राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देश का विकास और जनता का कल्याण सुनिश्चित करने के लिए सरकार और विपक्ष दोनों को मिलकर आगे बढ़ने की आवश्यकता पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि इस प्रयास में दोनों की महत्वपूर्ण भूमिका है। महात्मा गांधी के अहिंसा के संदेश को याद करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि लोगों, खासतौर से युवाओं को मानवता के लिए अहिंसा का संदेश नहीं भूलना चाहिए। 71वें गणतंत्र दिवस समारोह की पूर्व संध्या पर राष्ट्र को सम्बोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि महात्मा गांधी के आदर्श, राष्ट्र निर्माण के प्रयास में आज भी प्रासंगिक हैं और ये सच्चाई तथा अहिंसा के महात्मा गांधी के संदेशों को लेकर हमारे आत्मविश्लेषण का हिस्सा होना चाहिए। कोविंद ने कहा कि भारत और भारतीय आगे बढ़ रहे हैं और हम लोग अपने और पूरी मानव जाति के लिए सुरक्षित तथा समृद्ध भविष्य के निर्माण के लिए विश्व समुदाय से सम्पर्क बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है।
राष्ट्रपति ने कहा कि देश के विकास के लिए मजबूत आंतरिक सुरक्षा आवश्यक है और सरकार ने इस दिशा में ठोस कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य और शिक्षा तक पहुंच सुशासन की बुनियाद है और हम लोगों ने पिछले सात दशकों के दौरान इस क्षेत्र में अच्छा काम किया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने महत्वाकांक्षी योजनाओं के साथ स्वास्थ्य क्षेत्र में विशेष ध्यान केन्द्रित किया है। प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना और आयुष्मान भारत जैसी महत्वाकांक्षी योजनाओं के साथ सरकार ने गरीबों के कल्याण का ध्यान रखा है। शिक्षा पर राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार का प्रयास है कि प्रत्येक बच्चा और युवा शिक्षित हो। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही लगातार सुधार के ज़रिए हमें विश्व स्तर की शिक्षा प्रणाली हासिल करनी है। जल संरक्षण और जल प्रबंधन पर जोर देते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने विश्वास व्यक्त किया कि स्वच्छ भारत अभियान और जल जीवन मिशन लोकप्रिय आंदोलन बनेगा।
राष्ट्रपति ने कहा कि वस्तु और सेवाकर प्रणाली ने एक राष्ट्र, एक कर और एक बाजार के हमारे दृष्टिकोण को पूरा किया है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख, पूर्वोत्तर राज्यों तथा हिंद महासागर के द्वीप समूहों सहित पूरे देश का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित करने के लिए सरकार की ओर से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि देश को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन की उपलब्धियों पर गर्व है। उन्होंने कहा कि देश भारतीय मानव अंतरिक्ष यान कार्यक्रम की उत्सुकता से प्रतीक्षा कर रहा है।
सशस्त्र बलों की प्रशंसा करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि देश की अखंडता और सुरक्षा को बनाए रखने में उनका बलिदान, अद्वितीय साहस और अनुशासन की अमर गाथायें प्रस्तुत करता है। उन्होंने कहा कि भारत ने खेल के क्षेत्र में बहुत अच्छा काम किया है। नए खिलाडियों और एथलिटों ने देश की प्रतिष्ठा बढ़ाई है उन्होंने कहा कि तोक्यो ओलंपिक 2020 में पूरे देश की शुभकामनाएं भारतीय दस्ते के साथ हैं। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में फैले प्रवासी भारतीय, देश के लिए गौरव हैं। उन्होंने न केवल उद्देश्यों की प्रगति में योगदान दिया है बल्कि विश्व समुदाय में भारत की छवि भी बढ़ाई है।
राष्ट्रपति ने विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय काम करने वाले लोगों के साथ अपनी बातचीत का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों ने चुपचाप काम करते हुए विज्ञान, नवाचार, दिव्यांगों के सशक्तिकरण, महिला और बाल विकास, शिक्षा तथा स्वास्थ्य सहित विभिन्न क्षेत्रों में अमूल्य योगदान किया है।
राष्ट्रपति ने कहा कि हम लोग अभी 21वीं शताब्दी के तीसरे दशक में हैं और यह दशक नये भारत तथा नई पीढ़ी के लिए अग्रदूत साबित होगा। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि नयी पीढ़ी हमारे बुनियादी मूल्यों के लिए प्रतिबद्ध रहेगी। उन्होंने कहा कि युवाओं के लिए राष्ट्र हमेशा पहले आएगा।
राष्ट्रपति कोविंद ने विश्वास व्यक्त किया कि नयी पीढ़ी लोकतंत्र के न्याय, स्वतंत्रता, समानता और भाईचारे के केन्द्रीय सिद्धांतों से जुड़ी रहेगी।राष्ट्रपति ने अपना सम्बोधन भारतीय संविधान के निर्माता बाबासाहब आम्बेडकर का उल्लेख करते हुए अपना सम्बोधन समाप्त किया। उन्होंने कहा कि बाबा साहब के शब्द नयी उपलब्धियों की ओर बढ़ते रहने का रास्ता प्रशस्त करते रहेंगे।
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