रायपुर-देश की अपनी तरह की पहली गोधन न्याय योजना की शुरुआत आज से छत्तीसगढ़ में हुई। लोक महापर्व हरेली के अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सांकेतिक रूप से गोबर खरीद कर इसे शुरु किया।
इस योजना के तहत सरकार पशुपालकों से 2 रुपए किलो की दर से गोबर खरीदेगी और फिर उससे जैविक खाद तैयार किया जाएगा। योजना का उद्देश्य पशुपालन को बढ़ावा देने के साथ-साथ कृषि लागत में कमी और भूमि की उर्वरा शक्ति में बढ़ोतरी है। इस योजना से पर्यावरण में सुधार के साथ-साथ ग्रामीण अर्थव्यवस्था में भी बड़े बदलाव की उम्मीद है। गोधन न्याय योजना से बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसरों का भी सृजन होगा।
पारंपरिक रूप से हरेली पर्व कृषि और पर्यावरण से जुड़ी हुआ है। इसीलिए गोधन न्याय योजना की शुरुआत के लिए इसी अवसर को चुना गया। उन्होंने रायपुर स्थित अपने निवास में आयोजित एक सांस्कृतिक समारोह में योजना की शुरुआत की। प्रदेश के गांवों में सुराजी गांव योजना पहले ही लागू की जा चुकी है, जिसके तहत पांच हजार से ज्यादा गोठानों की स्वीकृति दी जा चुकी है।
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इनमें से 2785 गोठान बनकर तैयार हो चुके हैं, शेष का निर्माण तेजी से किया जा रहा है। गोधन न्याय योजना इन्हीं गोठानों के माध्यम से संचालित होगी। गौठानों को पशुओं के डे केयर सेंटर के रूप में विकसित किया जा रहा है। महिला स्व सहायता समूह द्वारा यहां वर्मी कंपोस्ट के निर्माण के साथ अन्य आय मूलक गतिविधियां संचालित की जा रही हैं । राज्य सरकार चरणबद्ध रूप से गौठानों का विस्तार करते हुए प्रदेश की सभी 11630 ग्राम पंचायतों और सभी 20 हजार गांवों में गौठान निर्माण का लक्ष्य रखा है। निर्माण पूरा होने के बाद वहां भी गोबर की खरीदी की जाएगी।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने निवास पर गोधन तथा कृषि यंत्रों की पूजा-अर्चना कर योजना की शुरुआत की। इस अवसर पर उन्होंने प्रदेश वासियों को नये साल के पहले त्योहार की बधाई देते हुए कहा कि यह योजना संकट के समय किसानों और पशुपालकों के लिए वरदान साबित होगी।
यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था के संजीवनी बनेगी। उन्होंने कहा कि यह एक बहुआयामी योजना है, जिससे हमें बहुत सारे लक्ष्य एक साथ हासिल करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि गोधन न्याय योजना से पशुपालकों की आय में वृद्धि तो होगी ही, पशुधन की खुली चराई पर भी रोक लगेगी। जैविक खाद के उपयोग को बढ़ावा मिलने से रासायनिक खाद के उपयोग में कमी आएगी। खरीफ तथा रबी फसल की सुरक्षा सुनिश्चित होने से द्विफसलीय क्षेत्र में होगा। भूमि की उर्वरता में सुधार होगा तथा विष रहित खाद्य पदार्थों की उपलब्धता बढ़ेगी, इससे पोषण का स्तर और सुधरेगा।
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मुख्यमंत्री निवास पर गोधन न्याय योजना के शुभारंभ के अवसर पर कृषि एवं जल संसाधन मंत्री रविंद्र चौबे, नगरीय प्रशासन मंत्री डा. शिवकुमार डहरिया, खाद्य एवं संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत, संसदीय सचिव विकास उपाध्याय, छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड के अध्यक्ष कुलदीप सिंह जुनेजा, राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक, रायपुर नगर निगम से सभापति प्रमोद दुबे, खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के अध्यक्ष राजेन्द्र तिवारी, खाद्य नागरिक आपूर्ति निगम अध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल शामिल रहे.
मुख्यमंत्री के सलाहकार द्वय विनोद वर्मा और प्रदीप शर्मा, मुख्य सचिव आर.पी.मण्डल, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, वन विभाग के प्रमुख सचिव मनोज पिंगुआ, कृषि उत्पादन आयुक्त डा. एम. गीता, मुख्यमंत्री के सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, प्रधान मुख्य वन संरक्षक राकेश चतुर्वेदी सहित अनेक जनप्रतिनिधि और प्रबुद्ध नागरिक उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने अपनी धर्मपत्नी मुक्तेश्वरी बघेल के साथ हरेली पूजन किया।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने हरेली के अवसर पर अपने निवास में आयोजित सांस्कृतिक समारोह के दौरान सपरिवार रहचुली का आनंद लिया। वे गेड़ी भी चढ़े और पर्व से जुड़ी विभिन्न तरह की परंपराओं का निर्वहन किया।
छत्तीसगढ़ के लोक कलाकारों, लोक नर्तकों, लोक गायकों ने पारंपरिक वेशभूषा में वाद्य यंत्रों एवं साज सज्जा के साथ प्रस्तुति दी। हरेली के दिन मुख्यमंत्री निवास में बांस गीत भी गूंजा। गरियाबंद जिले से बांस गीत कलाकारों को विशेष तौर पर बुलाया गया है। बांस गीत की प्रस्तुति लत्ती यादव और साथी कलाकार ने दी।