सुधाकर दास
केन्द्रीय गृह मंत्रालय के सूत्रों ने एक बार फिर साफ किया है एनपीआर यानी राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर को अपडेट करते वक़्त ना तो किसी तरह के दस्तावेज़ की मांग की जाएगी और ना ही कोई बायोमेट्रिक डाटा लिया जाएगा. सूत्रों ने बताया कि एनपीआर को सिर्फ़ अपडेट किया जा रहा है, जिसमें पहले से ही 119 करोड़ लोगों का डाटाबेस है.
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एनपीआर को अपडेट करने की प्रक्रिया मकान सूचीकरण के साथ ही यानी 01 अप्रैल, 2020 से 30 सितंबर, 2020 के बीच पूरी की जाएगी. गृह मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक रजिस्टर अपडेट करने को लेकर पिछले साल ही अधिसूचना जारी की गई थी, जिसे सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने दुबारा अधिसूचित किया. इतना ही नहीं जनगणना की तरह एनपीआर के लिए भी प्री टेस्ट सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में हुआ था, जिसमें ना तो किसी तरह की दिक्कत आई और ना ही कोई शिकायत सामने आई.
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एनपीआर के लिए अलग मोबाइल एप्प तैयार किया गया है. इसके लिए प्रश्नावली मोटे तौर पर तैयार है, लेकिन उसको अंतिम रूप नहीं दिया गया है. प्री टेस्ट के दौरान पैन कार्ड का नंबर भी मांगा गया था, लेकिन एनपीआर अपडेट करने में अब पैन कार्ड का नंबर नहीं मांगा जाएगा. हालांकि प्रक्रिया के दौरान मातृभाषा के बारे में जानकारी मांगी जा सकती है. पहली बार एनपीआर साल 2010 में तैयार किया गया था, साल 2015 में एनपीआर को अपडेट किया गया.
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अपडेशन के दौरान आधार नंबर, मोबाइल नंबर, ड्राइविंग लाइसेंस और वोटर आईडी कार्ड के बारे में जानकारी मांगी जा सकती है, हालांकि इसके लिए दस्तावेज़ नहीं मांगे जाएंगे. इनमें से कुछ चीजों के बारे में पहले के एनपीआर एक्सरसाइज में भी जानकारी मांगी जा चुकी है.
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