छत्तीसगढ़ के लिए जल जीवन मिशन की वर्ष 2020-21 की कार्य योजना को केन्द्र से मिली सैद्धांतिक मंजूरी –

योजना के प्रथम चरण के लिए स्वीकृत किए 445 करोड़ रूपए

प्रतीकात्मक फोटो

रायपुर :जल जीवन मिशन के तहत छत्तीसगढ़ राज्य के लिए वर्ष 2020-21 की 3500 करोड़ रूपए की कार्य योजना को केन्द्र सरकार ने सैद्धांतिक सहमति प्रदान करते हुए इसके प्रथम चरण के कार्याें के लिए 445 करोड़ रूपए की स्वीकृति प्रदान की है.

जल जीवन मिशन के तहत प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में हर घर नल से जल आपूर्ति की जाएगी। भारत सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य के लिए वर्ष 2020-21 की कार्य योजना 3500 करोड़ रूपए की कार्य योजना की सैद्धांतिक सहमति देते हुए प्रथम चरण में इस कार्य के लिए 1000 करोड़ रूपए की स्वीकृति प्रदान कर दी गई, जिसमें से 445 करोड़ रूपए केन्द्र सरकार के, 445 करोड़ रूपए राज्य शासन के एवं शेष सामुदायिक अंशदान के रूप में होंगे। इससे छत्तीसगढ़ राज्य के कुल 16 लाख 70 हजार 752 ग्रामीण घरों में नल कनेक्शन देने के कार्याें को गति मिलेगी.

यह भी पढ़े :गांवों में जल जीवन मिशन योजना का हुआ अनुमोदन

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 19 मई को केन्द्रीय जल शक्ति गजेन्द्र सिंह शेखावत के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जल जीवन मिशन की छत्तीसगढ़ की कार्य योजना के संबंध में विचार-विमर्श किया गया था। छत्तीसगढ़ के लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री  गुरू रूद्रकुमार भी इस अवसर पर उपस्थित थे.

केन्द्रीय मंत्री के साथ चर्चा में वर्ष 2023-24 तक जल जीवन मिशन के अंतर्गत राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों के कुल 45 लाख 48 हजार 80 घरों तक ‘हर घर नल से जल‘ हेतु छत्तीसगढ़ की कार्ययोजना तैयार करने का निर्णय लिया गया। मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल ने इस योजना के लिए 50 प्रतिशत राज्यांश की राशि तथा समुदाय अंशदान की राशि उपलब्ध कराने की बात कही थी। छत्तीसगढ़ द्वारा विभाग के 7 वर्ष पुराने यूनिफाईड शेड्यूल ऑफ रेट्स (यू.एस.ओ.आर.) को पुनरीक्षित कर नवीन यू.एस.ओ.आर. तैयार किया गया है जिसकी केन्द्र ने सराहना की है.

यह भी पढ़े :विदेशों से 8503 भारतीयों की हुई अब तक स्वदेश वापसी,वंदे भारत मिशन के तहत

मुख्यमंत्री  बघेल के निर्देशानुसार लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा वर्ष 2020-21 के लिए 3500 करोड़ रूपए की वार्षिक कार्ययोजना तैयार की गई है। इस वार्षिक कार्ययोजना का प्रस्तुतीकरण 29 मई 2020 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जल शक्ति मंत्रालय के अधिकारियों के समक्ष किया गया। भारत सरकार द्वारा पेयजल योजनाओं के संचालन-संधारण को जनभागीदारी से अनिवार्य रूप से जोड़ने पर जोर दिया गया.

हमसे जुड़े;-

Twitter:https:DNS11502659

Facebook https:dailynewsservices/

 WatsApp https:FLvSyB0oXmBFwtfzuJl5gU