स्कूलीय छात्रों ने कई समस्याओं के समाधान के लिए यंत्रों का कर रहे है आविष्कार

शासकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय बेलसोंडा की छात्रों ने बनाया ऐसा यंत्र कि पेड़ पर आरी चलते ही मिलेगी सूचना

महासमुंद.शासकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय बेलसोंडा के कक्षा छठवीं से नौवीं के छात्र-छात्राओं ने ऐसा यंत्र बनाया है, जिससे देख हर कोई अचंभित हो जाएगा। पिछली बार इन्ही छात्रों ने रोबोट कार बनाकर लोगों को आकर्षित किया था।
स्कूल के छात्र-छात्राओं ने बताया कि अपने आस-पास की समस्याओं के समाधान के लिए यंत्रों का अविष्कार करने का प्रयास किया है। विद्यार्थियों ने लकडिय़ों की तस्करी रोकने के लिए ऐसा यंत्र बनाने का प्रयास किया है, जिससे कि आरी से लकड़ी काटने की आवाज आते ही सेंसर के माध्यम से इसकी सूचना कंट्रोल रूम तक पहुंच जाएगी। इसके अलावा किस जगह पर लकड़ी की कटाई हो रही है, इसकी सूचना भी सिस्टम के जरिए आसानी से मिल जाएगी।

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यही नहीं, इस यंत्र के माध्यम से विद्यार्थियों ने संदेश देने की कोशिश की है कि यदि इस तरह के यंत्र कारगर साबित होते हैं, तो लकड़ी की तस्करी पर भी आसानी से रोक लगाई जा सकती है। बेलसोंडा स्कूल के अटल टिकरिंग लैब में छात्र-छात्राओं द्वारा किए जा रहे यंत्रों के निर्माण से शिक्षकों में हर्ष का माहौल है। इतना ही नहीं, महाममुंद जिला कृषि प्रधान जिला है। इसको देखते हुए छात्राओं ने ऐसा यंत्र बनाया है, जो कृषि भूमि में नमी का भी पता लगा लेगा। यदि खेत सूखा हो तो पानी डालने के लिए पंप अपने आप चालू हो जाएगा है और खेत में पानी भर जाने पर अपने आप पानी बंद हो जाएगा। वहीं शहर में चोरी की वारदात भी बहुत होती है और इसको देखते हुए ऐसा यंत्र बनाया गया है, जो किसी बाहरी व्यक्ति के घर के भीतर प्रवेश करते ही डिटेक्ट कर लेता है और तुरंत लाइट व अलार्म सिस्टम चालू होता है। पुलिस कंट्रोल रूम में सूचना भी पहुंच जाती है।

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ड्रोन से पहुंचेगा इलाज

छात्राओं ने अपनी सोच का बेहरीन उपयोग स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी किया है। आपदा के समय जब मरीज तक डॉक्टर नहीं पहुंच पाते हैं तो ड्रोन के माध्यम से मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा सकेगा। ड्रोन में ब्लड प्रेशर, तापमान मापक यंत्र लगा रहेगा। इसका कंट्रोल डॉक्टर दूर बैठकर भी कर सकते हैं और इसी आधार पर दवाई मरीजों तक पहुंचाया जा सकती है।

रडार सिस्टम से मिलेगी जानकारी

छात्राओं ने सुरक्षा यंत्र बनाया है, जो पनडुब्बी में लगाया जाता है। इसकी सहायता से आस-पास मंडरा रहे दुश्मन का पता अंदर से ही लगाया जा सकता है। समुद्र के अंदर बैठे ही नौसेना दुशमन का चिह्नांकन कर लेती है। यानी रडार सिस्टम से दुश्मन का पता लगाने के लिए नया अविष्कार करने की कोशिश की है।

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