लॉकडाउन के दौरान स्कूल में ठहरे प्रवासी मजदूरों ने स्कूल का किया कायाकल्प

पलायन सेंटर में ठहरे मजदूरों की एक अनूठी पहल , विद्यालय की कर दी फ्री में रंगाई पुताई

राजस्थान के पलायन सेंटर में ठहरे मजदूरों ने एक अनूठी पहल करते हुए पूरे प्रदेश में नई मिसाल पेश की है इलाके के स्कूल में ठहरे श्रमिक सरपंच के पास जाकर कहा कि वे जिस स्कूल में ठहरें हैं उसके रंग-रोगन का काम करना चाहते हैं। सरपंच से रंग-रोगन का सामान लाकर देने की मांग की। सरपंच व विद्यालय स्टाफ की ओर से सामग्री उपलब्ध कराने के बाद मजूदरों ने विद्यालय में रंगाई पुताई का कार्य शुरू कर दिया

राजस्थान के सीकर जिले के पलसाना राजकीय स्कूल में ठहरे श्रमिक बोले- गांव वालों ने हमारे लिए इतना कुछ किया, हम भी कुछ करके जाएं। ऐसे समय में गांव के लोग इतने दिनों से हमारी इतनी अच्छी खातिरदारी कर रहे हैं और हमारी काम की आदत छूट गई तो फिर काम भी नहीं हो पाएगा। दिनभर में खाली बैठने से अच्छा है गांव के लिए कुछ करके जाएं।

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श्रमिकों ने पलायन सेंटर की रंगाई-पुताई का काम शुरू कर दिया है। दरअसल पलसाना कस्बे के शहीद सीताराम कुमावत व सेठ केएल ताम्बी राउमावि में पलायन सेंटर संचालित है। यहां हरियाणा, राजस्थान, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश के 54 मजदूर ठहरे हुए हैं। ये सभी लोग पूर्ण रूप से स्वस्थ हैं और इनका क्वारंटाइन समय भी पूरा हो गया है। सेंटर पर ठहरे मजदूरों ने बताया कि वो मेहनतकश लोग हैं, ठाले बैठे तो बीमार हो जाएंगे। सरपंच और गांव के भामाशाहों ने हमारे लिए बहुत ही अच्छी व्यवस्था कर रखी है जिसकी हम कल्पना भी नहीं कर सकते।

बदले में गांव के लिए हम भी कुछ करना चाहते हैं। अभी हमें बाहर तो जाने दिया नहीं जाएगा। ऐसे में स्कूल की पुताई शुरू कर दी है। शुक्रवार को उन्होंने सरपंच से रंग-रोगन का सामान लाकर देने की मांग की। सरपंच व विद्यालय स्टाफ की ओर से सामग्री उपलब्ध कराने के बाद मजूदरों ने विद्यालय में रंगाई पुताई का कार्य शुरू कर दिया।

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इसी दौरान शिविर का निरीक्षण करने के लिए आए अतिरिक्त जिला कलेक्टर जयप्रकाश ने भी सेंटर का निरीक्षण कर सेंटर पर ठहरे लोगों से काफी देर तक चर्चा की। प्रवासी लोगों को विद्यालय परिसर में कार्य करते देख वे काफी खुश हुए। पंवार ने मजदूरों के विचार सुन उनकी तारीफ की और कहा कि यहां के सरपंच, विद्यालय स्टाफ एवं भामाशाहों के साथ ही प्रवासी लोगों की ओर से एक परिवार की तरह किया जा रहा कार्य अन्य सेंटर के लिए रोल मॉडल है।

पलसाना सरपंच रूप सिंह शेखावत ने बताया कि प्रशासन की ओर से सेंटर स्थापित करने के बाद प्रवासी लोगों के लिए भोजन-पानी और ठहराने की जिम्मेदारी दी गई। अब प्रवासी लोगों ने खुद कार्य करने की इच्छा जताई है तो रंग-रोगन उपलब्ध करवा दिया। इनके व्यवहार से पूरा गांव अभिभूत है।

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