सुप्रीम कोर्ट Supreme court ने पद्मनाभस्वामी मन्दिर के प्रबंधन में त्रावणकोर के राजपरिवार Royal Family के अधिकार को मान्यता दी। तिरुअनंतपुरम के जिला जज की अध्यक्षता वाली कमिटी फिलहाल मंदिर की व्यवस्था देखेगी।
केरल हाईकोर्ट के फैसले को त्रावणकोर के पूर्व राज परिवार ने सुप्रीम कोर्ट Supreme court में चुनौती दी थी। मंदिर के पास करीब दो लाख करोड़ रु. की संपत्ति है।
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस इंदु मल्होत्रा की बेंच ने पिछले साल 10 अप्रैल को मामले में केरल हाईकोर्ट के 31 जनवरी, 2011 के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रखा था। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को मंदिर, उसकी संपत्तियों का प्रबंधन संभालने तथा परिपाटियों के अनुरूप मंदिर का संचालन करने के लिए एक निकाय या ट्रस्ट बनाने को कहा था।
भगवान पद्मनाभ Lord Padmanabha के इस भव्य मंदिर का पुनíनर्माण 18वीं सदी में इसके मौजूदा स्वरूप में त्रावणकोर राज परिवार ने कराया था।
सुप्रीम कोर्ट ने तय करना था कि कि देश के सबसे समृद्ध मंदिर का मैनेजमेंट राज्य सरकार देखेगी या त्रावणकोर का पूर्व राज परिवार। सुप्रीम कोर्ट में इस मुद्दे पर सुनवाई हुई कि क्या यह मंदिर सार्वजनिक संपत्ति है और इसके लिए तिरुपति तिरुमला, गुरुवयूर और सबरीमला मंदिरों की तरह ही देवस्थानम बोर्ड की स्थापना की जरूरत है या नहीं।
पर्यटकों के आगमन के लिए जारी किए दिशा-निर्देश जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने
जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने पर्यटकों के आगमन के लिए दिशा-निर्देश जारी किए। पर्यटन क्षेत्र 14 जुलाई से चरणबद्ध तरीके से शुरू होगा।
जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने केन्द्र शासित प्रदेश में पर्यटकों के आगमन से संबंधित दिशानिर्देश जारी किये हैं। पर्यटन क्षेत्र को कल से चरणबद्ध तरीके से खोलने का फैसला किया गया है। पहले चरण में पर्यटकों को विमानों से आने की अनुमति होगी। सभी यात्रियों के लिए कोविड महामारी से संबंधित परीक्षण कराना अनिवार्य होगा।
जम्मू-कश्मीर आने वाले पर्यटकों के लिए पहले से होटल में बुकिंग होना भी आवश्यक होगा और इसके लिए उन्हें आगमन के समय प्रमाण देना होगा। इसके अलावा पर्यटकों के पास वापसी टिकट होना भी जरूरी होगा। उन्हें होटलों के जरिए टैक्सियों और अन्य परिवहन सुविधाओं की भी पहले से बुकिंग करानी होगी।
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