महासमुंद-भाजपा सांसद चुन्नीलाल साहू ने जिले के सरायपाली विकासखंड में कोरोना संक्रमण के प्रति बरती गई प्रशासनिक लापरवाही पर नाराज़गी व्यक्त की है। सांसद ने कहा कि छत्तीसगढ़ में विस्फोटक होते जा रहे कोरोना संक्रमण के इस भीषण दौर में भी प्रदेश सरकार और उसके प्रशासन तंत्र की ओर से बरती जा रही लापरवाही के जो नमूने प्रकाश में आ रहे हैं, वे न केवल सरायपाली क्षेत्र, अपितु महासमुंद ज़िले में कोरोना संक्रमण के फैलाव की आशंका घनीभूत कर रहे हैं और ज़िलेभर में इससे दहशत का माहौल बना है।
सांसद साहू ने इस बात पर भी चिंता जताई है कि सरायपाली ब्लॉक के विभिन्न स्थानों पर क्वारेंटाइन कर रखे गए लोगों के स्वाब सैंपल की जाँच रिपोर्ट उनके क्वारेंटाइन पीरियड में नहीं आने के कारण वे लोग अपना क्वारेंटाइन पीरियड पूरा कर घर लौट गए और उसके 05 दिनों के बाद 10 जून को उनकी जाँच रिपोर्ट कोरोना पॉज़ीटिव आई है।
भाजपा संसद सदस्य ने कहा है कि प्रशासन यह सुनिश्चित करे कि क्वारेंटाइन कर रखे गए लोगों की जाँच रिपोर्ट हरसंभव उनके क्वारेंटाइन पीरियड में आ जाए और किन्हीं अपरिहार्य तकनीकी वज़हों से यह न हो सके तो क्वारेंटाइन पीरियड पूरा कर घर लौटने वालों को मुनादी कर तब तक होम आइसोलेशन में रखा जाए, जब तक कि उनकी जाँच रिपोर्ट नहीं आ जाती।
सांसद साहू के मुताबिक़ सरायपाली क्षेत्र में क्वारेंटाइन सेंटर्स में रखे गए 07 लोगों की जाँच रिपोर्ट पॉज़ीटिव आने के बाद क्षेत्र में हर कोई बेहद सशंकित है। इनमें एक महिला भी है जो गर्भवती थी और क्वारेंटाइन पीरियड में ही उसने एक बच्चे को जन्म दिया था। इन सभी को 24 मई को क्वारेंटाइन किया गया था और महिला को छोड़कर शेष लोग क्वारेंटाइन पीरियड पूरा कर 06 जून को घर लौट गए थे। महिला ने चूंकि 25 मई को ही बच्चे को जन्म दिया था, उसे तत्काल पाटसेंद्री के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया था।
उन्होंने कहा कि 10 जून को उन सबकी जो जाँच रिपोर्ट आई है, उसके मुताबिक ये सभी लोग कोरोना पॉज़ीटिव पाए गए हैं। महिला को छोड़कर शेष सभी छह लोग इन 05 दिनों की अवधि में मज़े से घूमते रहे, लोगों से मिलते रहे और शादियों में शरीक़ होते रहे यहाँ तक कि एक व्यक्ति तो शादी के कार्यक्रम में शरीक़ होकर भोजन तक परोस चुका है। ज़ाहिर है, उनसे संपर्क में आने के बाद संपर्कित लोग अब दहशत में हैं।
भाजपा संसद सदस्य ने सबसे ज़्यादा हैरत तो गुजरात से लौटी गर्भवती महिला के मामले को लेकर जताई है। उक्त महिला 24 मई के कोकेनचुँआ क्वारेंटाइन सेंटर में रखी गई थी और 25 मई को ग्राम काकेनचुआं के क्वॉरेंटाइन सेंटर में ही उसने एक बच्चे को जन्म दिया था। जच्चा-बच्चा को बीएमओ के निर्देश पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पाटसेन्द्री में भर्ती कराया गया, जबकि नियमानुसार महिला और बच्चे को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र स्थित आइसोलेशन वार्ड में रखा जाना था।
उक्त महिला को 28 मई को होम आइसोलेशन के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से रिलीफ कर दिया गया था। उक्त महिला के लिए स्वास्थ्य केंद्र के सामने ही स्थित एक होटल से खाने-पीने की सामग्रियाँ भेजे जाने की ख़बर भी है। उस होटल में इन दिनों में न जाने कितने लोगों ने अल्पाहार और चाय-पान किया होगा! सांसद साहू ने कुर्मीपाली के उस मामले पर भी चिंता व्यक्त की है जिसमें क्वारेंटाइन रहे एक व्यक्ति के भाई की रिपोर्ट कोरोना पॉज़ीटिव आई है और क्वारेंटाइन कर रखे गए इस व्यक्ति का सैंपल जाँच के लिए लिया ही नहीं गया है!
सासद साहू ने ज़रा क्वारेंटाइन सेंटर्स का ईमानदारी से निरीक्षण कर लेने की नसीहत दी जहाँ से लोगों के भागने, विषैले जीव-जंतुओं के दंश से मौतें होने, लोगों द्वारा आत्महत्या करने जैसी वारदातें अख़बारी सुर्खियों का विषय बन चुकी हैं। उन्होंने कहा कि पंचायतों को सिर्फ़ अधिकार देना ही पर्याप्त नहीं, उन्हें क्वारेंटाइन सेंटर्स के सुचारु संचालन के लिए राशि भी मुहैया कराना ज़रूरी है। प्रदेश सरकार तो केंद्र से मिली आपदा मद की राशि तक इन पंचायतों को नहीं दे रही है और सरपंचों व पंचायत जनप्रतिनिधियों को दान के पैसों से इन सेंटर्स के संचालन की शर्मनाक नसीहतें दे रही है!