दिल्ली-विशेष रेलगाड़ियों द्वारा विभिन्न स्थानों पर फंसे प्रवासी श्रमिकों, तीर्थयात्रियों,पर्यटकों, छात्रों और अन्य व्यक्तियों को लाने-ले जाने के संबंध में गृह मंत्रालय के आदेश के बाद भारतीय रेलवे ने 1 मई, 2020 से “श्रमिक स्पेशल” ट्रेनें चलाने का फैसला किया था.इस श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के जरिये 26 दिन में 48 लाख यात्री पहुचें अपने घर
27 मई, 2020 तकदेश भर के विभिन्न राज्यों से कुल 3543 “श्रमिक स्पेशल” ट्रेनें चलाई गई.26.05.2020 को 255 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें आरंभ की गईं.अब तक 26 दिन में करीब 48 लाख प्रवासी इन “श्रमिक स्पेशल” ट्रेनों से अपने गंतव्य तक पहुचें हैं.
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ये 3543 ट्रेनें विभिन्न राज्यों से आरंभ की गई। जिन शीर्ष पांच राज्यों /संघ शासित प्रदेशों से अधिकतम ट्रेनें चलाई गई, वे हैं गुजरात (946 ट्रेनें), महाराष्ट्र (677 ट्रेनें), पंजाब (377 ट्रेनें), उत्तर प्रदेश (243 ट्रेनें), बिहार (215 ट्रेनें).
इन श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को देश भर के विभिन्न राज्यों में समाप्त कर दिया गया था.शीर्ष पांच राज्य जहां अधिकतम ट्रेनें समाप्त हो रही हैं, वे हैं उत्तर प्रदेश (1392 ट्रेनें), बिहार (1123 ट्रेनें), झारखंड (156 ट्रेनें), मध्य प्रदेश (119 ट्रेनें), ओडिशा (123 ट्रेनें).
आईआरसीटीसी ने यात्रा करने वाले प्रवासियों के बीच 78 लाख से अधिक मुफ्त भोजन और 1.10 करोड़ से अधिक पानी की बोतलें वितरित की.यह बात गौर करने लायक है कि आज चल रही ट्रेनों को भीड़भाड़ का सामना नहीं करना पड़ा है.
श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के अलावा, रेलवे नई दिल्ली से 15 जोड़ी स्पेशल ट्रेनें चला रहा है और उसकी 1 जून, 2020 से समय सारणी के साथ 200 और ट्रेनें चलाने की योजना है.
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