दोषियों की फांसी पर रोक लगाने के फैसले की याचिका पर दिल्ली HC ने फैसला सुरक्षित रखा

दिल्‍ली उच्‍च न्‍यायालय ने निर्भया सामूहिक दुष्‍कर्म और हत्‍या मामले के चार दोषियों की फांसी पर रोक को चुनौती देने वाली केन्‍द्र की याचिका पर निर्णय सुरक्षित रखा है। न्‍यायमूर्ति सुरेश कैत ने कल कहा कि न्‍यायालय सभी पक्षों के तर्क सुनने के बाद अपना आदेश देगा।केन्‍द्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने उच्‍च न्‍यायालय को बताया कि सजायाफ्ता दोषियों की ओर से सुनियोजित तरीके से जानबूझकर न्‍याय का रास्‍ता रोकने और फांसी की सजा में देर के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं।

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सॉलिसिटर जनरल मेहता ने कहा कि चारों दोषियों को अब बिल्‍कुल समय नहीं दिया जाना चाहिए। इस सिलसिले में उन्‍होंने 2019 के हैदराबाद की एक पशु चिकित्‍सक के साथ सामूहिक दुष्‍कर्म और हत्‍या के मामले का उल्‍लेख किया जिसमें चारों आरोपी कथित मुठभेड़ में पुलिस के हाथों मारे गए थे। सॉलिसिटर जनरल मेहता ने कहा कि न्‍यायपालिका की विश्‍वसनीयता और फांसी दिलवाने के उसके अधिकारों पर प्रश्‍नचिन्‍ह लग रहा है।चारों आरोपियों की दलील है कि एक ही आदेश से उनको मौत की सजा सुनाई गई है इसलिए उन्‍हें अलग-अलग नहीं बल्कि एक साथ फांसी दी जानी चाहिए।

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