पटवारी, कोटवार, सचिव हुए निलंबित एवं ग्राम पटेल हुआ बर्खास्त-

कोरोना आपदाकाल में ग्रामीण क्षेत्रो में किसी भी प्रकार के आयोजन पर है प्रतिबंध

कोण्डागांव:मारक-महामारी नोवेल कोरोना (कोविड-19) के संक्रमण नियंत्रण के रोकथाम को देखते हुए शासन एवं जिला स्तर पर संपूर्ण लाॅक डाउन करने के साथ-साथ धारा-144 प्रभावशील की गई है। जिसके अंतर्गत जिले में कहीं भी किसी भी प्रकार के सभा, धरना, रैली, जुलूस, धार्मिक-सांस्कृतिक एवं राजनीतिक कार्यक्रमो पर रोक लगाई गई है.

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इसके बावजूद विकासखण्ड माकड़ी के ग्राम केरावाही में दिनांक 15 अप्रैल 2020 को वार्षिक मेले के तहत ग्रामीणों के भीड़ के बीच बाजार स्थल के कुंवर बाबा मंदिर में धार्मिक अनुष्ठान किया गया। जबकि इस संबंध में न तो पटवारी, ग्राम कोटवार, ग्राम सचिव एवं ग्राम पटेल द्वारा सम्पन्न हुए धार्मिक गतिविधियों के किसी भी प्रकार की जानकारी से तहसील अथवा जिला मुख्यालय को अवगत नहीं कराया गया। एक मैदानी कर्मचारी होने के नाते सभी को जिला प्रषासन द्वारा सख्त निर्देष दिए गए है कि ग्रामों में चलने वाली इस प्रकार की गतिविधियों की जानकारी तत्काल अपने वरिष्ठ अधिकारियों को दी जाए। ऐसी गंभीर लापरवाही के चलते अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) द्वारा ग्राम कोटवार धुमादास, पिता पोहड़ू दास को भू-राजस्व संहिता की धारा-230 एवं हल्का पटवारी शत्रुघ्न सिंह चैहान (पटवारी हल्का नंबर-08), ग्राम सचिव सविता पोयाम को तत्काल प्रभाव से निलंबित एवं ग्राम पटेल बामन राम नेताम को भू-राजस्व संहिता की धारा-222 के तहत पद से बर्खास्त कर दिया गया है.

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उल्लेखनीय है कि वर्तमान आपदा स्थिति को देखते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में किसी भी प्रकार की गतिविधि के लिए सूचना तंत्र हेतु मैदानी कर्मचारियों का यह दायित्व है कि वे अपने प्रभार क्षेत्र के ग्राम गतिविधियों के संबंध में वरिष्ठ अधिकारियों को तत्काल जानकारी देवे। ऐसे में उक्त जमीनी कर्मचारियों द्वारा अपने पदीय दायित्व का निर्वहन न करना घोर लापरवाही की श्रेणी में आता है। जिसके मद्देनजर उक्त कड़ी कार्यवाही की गई। निलंबित पटवारी का निलंबन अवधि में मुख्यालय तहसील कार्यालय माकड़ी में निर्धारित किया गया है.

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