महासमुंद-छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव एवम पूर्व जिला अध्यक्ष अमरजीत चावला ने मोदी के 6 वषो के कार्यकाल को संकट भरा एवम असफल,नाकाम व् निराशाजनक बताया है अमरजीत ने केंद्र की भाजपा सरकार की एक एक नाकामी को बताते हुवे कहा की पेट्रोल-डीजल के बढ़े दाम से देश भर में हाहाकार मचा है।
विगत 6 वर्षों में देश में पेट्रोल और डीजल की महंगाई दर आजादी के बाद से अब तक सबसे ज्यादा रही है। तेल की कीमतों में किस तरह से आग लगी हुई है जबकि मोदी सरकार सत्ता में आने से पहले यह कहती रही कि उनकी सरकार पेट्रोल-डीजल के दाम कांग्रेस की सरकार से भी कम कर देगी। हैरान करने वाली बात ये है कि जब अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत काफी कम हो गई यहां तक कि पड़ोसी देशों में तेल की कीमतों में भारी कमी हुई है पर यहां ना दाम कम हुवे न ही उसे जीएसटी के दायरे में लाया गया.इस माले में भी असफल साबित हुए.
कालेधन पर फेल
2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान पीएम मोदी की यूपीए सरकार को कालेधन के मुद्दे पर सबसे ज्यादा कोसा था। पीएम मोदी अपने भाषणों में कहा करते थे कि उनकी सरकार जब सत्ता में आएगी तो 100 दिन विदेशों में जमा भारतीय लोगों का कालाधन वो ले आएंगे और यह कालाधन इतना अधिक होगा कि सरकार हर व्यक्ति को 15 -15 लाख रुपए देगी। मोदी सरकार के छै साल पूरे हो गए मगर अब भी लोगों को इस बात का इंतजार है कि विदेशों से कालाधन कब आएगा और उससे अधिक लोगों को इस बात का इंतजार है कि उनके अकाउंट में 15 लाख रुपए कब आएंगे, जिसका वादा चुनाव से पहले पीएम मोदी ने किया था।
नोटबंदी ने बढ़ाई बेकारी
मोदी सरकार ने आठ नवंबर, 2016 को नोटबंदी को लागू करने का फैसले लिया था। लेकिन इसका परिणाम देश और गरीब जनता के लिए नुकसानदेह रहा । सरकार के इस फैसले से न सिर्फ आम लोगों को परेशानी हुई बल्कि कालाधन भी नहीं मिला। न ही भ्रष्टाचार और आतंकवाद में कमी देखने को मिली। नोटबंदी की विफलता का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि भारतीय रिजर्व बैंक भी कह चुका है कि मार्केट में मौजूद पुराने नोट करीब 99.7 फीसदी वापस आ गए है। आज तक मोदी सरकार मार्केट फैले में जाली नोटों और देश में छुपे कालेधन का पूरा हिसाब अभी तक नहीं दे पाई।
मौजूदा दौर से अधिक मजबूती से उबरकर सामने आएगी अर्थव्यवस्था:-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
कांग्रेस नेता ने कहां की वर्तमान में देश जिस कोरोना महामारी से जूझ रहा उसके लिए भी मोदी सरकार जिम्मेदार है.राहुल गांधी ने जब जनवरी में इस संकट के बारे में सरकार को आगाह किया था अगर सरकार उस समय अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में रोक लगा देती तो आज देश इतनी भयावह स्तिथि में नही होता,पर मोदी जी तो नमस्ते ट्रंप की तैयारियों में एक महीना लगे रहे फिर 15 दिन शिवराज सरकार बनाने के लिए विधायको को खरीदने में लगे रहे.
इस बीच कोरोना ने अपने पांव पसार लिए और देश आज देख रहा है कि कैसे आज गरीब मजदूर,मध्यम वर्ग,छोटे व्यापारी जीते जी मर रहे है बैंको का बुरा हाल है,बुलेट ट्रेन तो चली नही जो ट्रेनें चली वो भी मोदी सरकार की तरह रास्ता भटक गए, देश की जीड़ीपी की दर शून्य से भी नीचे जाने वाली है कुल मिला कर भगोड़ों, अडानी अम्बानी और रामदेव जैसो का 67000 करोड़ माफ करने वाली इस जुमलों वाली सरकार के अच्छे दिन तो आये नही वरन 6 वर्ष पूरी तरह से असफल और नाकाम साबित हुवे
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