जनपद अध्यक्ष चुनाव: कांग्रेस को सता रहा क्रॉस वोटिंग का डर,संशय में है कांग्रेस- भाजपा

बागबाहरा से अजित पुन्ज

बागबाहरा। जनपद पंचायत में आज जनपद अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव होना है।कांग्रेस ने जनपद अध्यक्ष के लिए शशि तेजन चन्द्राकर तो वंही भाजपा ने स्मिता हितेश चंद्राकर को उम्मीदवार बनाया है।बतां दें बागबाहरा जनपद पंचायत में कांग्रेस के 16, भाजपा के 9 सदस्य बताये जा रहे हैं।चूंकि जनपद पंचायत चुनाव संस्था याने पार्टी नहीं व्यक्ति की ओर से लड़ा गया है,जनपद (ब्लॉक) कांग्रेस का हाल भी देश की कांग्रेस की तरह ही है। विधान सभा चुनाव में ऑक्सीजन, कांग्रेस को मिली लेकिन लोकसभा में कुनबे की कलह साफ हो गई।जिस महासमुंद जिले में चार विधानसभा पर पार्टी ने जीत का परचम लहराया और उसी जिले में और उसी शहर में लोकसभा की इस करारी हार पर किसी ने चिंतन तक नहीं किया….क्योंकि वजह साफ थी कलह….कलह और सिर्फ आपसी कलह।यह कहना गलत नहीं होगा,यदि आपसी फूट न होती तो भले ही कांग्रेस पराजित होती, लेकिन हार का अंतर ऐतिहासिक नहीं हो पाता,अब इस पर भी चिंतन नही करेंगे तो किस पर करेंगे।

यह बात नगरीय निकाय चुनाव मे भी दोहराई गई, शहर सरकार कॉग्रेस की कैसे बनी,हकीकत सभी जानते हैं।यह बात अब जनपद पँचायत के अध्यक्ष चुनाव में एक बार फिर सामने दिख सकती है।बात करे भाजपा की तो अनुशासन – महिमा गान और कैडर- बेस पार्टी कहे जाने वाले भगवा तंबू में शहर सरकार बनाने नपा उपाध्यक्ष के दो भावी प्रत्याशी एक दूसरे से टकरा गए और भाजपा के 6 में से 4 निर्वाचित पार्षद कांग्रेस की गोद मे जाकर बैठ गए और कांग्रेस के नपाध्यक्ष की हार, जीत में बदल गई।

जनपद अध्यक्ष चुनाव के लिए जनपद के 25 सदस्य , 13 फरवरी को मतदान करेंगे।जनपद अध्यक्ष चुनाव में जहां कांग्रेस का स्पष्ट बहुमत है और भाजपा के जनपद सदस्यों की संख्या अल्पमत है।नगर निकाय चुनाव में धोखा खा चुकी भाजपा इस जनपद चुनाव में कांग्रेस की कलह को देखते हुए आत्मविश्वास के रथ पर सवार भाजपाइयों को ऐसा लगता है की क्रॉस वोटिंग होने पर इस चुनाव में उनके प्रत्याशी को जीत मिल सकती है। कांग्रेस ने इसे विपक्ष की चाल बताया है और हारे हुए विपक्ष की यह अफवाह मात्र है।इससे पार्टी को कोई नुकसान नही होने वाला है।इसी के चलते दोनो दल अपनी कमजोर कड़ियाँ सुधारने में लगे हैं।


भाजपा की ओर से जनपद अध्यक्ष प्रत्याशी के रूप मे स्मिता हितेश चन्द्राकर को तथा कांग्रेस की ओर से शशि तेजन चंद्राकर को मैदान में उतारा गया है।मतदान आज बुधवार को होगा।असल मे जनपद अध्यक्ष चुनाव में हॉर्स ट्रेडिंग व धनबल के आरोप लगते रहते हैं। जनपद सदस्यों के खरीद फरोख्त की आशंकाएं बनी रहती हैं।इसलिए भाजपा व कॉग्रेस ने अपने जनपद सदस्यों के अलावा अपने अपने अन्य जनपद सदस्यों की किलेबंदी कर रखी है। भाजपा प्रत्याशी के रूप में  स्मिता चन्द्राकर भाजपा नेता हितेश चन्द्राकर की पत्नि व पूर्व जनपद अध्यक्ष नायक राम चन्द्राकर की पुत्रवधू हैं, जिनका पूरा कुनबा लम्बे समय तक अलग अलग जनपद अध्यक्ष रह चुके है।पूरा परिवार सम्पन्न किसान व उद्यमी होने के साथ राजनीति के दांव पेंच व जोड़-तोड़ में माहिर माने जाते हैं।

उनके राजनीतिक अनुभव का लाभ स्मिता चन्द्राकर को मिलेगा। जनपद पँचायत चुनाव के बाद जनपद अध्यक्ष बनने के लिए आवश्यक आंकड़े को छूने और कांग्रेस के जीते कई जनपद सदस्यों में स्मिता हितेश चन्द्राकर के नाम पर सहमति बनाने में उनके ससुर के नाम की अहम भूमिका बताई जा रही है। दूसरी तरफ बात करें कांग्रेस की शशि चन्द्राकर की तो वे क्षेत्र के संपन्न किसान व व्यवसाय से संबंध रखने वाले रसूखदार कांग्रेस नेता तेजन चन्द्राकर की पत्नि है।पूर्व जनपद अध्यक्ष शशि चन्द्राकर भले ही जीत के लिए आंकड़े में अभी मज़बूत हो लेकिन क्रॉस वोटिंग और कांग्रेस खेमे में फूटे असंतोष के उन्हें पूरी उम्मीद पर संशय बरकरार है। यही कारण है उनकी ओर से नामांकन दाखिल करने के पहले सदस्य बिखरने के साथ सक्रिय हो उठे है ।कहना न होगा जनपद अध्यक्ष की सीट पर दोनों ही पार्टियों में खलबली मची हुई।

“जनपद में किस करवट बैठेगा ऊंठ ? “

इस बार जनपद अध्यक्ष का चुनाव काफी दिलचस्प होने वाला है।जंहा कांग्रेस के सामने बड़ी चुनौती तो है ही साथ ही भाजपा के लिए भी यह इम्तिहान काफी कठिन है। जो खबरें मिल रही हैं उसके मुताबिक मतदान से संकेत मिलने लगेंगे की ऊंठ किस करवट बैठने वाला है।

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