भारतीय उद्योग परिसंघ–सीआईआई के 125वें स्थापना दिवस समारोह को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सम्बोधित करते हुए उन्होंने विकास की राह पर लौटने को लेकर अपने विचार साझा किये। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज जोर देकर कहा कि कोरोना महामारी ने देश की अर्थव्यवस्था की रफ्तार को धीमा भले ही किया हो, लेकिन भारत विकास की राह पर फिर से वापस लौट आयेगा।
पीएम मोदी ने यह भी कहा कि भारत प्रयोजन, समायोजन, अवसंरचना, निवेश और नवप्रवर्तन के जरिये विकास की राह पर आगे बढ़ेगा और आत्मनिर्भरता का लक्ष्य हासिल करेगा। लॉकडाउन के पहले चरण के बाद से औदयोगिक संगठनों के सदस्यों के समक्ष अपने पहले महत्वपूर्ण भाषण में प्रधानमंत्री ने लोगों की जीवन रक्षा और देश की अर्थव्यवस्था में स्थिरता लाने की आवश्यकता पर जोर दिया।आगे कहा कि भारत अनलॉक होने के पहले चरण में प्रवेश कर गया है और आर्थिक गतिविधियों के काफी बड़े हिस्से को खोल दिया गया है।
प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाना उनकी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत 74 करोड़ लाभार्थियों को अनाज उपलब्ध कराया गया। उन्होंने कहा कि 8 करोड़ रसोई गैस सिलेन्डर बांटे गये और 50 लाख कर्मचारियों का कर्मचारी भविष्य निधि का 24 प्रतिशत अंशदान सरकार ने उपलब्ध कराया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने आयकर के संबंध में कई सुधार किये हैं। कोयला ब्लॉक संबंधी वाणिज्यिक गतिविधियों में भी नीतिगत सुधार हुए हैं। इसके अलावा खनन, अंतरिक्ष और परमाणु अनुसंधान जैसे क्षेत्रों में जो सुधार किये जा रहे हैं उनकी बड़े लम्बे समय से प्रतीक्षा थी।उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानों के अधिकारों और उनकी स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के लिए जो उपाय किये हैं उनकी कई दशक से प्रतीक्षा थी।
देश की अर्थव्यवस्था के विकास को नई गति देने के लिए निवेश को बढ़ावा देने पर हुई अहम चर्चा
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इस तरह की इकाइयां देश के सकल घरेलू उत्पाद में 30 प्रतिशत का योगदान करती हैं और इनका देश की आर्थिक स्थिति पर जबर्दस्त असर पड़ता है। उन्होंने कहा कि औद्योगिक इकाइयां बिना किसी बाधा के विकास करती रहें, इसके लिए सरकार ने इन इकाइयों की परिभाषा में चिर-प्रतीक्षित बदलाव किये हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी के आज के दौर में भारत से दुनिया की अपेक्षाएं काफी बढ़ गई हैं। उन्होंने कहा कि विश्व के देश भरोसेमंद और विश्वस्त साझेदारों की तलाश कर रहे हैं और भारत में इसकी क्षमता, शक्ति और योग्यता है। उन्होंने मेड इन इंडिया, मेड फॉर द वर्ल्ड का आह्वान करते हुए देश को आत्मनिर्भर बनाने पर बल दिया।
प्रधानमंत्री ने ऐसी वस्तुओं के आयात में कटौती का आग्रह किया जिनका देश में आसानी से उत्पादन किया जा सकता है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि सरकार को कोरोना महामारी से निपटने के लिए कठोर कदम उठाने पड़े हैं। लेकिन इसके साथ ही देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए भी प्रयास किये गये हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उद्योगों के नये प्रयासों से देश में तीन महीने के संक्षिप्त अंतराल में निजी सुरक्षा उपकरण- पी पी ई के बड़े पैमाने पर उत्पादन में मदद मिली है। पीएम मोदी ने उद्योगों को भरोसा दिलाया कि आत्मनिर्भर भारत की साझा परिकल्पना को पूरा करने के लिए सरकार उन्हें पूरी मदद देगी।
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