नई आधुनिक प्रणाली से कम समय में जांच कर लिए जाने की सुविधा मिलने के संकेत मिल रहे हैं। जिससे परिणाम मिले में विलंब होने की समस्या भी जल्द ही दूर की जा सकेगी.