बिहार के मुजफ्फरपुर आश्रय गृह यौन उत्पीड़न मामले में दिल्ली की अदालत ने ब्रजेश ठाकुर और 18 अन्य को ठहराया दोषी, कई लड़कियों के यौन शोषण एवं शारीरिक उत्पीड़न का दिया दोषी करार.
दिल्ली की एक अदालत ने मुजफ्फरपुर आश्रय गृह मामले में ब्रजेश ठाकुर और 18 अन्य को कई लड़कियों के यौन शोषण एवं शारीरिक उत्पीड़न का दोषी करार दिया है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सौरभ कुलश्रेष्ठ ने ठाकुर को पॉक्सो कानून के तहत लैंगिक हमला और सामूहिक बलात्कार का दोषी ठहराया। अदालत ने मामले के एक आरोपी को बरी कर दिया। आरोपियों में 12 पुरुष और आठ महिलाएं शामिल थीं। आश्रय गृह ठाकुर द्वारा चलाया जा रहा था।
अदालत ने इस मामले में दोषियों को सुनाई जाने वाली सजा पर दलीलों को सुनने के लिए 28 जनवरी की तारीख तय की है। अदालत ने 30 मार्च, 2019 को ठाकुर समेत अन्य आरोपियों के खिलाफ बलात्कार और नाबालिगों के यौन शोषण का आपराधिक षड्यंत्र रचने के आरोप तय किए थे।उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर इस मामले को सात फरवरी, 2019 को बिहार के मुजफ्फरपुर की स्थानीय अदालत से दिल्ली के साकेत जिला अदालत परिसर की पॉक्सो अदालत में स्थानांतरित कर दिया गया था।
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