जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद पहली बार केंद्र सरकार ने बड़ी पहल की है।केंद्र के 36 मंत्री आज से जम्मू कश्मीर के संसदीय क्षेत्रों से लेकर ब्लॉक स्तर तक दौरा करेंगे, लोगों के साथ बातचीत कर स्थिति के बारे में जानेंगे और केंद्र की योजनाओं से हो रहे लाभ को लेकर तस्वीर स्पष्ट करेंगे। केंद्र शासित प्रदेश में विकास को रफ़्तार देने में अहम साबित होगी ये पहल। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह आज जम्मू पहुचेंगे।
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शनिवार से मोदी सरकार के 36 मंत्री जम्मू-कश्मीर की जनता से संपर्क बढ़ाने और उन्हें सरकार की विभिन्न योजनाओं की जानकारी देने के लिए राज्य की यात्रा पर जा रहे हैं। 18 से 24 जनवरी तक चलने वाले मंत्रियों के इस दौरे में राज्य के लगभग हर हिस्से में जनता के साथ ये मंत्री संवाद स्थापित करेंगे और धारा 370 हटने के बाद सरकार की ओर से राज्य के लोगों के कल्याण के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों की जानकारी देंगे। इसी कड़ी में केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी 19 जनवरी को कटड़ा और रियासी इलाकों में जाएंगी, इसी दिन रेलमंत्री पीयूष गोयल श्रीनगर का दौरा करेंगे ।
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इन दोनों मंत्रियों के अलावा जनरल वीके सिंह, किरेन रिजिजू, अनुराग ठाकुर, रमेश पोखरियाल निशंक, जितेंद्र सिंह समेत कुल 36 मंत्री राज्य के दूर-दराज के इलाकों का दौरा करेंगे। अभी तक मिल रही जानकारी के अनुसार केंद्रीय मंत्रियों के 51 दौरे जम्मू डिविजन और 8 दौरे कश्मीर में होंगे। सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार सरकार के बाकी बचे हुए मंत्री फरवरी में राज्य का दौरा करेंगे ।
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इस सबके बीच कश्मीर मामले पर दूसरे देशों की तरह ही भारत को रूस का समर्थन भी मिला है,.भारत में रूसी राजदूत निकोलस कुदाशेव ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में चीन द्वारा कश्मीर का मुद्दा उठाने पर कहा कि यह भारत और पाकिस्तान के बीच का द्विपक्षीय मामला है, इसे शिमला समझौते और लाहौर घोषणापत्र के अनुरूप हल करना चाहिए।
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कुल मिलाकर 36 मंत्रियों को जम्मू और कश्मीर भेजने की मोदी सरकार की इस कवायद की चारों ओर तारीफ हो रही है, माना जा रहा है कि सुबे की अवाम जब अपने नीति निर्माताओं से मिलेगी और बातचीत करेगी तो इससे राज्य में विकास कार्यों और जनकल्याण के कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने में और मदद मिलेगी।
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