महासमुंद के प्रवासी श्रमिकों की सेहत पर सांसद चुन्नीलाल साहू ने जताई चिंता-

बागबाहरा और पिथौरा जनपद के गांवों से 22 हजार श्रमिक राज्य के बाहर हैं।

सांकेतिक फोटो

महासमुुंद- वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के कहर से छत्तीसगढ़ को बचाने केंद्र और राज्य की सरकारों का अद्वितीय प्रयास रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील पर देशव्यापी लाक डाउन का पालन कर छत्तीसगढ़ राज्य की जनता ने भी जागरुकता का परिचय दिया, उक्त बातें सांसद चुन्नीलाल साहू ने कही है।

सांसद साहू ने कहा है कि राज्य सरकार ने कोरोना के खिलाफ बेहद जिम्मेदारी के साथ अपना कर्तव्य पालन किया है। उसी का परिणाम है कि हम ग्रीन जोन में निर्भयता के साथ हैं, लेकिन भविष्य के खतरों के प्रति भी हमें सचेत होने की जरूरत है। सांसद साहू ने कलेक्टर के जरिए राज्य सरकार को भेजे पत्र में दूसरे राज्यों में काम करने गए छत्तीसगढ़ के मजदूरों की वापसी पर सतर्कता बरतने का आह्वान किया है।

यह भी पढ़े;-छत्तीसगढ़:100 बिस्तर वाला कोविड-19 अस्पताल तैयार, यहां 24 बिस्तरों के आईसीयू की भी है व्यवस्था-

चुन्नीलाल साहू ने बताया है कि दीवाली के पहले और खरीफ का काम निपटाने के बाद छत्तीसगढ़ के महासमुंद लोकसभा क्षेत्र से ही 32 हजार 788 मजदूर उत्तरप्रदेश और देश के दूसरे हिस्सों में काम करने चले गए हैं। जिन स्थानों में छत्तीसगढ़ के मजदूर गए हैं वहां लाक डाउन की वजह से काम बंद हैं। इस दशा में वहां भुखमरी की स्थिति उत्पन्न न हो, लॉक डाउन में फंसे मजदूरों ने सांसद चुन्नीलाल साहू से संपर्क किया फिर सांसद साहू ने स्वयं उन क्षेत्रों के सांसद और केंद्र सरकार के माध्यम से उचित प्रबंध कराए हैं।

ऐसे प्रवासी मजदूर हर साल मई के महीने से छत्तीसगढ़ स्थित अपने गांव लौटने लगते हैं। चूंकि उन स्थानों में काम बंद है, इसलिए ये मजदूर लाक डाउन खत्म होते ही वहां के शिविरों से छत्तीसगढ़ की राह पकड़ेंगे। ऐसे में आशंकित संक्रमण का खतरा राज्य में बढ़ेगा, इससे सतर्क रहने की आवश्यकता है। पत्र के माध्यम से सांसद चुन्नीलाल साहू ने राज्य सरकार को सुझाव दिया है कि ऐसे मजदूरों के स्वास्थ परीक्षण के लिए पहले से ही हमें तैयार रहना चाहिए। उन्होंने बताया कि महासमुंद जिले के बागबाहरा जनपद से 11 हजार 439 और पिथौरा जनपद क्षेत्र के गांवों से 11 हजार 124 मजदूर उत्तरप्रदेश के ईंट भट्ठों में काम करने गए हैं।

यह भी पढ़े;-रेपिड टेस्टिंग किट से नहीं होगी जांच, राज्य शासन ने आगामी आदेश तक लगाई रोक-

इसी प्रकार महासमुंद जनपद के गांवों से 3 हजार 969, बसना से 4 हजार 735 और सरायपाली से 1 हजार 521 मजदूर देश के दूसरे हिस्सों में काम करने गए हैं। उनके लौटते ही कोरोना से जुड़ी कई प्रकार की आशंकाएं होंगी, जिनके कारण क्षेत्र में भय का वातावरण बन सकता है, क्षेत्र को भयमुक्त करने के लिए राज्य की सरकार को गंभीर होने की आवश्यकता है और मजदूरों का स्वास्थ परीक्षण करने के लिए पृथक से व्यवस्था की जानी चाहिए। राज्य सरकार को सांसद ने यह भी बताया है कि कोरोना से अधिक प्रभावित राज्यों में भी छत्तीसगढ़ और खासकर महासमुंद लोकसभा क्षेत्र के गांवों से मजदूर काम करने गए हैं।

यह भी पढ़े;छत्तीसगढ़:100 बिस्तर वाला कोविड-19 अस्पताल तैयार, यहां 24 बिस्तरों के आईसीयू की भी है व्यवस्था-

To Read More News, See At The End of The Page-

Perevious article–Next article

RELATED ARTICLES

MORE FROM AURTOR

POPULAR POST