महासमुंद। सहकारी समिति कर्मचारियों की चल रही हड़ताल का समर्थन करते हुए उनकी मांगों को पूर्णतः उचित और न्यायोचित बताया है छत्तीसगढ़ शासन के पूर्व संसदीय सचिव विनोद सेवनलाल चंद्राकर ने। उन्होंने राज्य सरकार से अपील की है कि वह कर्मचारियों की समस्याओं का शीघ्र निराकरण करे, ताकि आगामी धान खरीदी कार्य प्रभावित न हो।
श्री चंद्राकर ने कहा कि कर्मचारियों की वेतनवृद्धि, पदोन्नति, नियमितीकरण, सूखत नुकसान का प्रावधान, “शून्य शॉर्टेज” पर प्रोत्साहन राशि और प्रबंधकीय अनुदान जैसी कई वाजिब मांगें हैं जिन पर सरकार को सहानुभूतिपूर्वक और गंभीरता से विचार करना चाहिए। उन्होंने याद दिलाया कि पूर्ववर्ती भूपेश बघेल सरकार के समय सहकारी समितियों को जीरो शॉर्टेज पर प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती थी, लेकिन वर्तमान में दो वर्षों से भाजपा सरकार ने इन समितियों की अनदेखी की है।
धान खरीदी महत्वपूर्ण कार्य
पूर्व विधायक ने कहा कि सहकारी समितियों के कर्मचारी धान खरीदी जैसे महत्वपूर्ण कार्य में अपनी अहम भूमिका निभाते हैं, फिर भी उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा। उन्होंने चेतावनी दी कि कर्मचारियों की हड़ताल से धान खरीदी ही नहीं, बल्कि राशन वितरण कार्य भी ठप पड़ गया है, जिसके कारण गरीब हितग्राहियों को चावल, नमक, शक्कर जैसी आवश्यक वस्तुएँ समय पर नहीं मिल पा रही हैं।
सहकारी समिति कर्मचारियों की मांगें वाजिब सरकार जल्द समाधान करे : विनोद
अब तक कोई ठोस कदम नहीं
चंद्राकर ने बताया कि कर्मचारियों ने पहले भी सांकेतिक रैली निकालकर प्रशासन को ज्ञापन सौंपा था, लेकिन सरकार ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया। अब कर्मचारी अनिश्चितकालीन आंदोलन पर उतर चुके हैं, जिससे सोसायटियों में धान खरीदी की तैयारियाँ और सफाई कार्य तक शुरू नहीं हो पाए हैं।
उन्होंने कहा कि इससे स्पष्ट होता है कि सरकार धान खरीदी व्यवस्था के प्रति लापरवाह रवैया अपना रही है। पूर्व विधायक ने कहा कि यदि सरकार समय रहते कर्मचारियों की समस्याओं पर चर्चा करती और समाधान की दिशा में ठोस पहल करती, तो यह स्थिति उत्पन्न नहीं होती।
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार के तानाशाही रवैये के कारण आज केवल सहकारी समिति कर्मचारी ही नहीं, बल्कि अन्य शासकीय कर्मचारी संघ, दैवेभो, एनएचएम और अस्थायी कर्मचारी संघ भी आंदोलन करने को मजबूर हैं कर्मचारियों की प्रमुख मांगों में — प्रत्येक समिति को प्रतिवर्ष ₹3 लाख प्रबंधकीय अनुदान,कांडे कमेटी रिपोर्ट के आधार पर सेवानियम 2018 में संशोधन,भविष्य निधि, महंगाई भत्ता, ईएसआईसी सुविधा तथा सूखत और संस्थागत दैनिक समस्याओं का समाधान शामिल है।
श्री चंद्राकर ने अंत में कहा कि सरकार को चाहिए कि वह कर्मचारियों से संवाद स्थापित कर उनकी जायज मांगों का तत्काल समाधान करे, ताकि किसानों और आम नागरिकों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
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