दिल्ली-केंद्रीय युवा मामलों और खेल मंत्री किरेन रिजिजू 14-15 जुलाई, 2020 को दो दिवसीय वीडियो कॉन्फ्रेंस में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के खेल और युवा मामलों के मंत्रियों से मिलेंगे। इस वीडियो कॉन्फ्रेंस में मंत्रियों के साथ जमीनी स्तर पर खेल के विकास की रूपरेखा तैयार करने के साथ ही देश भर में नेहरू युवा केंद्र संगठन (Nehru Youth Center Organization) और राष्ट्रीय सेवा योजना (National service Scheme) की गतिविधियां तय करने पर बात होगी।
खेल मंत्री रिजिजू Sports Minister Rijiju ने इस बैठक को आयोजित करने के फैसले के बारे में बात करते हुए कहा कि देश अभी कोविड-19 की वजह से लगे प्रतिबंध को हटाने (अनलॉक) के दूसरे चरण में है और ऐसे में खेल और युवाओं से संबंधित गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए राज्यों के साथ बातचीत करना महत्वपूर्ण है।
लॉकडाउन के दौरान खेल और युवा मामलों के दोनों विभाग सक्रिय रहे और निर्धारित किए गए बड़े लक्ष्यों को हासिल करने के काम में जुटे रहे। उन्होंने कहा कि खुले मैदान में (ऑन-फील्ड) प्रशिक्षण को बंद करने के बावजूद,सभी स्तर के एथलीटों के साथ-साथ सभी कोचों के लिए ऑनलाइन प्रशिक्षण आयोजित किया गया ताकि एथलीटों और कोचों का खेल से करीबी जुड़ाव बना रहे।
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उन्होंने बताया कि इसी तरह, एनवाईकेएस NYKS और एनएसएस Nss के स्वयं सेवकों ने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में मदद करने के लिए जिला प्रशासन के साथ मिलकर लगातार काम किया है। खेल मंत्री रिजिजू ने कहा कि लगभग 75 लाख स्वयं सेवक सुरक्षा और स्वास्थ्य संबंधी दिशा-निर्देशों के बारे में जागरूकता फैलाने,मास्क के वितरण,बुजुर्गों की मदद करने जैसे कई काम अन्य में लगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि हम इन सभी गतिविधियों के प्रभाव का आकलन करना चाहते हैं और राज्यों के सहयोग से आगे की योजना भी बनाएंगे।
इस साल के अंत में या अगले साल खेलो इंडिया प्रतियोगिताओं और युवा उत्सवों का आयोजन
बैठक के एजेंडे में कोविड-19के दौरान की गई कार्रवाई की समीक्षा के साथ ही साथ राज्य स्तर पर खेल गतिविधियों को फिर से शुरू करने और राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों में प्रखंड और जिला स्तरों पर प्रतियोगिताओं के माध्यम से नवोदित खेल प्रतिभाओं की पहचान करना शामिल है। वीडियो कॉन्फ्रेंस में देश के सभी स्कूलों में पाठ्यक्रम के हिस्से के रूप में तंदुरूस्ती और खेल को शामिल करने पर भी चर्चा की जाएगी। इसमें इस साल के अंत में या अगले साल की शुरुआत में खेलो इंडिया प्रतियोगिताओं और युवा उत्सवों (Youth festivals) को आयोजित करने की योजना तय की जाएगी।
खेल मंत्री रिजिजू ने कहा कि यदि 2028 में ओलंपिक मंच पर हम भारत को शीर्ष 10 देशों में से एक बनाने के सपने को साकार करना चाहते हैं,तो जमीनी स्तर पर खेल पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करना महत्वपूर्ण है और हमें अब इसकी प्रक्रिया शुरू कर देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि खेल मंत्रालय ने पहले ही सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में खेलो इंडिया राज्य उत्कृष्ट केंद्र (केआईएससीई) स्थापित करने का निर्णय ले लिया है।
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इसके अलावा,स्थानीय स्तर पर खेल प्रतिभाओं को पहचानने और उन्हें चिन्हित किए गए 14 ओलंपिक और पारंपरिक खेलों में प्रशिक्षित करने के लिए जिला स्तर पर 1000 खेलो इंडिया केंद्रों (Khelo India Centers) की स्थापनाकी जानी है। केआईएससीई और केआईसी दोनों ही भारत में जमीनी स्तर के खेल पारिस्थितिकी तंत्र को बड़े पैमाने पर मजबूत करेंगे और राज्यों की इसमें बड़ी भूमिका निभानी है।
एक राज्य, एक खेल नीति
इसके अलावा उन्होंने बताया कि राज्य सरकारों ने एक राज्य, एक खेल नीति बनाई है जिन पर चर्चा करने और उन्हें जल्दी लागू करने की आवश्यकता है। खेल मंत्री रिजिजू ने कहा कि सभी राज्यों के साथ विचारों का आदान-प्रदान होने की उम्मीद है जिसमें यह सुनिश्चित होगा कि भारत को एक खेल महाशक्ति Sports superpower बनाने के लिए एक सहयोगपूर्ण रूपरेखा है। इस दो दिवसीय बैठक में प्रत्येक राज्य को विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करने की अनुमति देने के लिए राज्यों को दो दिनों में दो समूहों में विभाजित किया गया है।
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