Home देश जुलाई में होने वाली सीबीएसई के दसवीं और बारहवीं की परीक्षाएं रद्द

जुलाई में होने वाली सीबीएसई के दसवीं और बारहवीं की परीक्षाएं रद्द

उच्‍च्‍तम न्‍यायालय द्वारा परीक्षाओं को रद्द करने संबंधी याचिकाओं की सुनवाई कर रहा है

केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड 1

केन्‍द्र और केन्‍द्रीय माध्‍यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने आज उच्‍चतम न्‍यायालय को बताया कि पहली से 15 जुलाई तक निर्धारित दसवीं और बारहवीं कक्षा की बकाया परीक्षाएं को कोविड-19 महामारी के मद्देनज़र रद्द करने का फैसला किया है। बोर्ड ने यह भी कहा है कि ये परीक्षाएं बाद में आयोजित की जाएंगी।

उच्‍च्‍तम न्‍यायालय, देश में कोविड-19 के बढ़ते प्रकोप की वजह से पहली से 15 जुलाई तक होने वाली बारहवीं कक्षा की बाकी परीक्षाओं को रद्द करने संबंधी याचिकाओं की सुनवाई कर रहा था।

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने न्‍यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर की अध्‍यक्षता वाली पीठ को बताया कि बारहवीं कक्षा के विद्यार्थियों के कार्य‍ निष्‍पादन का पिछली परीक्षा के आधार पर आकलन करने के लिए भी एक योजना बनायी गई है।

उच्‍चतम न्‍यायालय को बताया गया कि विद्यार्थ‍ियों को, बाद में आयोजित की जाने वाली परीक्षा में शामिल होने या पिछली परीक्षा पर आधारित आकलन के विकल्‍पों में से किसी एक को चुनना होगा।

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ऊर्जा मंत्री ने बिजली क्षेत्र में प्रस्‍तावित सुधारों की आवश्‍यकता पर बल दिया

 

ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने बिजली क्षेत्र में प्रस्‍तावित सुधारों की आवश्‍यकता पर बल दिया है। उन्‍होंने आज वीडियो कॉन्‍फ्रेंस के जरिए संवाददाताओं से बातचीत में बताया कि बिजली क्षेत्र को उपभोक्‍ता केन्‍द्र‍ित बनाने की दिशा में सुधारों के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि केन्‍द्र सरकार राज्‍य विद्युत विनियामक आयोगों के अध्‍यक्षों और सदस्‍यों की नियुक्ति में राज्‍यों का कोई भी अधिकार नहीं छीन रहा है। उन्‍होंने कहा कि प्रस्‍तावित सुधारों का उद्देश्‍य पारदर्शिता को बढ़ावा देना है।

विद्युत शुल्‍क तय करने के बारे में स्‍पष्‍टीकरण देते हुए ऊर्जा मंत्री ने कहा कि यह काम राज्‍य विद्युत विनियामक आयोग का है। उन्‍होंने इस बात पर बल दिया कि बिजली क्षेत्र में प्रस्‍तावित सुधारों का उद्देश्‍य उपभोक्‍ताओं के हितों का संरक्षण सुनिश्चित करने के लिए पारदर्शिता और जवाबदेही लाना है। उन्‍होंने कहा कि सब्सिडी देने के लिए राज्‍यों पर कोई प्रतिबंध नहीं है लेकिन उन्‍हें इस राशि का भुगतान प्रत्‍यक्ष लाभ अंतरण-डीबीटी के जरिए करना चाहिए ताकि डिस्‍कॉम की स्थिति अच्‍छी बनी रहे और वह वितरण संबंधी बुनियादी ढांचे के रख-रखाव और सुधार में सार्थक हो।

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