‘रायसीना डायलॉग’ में बोले विदेश मंत्री एस जयशंकर, कहा भारत पहले के मुकाबले अब बचने में नहीं बल्कि निर्णय लेने में रखता है विश्वास, चीन के साथ संबंधों में संतुलन को बताया अहम, कहा दोनों देशों को साथ साथ चलना होगा, आतंकवाद पर सख्ती से निपटने की भारत की नीति दुहराई.
दुनिया के करीब 100 देशों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में दिल्ली में हो रहे ‘रायसीना डायलॉग’ में तमाम वैश्विक मसलों पर चर्चा हुई । विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने ‘रायसीना डायलॉग’ के दूसरे दिन सम्मेलन को संबोधित किया और विदेश नीति से जुडे तमाम मसलों पर खुलकर भारत का पक्ष रखा । विदेश मंत्री ने हाल के दिनों में भारत की विदेश नीति में आए बदलावों का जिक्र किया और कहा कि भारत अब बचने की कोशिश नहीं करता बल्कि निर्णय लेने में विश्वास रखता है।
विदेश मंत्री का यह बयान ऐसे समय में आया है जब कई देशों ने हिंद-प्रशांत में भारत की बड़ी भूमिका का आह्वान किया है। विदेश मंत्री ने चीन के साथ संबंधों पर भी राय रखी और कहा कि पड़ोसी देशों के लिए महत्वपूर्ण मुद्दों पर सहमति बनाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि दोनों देश बड़ी आर्थिक महाशक्ति हैं और दोनों देशों के लिए संबंधों में संतुलन अहम है. ऐसे में हमें साथ-साथ चलना होगा।
सम्मेलन के दौरान “The India Way: Preparing for a Century of Growth and Contest”. शीर्षक वाले सत्र में विदेश मंत्री ने कहा कि एक समय था जब हम काम करने की तुलना में बोलते ज्यादा थे, लेकिन अब यह स्थिति बदल रही है। उन्होंने कहा कि भारत आतंकवाद से सख्ती से निपट रहा है। अनुच्छेद 370 और सीएए जैसे आंतरिक मसलों पर दुनिया को भारत का पक्ष बताने से जुडे एक सवाल के जवाब में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि दुनिया के सामने कई साझा खतरे हैं और हर देश उसे अपने अपने परिप्रेक्ष्य में हल करता है।
रायसीना डायलॉग के पांचवें संस्करण का आयोजन विदेश मंत्रालय और ‘ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन’ सम्मिलित रूप से कर रहे हैं। इसमें सौ से अधिक देशों के 700 अंतरराष्ट्रीय भागीदार हिस्सा ले रहे हैं। और इस तरह का यह सबसे बड़ा सम्मेलन है। मंगलवार को सम्मेलन की शुरुआत हुई थी और खुद पीएम नरेंद्र मोदी वहां पहुंचे थे ।
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