रायपुर :मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश के परिपालन में कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने कृषि विभाग के अधिकारियों को आगामी खरीफ सीजन 2020 में राज्य एवं केंद्र प्रवर्तित सभी योजनाओं, जिनके अंतर्गत फसल प्रदर्शन लिया जाना है .
उन्हें गौठान वाले ग्रामों में ही अनिवार्य रूप से आयोजित करने के निर्देश दिए है.गौठान वाले गांव में फसल प्रदर्शन की परिपूर्णता के बाद ही दूसरे गांव में फसल प्रदर्शन लिया जा सकेगा फसल प्रदर्शन का उद्देश्य कृषकों को उन्नत तकनीक से खेती करने हेतु प्रोत्साहित करना तथा फसल उत्पादकता को बढ़ावा देना है। फसल प्रदर्शन के लिए कृषि विभाग द्वारा न सिर्फ कृषकों को तकनीकी मार्गदर्शन दिया जाता है, बल्कि फसल प्रदर्शन लगाने के लिए अलग-अलग योजनाओं के तहत अनुदान के रूप में कृषि आदान सामग्री भी दी जाती है.
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जिसमें उन्नत किस्म का बीज , खाद एवं अन्य सामग्री शामिल होती है। विधि से धान की खेती को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य कृषि विभाग फसल प्रदर्शन वाले हितग्राही कृषक को प्रति हेक्टेयर के मान से लगभग 3500 रुपए की आदान सामग्री देता है। इसके लिए एक कृषक को अधिकतम एक हेक्टेयर के लिए 14 00 रुपए की आदान सामग्री दिए जाने का प्रावधान है । इसी तरह धान की कतार बोनी को प्रोत्साहित करने के लिए अधिकतम 5 एकड़ तक के लिए 15000 रुपये तक का अनुदान दिया जाता है ,जो आदान सामग्री के रूप में होता है । ग्रीष्मकालीन धान के एवज में दलहन तिलहन और मक्का की खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रति एकड़ के मान से 2000 रुपए का अनुदान दिए जाने का प्रावधान है। प्रति किसान इस की अधिकतम सीमा 10000 रुपये है .
यहां यह गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ राज्य में खरीफ सीजन में लगभग 37 से 38 लाख हेक्टेयर में धान की खेती होती है ,जबकि ग्रीष्मकालीन धान की खेती का रकबा लगभग दो लाख हेक्टेयर है। राज्य में प्रोटीन युक्त खाद्यन्न उत्पादकता को बढ़ावा देने, भूमि की उर्वरा शक्ति को बनाए रखने तथा भू-जल के दोहन को कम करने के उद्देश्य से धान के बदले दलहन तिलहन और मक्का की खेती को प्रोत्साहित किया जा रहा है.
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संचालक कृषि टामन सिंह सोनवानी ने विभागीय योजनाओं के अंतर्गत फसल प्रदर्शन का आयोजन गौठान ग्रामों में सुनिश्चित करने के निर्देश सभी अधिकारियों को दिए हैं। उन्होंने सभी प्रकार के फसल प्रदर्शन हेतु गांव और किसको की चयन सूची रकबा और फसल की जानकारी के साथ तैयार करने को भी कहा है ताकि आगामी खरीफ सीजन में फसल प्रदर्शन का कार्यक्रम समय पर पूरा किया जा सके.
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