छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा प्रदेश के सभी शहरी आवासहीन निर्धन व्यक्तियों के स्थाई व्यवस्थापन के लिए एक बड़ी सौगात दी गई है। राज्य सरकार द्वारा राजीव गांधी आश्रय योजना की अवधि को बढ़ाकर अब 19 नवम्बर 2018 निर्धारित किया गया है। अब सभी नगर पालिका निगम, नगर पालिका परिषद एवं नगर पंचायतों में 19 नवम्बर 2018 को निवासरत झुग्गीवासियों को जिनके पास आवास का स्थाई पट्टा नहीं है, उन्हें स्थाई पट्टा दिया जाएगा। योजना के तहत नयी झुग्गीयों के निर्माण को रोकने की दृष्टि से आवासहीन शहरी गरीबों के लिए सस्ती दरों पर आवासीय भू-खण्ड उपलब्ध कराया जाएगा। पहले इसकी अवधि 19 नवम्बर 2002 थी.
क्लीक करे :पट्टाधारियों के नगर पंचायतों में 1500, नगर पालिकाओं में 1200 वर्गफुट भूमि का होगा नियमितिकरण-
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने निर्देश पर विस्तारित योजना के क्रियान्वयन के लिए नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग मंत्रालय महानदी भवन रायपुर से प्रदेश के सभी कलेक्टरों को परिपत्र जारी कर दिया गया है। परिपत्र के अनुसार नगरीय क्षेत्रों में प्राधिकृत अधिकारियों की नियुक्ति 7 अक्टूबर तक, झुग्गीवासियों का सर्वेक्षण 30 अक्टूबर तक और पात्र झुग्गीवासियों को स्थाई एवं अस्थाई पट्टा वितरण 25 नवम्बर तक अनिवार्य रूप से करने के निर्देश दिए गए हैं। विस्तारित योजना के तहत 19 नवम्बर 2018 को शहरी क्षेत्रों में शासकीय नजूल, स्थानीय निकाय, विकास प्राधिकरण की भूमि में निवास वाले आवासहीनों को ऐसी अधिभोग की भूमि के पट्टे की पात्रता होगी जिनका इस पते का राशन कार्ड बना हुआ हो। राशन कार्ड नहीं होने पर अन्य प्रमाणिक दस्तावेजों के आधार पर सत्यापन के बाद पट्टा प्रदान किया जाएगा.
योजना के तहत सामान्यतः झुुग्गीवासी व्यक्ति को 450 वर्ग फुट की भूमि का पट्टा प्राप्त करने की पात्रता होगी। 450 वर्गफुट से अधिक भूमि होने की स्थिति में नगर पंचायत क्षेत्रों में 1000 वर्गफुट, नगर पालिका क्षेत्रों में 800 वर्गफुट, रायपुर छोड़कर अन्य नगर पालिक निगम क्षेत्रों में 700 वर्गफुट तथा रायपुर नगर पालिक निगम क्षेत्र में 600 वर्गफुट क्षेत्रफल तक पट्टा प्रदान किया जा सकेगा। इस सीमा से अधिक भूमि पाए जाने पर संबंधित व्यक्ति से उसे रिक्त कराया जाएगा। झुग्गीवासी भूमिहीन व्यक्ति से पट्टे के लिए कोई प्रब्याजी या भू-भाटक नहीं लिया जाएगा। विकास शुल्क के रूप में नगर पंचायत क्षेत्रों 5 रूपए प्रतिवर्ग फुट, नगर पालिका क्षेत्र में 10 रूपए प्रतिवर्ष फुट, रायपुर नगर पालिका निगम क्षेत्र को छोड़कर प्रदेश की शेष नगर पालिका निगमों के लिए 10 रूपए प्रतिवर्ग फुट तथा रायपुर नगर पालिक निगम के लिए 15 रूपए प्रतिवर्ग फुट की दर से दस वर्षाें तक विकास शुल्क लिया जाएगा.
क्लीक करे :अमृतसर से 12 किलो हेरोइन कीमत 60 करोड़ के साथ दो गिरफ्तार
सामान्यतः झुग्गी बस्तियों को इकाई मानकर व्यवस्थापन किया जाएगा। पट्टा सीधे शासकीय अमले के माध्यम से प्रदाय किया जाएगा। यदि कोई झुग्गीवासी किराएदार के रूप में निवास कर रहा है तब भी पट्टे की पात्रता उसे ही होगी। किसी भी परिस्थिति में झुग्गी के मालिक (जिसने किराए पर झुग्गी दे रखी है) को पट्टा नहीं दिया जाएगा। पट्टे में परिवार की बालिग महिला सदस्यों का नाम सम्मिलित होगा। यथासंभव झुग्गीवासियों को उसी स्थान पर व्यवस्थित किया जाएगा परन्तु यदि व्यापक जनहित में झुग्गीयों को अन्यत्र स्थानांतरण किया जाना आवश्यक होगा तब यह निर्णय संबंधित उच्च स्तरीय समिति द्वारा लिया जाएगा। झुग्गीयों के अन्यत्र स्थानांतरण का निर्णय लेने से पूर्व समिति द्वरा झुग्गीवासियों को यथोचित सुनवाई का अवसर प्रदान किया जाएगा एवं विभिन्न तथ्यों का परीक्षण कर अंतिम निर्णय लिया जाकर झुग्गीवासियों को जहां स्थानांतरित किया जाएगा, उस भूमि का पट्टा दिया जाएगा.
परिपत्र में कहा गया है कि अगर कोई भूमिहीन नगरीय क्षेत्रों में सड़क, तालाब, नहर तथा सार्वजनिक उपयोग की भूमि पर काबिज है तब उस भूमि की पट्टे की पात्रता नहीं होगी। ऐसे व्यक्तियों को समिति अन्यत्र व्यवस्थापित करने का निर्णय ले सकेगी। नगरीय निकाय अधिनियम 1984 के तहत जिले के प्रत्येक नगरीय क्षेत्र के लिए प्राधिकृत अधिकारी की नियुक्ति की जाएगी। बड़े शहरों में जहां झुग्गी बस्तियों की संख्या अधिक है वहां आवश्यकता अनुसार एक से अधिक प्राधिकृत अधिकारी की नियुक्ति 7 अक्टूबर तक की जाएगी। प्राधिकृत अधिकारी प्रत्येक क्षेत्र के लिए निर्धारित प्रारूप-क में एक रजिस्टर तथा अधिभोग के अधीन भू-खण्ड को दर्शाने वाली स्थल कार्ययोजना तैयार करेंगे.
प्राधिकृत अधिकारी अपने क्षेत्र में स्थित झुग्गी बस्तियों की सूची 14 अक्टूबर तक संबंधित कलेक्टरों को उपलब्ध कराएंगे। झुग्गी बस्तियों के व्यापक सर्वेक्षण के लिए पर्याप्त संख्या में सर्वेक्षण दल बनाकर सर्वेक्षण की कार्रवाई 30 अक्टूबर तक पूर्ण की जाएगी। सर्वेक्षण दल से प्राप्त रिपोर्ट को सूचीबद्ध कर स्थाई-अस्थाई पट्टा जारी के पूर्व प्राधिकृत अधिकारी पात्र व्यक्तियों के नाम, भूमि का विवरण, पट्टा हेतु रकबा का विवरण, वार्ड-बस्ती का नाम सूचीबद्ध कर 7 दिन के भीतर दावा आपत्ति लेने की कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद पात्र झुग्गीवासियों को 25 नवम्बर स्थाई एवं अस्थाई पट्टा वितरित किया जाएगा.