केरल सोना तस्करी मामले में NIA को बड़ी कामयाबी हासिल हुई है.इस मामले में एजेंसी ने दो मुख्य आरोपियों स्वप्ना सुरेश और संदीप नायर को कल देर रात बेंगलुरू में हिरासत में लिया है.
केरल में डिप्लोमेटिक बैग के जरिए सोना तस्करी के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी एनआईए ने शुक्रवार को मामला दर्ज कर जांच शुरू किया था. इस मामले में एजेंसी ने स्वप्ना सुरेश, सरित पीएस, फाजिल फरीद और संदीप नैयर सहित अन्य लोगों के खिलाफ आतंक निरोधी यूएपीए कानून की विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर FIR दर्ज की है.
शुरुआती जांच में यह भी जानकारी सामने आई है कि तस्करी के जरिए आए सोने से भारत में आतंकी गतिविधियों को फंड किया जा सकता है. ऐसे में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए एनआईए को इसकी जांच के निर्देश दिए थे.
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एनआईए NIA के मुताबिक़ देश में तस्करी के जरिए सोना आने से ना सिर्फ आर्थिक स्थिरता और राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा है बल्कि इस मामले के राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय लिंक भी हैं. ऐसे में आतंक पर प्रहार के लिए बनाए गए यूएपीए कानून के तहत मामला दर्ज किया गया है
बीते 5 जुलाई को त्रिवेंद्रम अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट Trivandrum International Airport पर कस्टम अधिकारियों ने 14 करोड़ 82 लाख कीमत का 30 किलो सोना जब्त किया था. यह सोना संयुक्त अरब अमीरात के केरल स्थित कॉन्सुलट के लिए भेजे गए डिप्लोमेटिक बैग में मिला था. दरअसल डिप्लोमेटिक समान को वियना कन्वेंशन के मुताबिक जांच से छूट रहती है. सोने का कंसाइनमेंट यूएई कॉन्सुलट में पहले पीआरओ रहे सरित को मिलने था.
कस्टम विभाग की शुरुआती जांच में यह बात सामने आई कि सरित को पहले भी ऐसे कई कंसाइनमेंट Consignment हासिल हुए हैं. इस पूरे मामले में राज्य सरकार से जुड़े एक फर्म के साथ काम कर रही स्वप्ना सुरेश Swapna Suresh की भूमिका भी काफी संदिग्ध रही है. ये मामला कितने रसूखदार लोगों से जुड़ा है, ये इस बात से ही समझा जा सकता है कि केरल के सीएम के प्रधान सचिव एम शिवशंकर पर भी इसकी गाज गिरी. उनको पद से हटाना पड़ा.
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