चेन्नई में बाल यौन अपराध रोकथाम अधिनियम अदालत ने एक दिव्यांग बालिका के साथ दुष्कर्म के दोषियों में से पांच को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इनमें से चार दोषियों को मृत्यु पर्यंत जेल में रहना होगा। इस मामले के एक दोषी को सात साल और नौ अन्य को पांच-पांच वर्ष की सजा सुनाई गई है।दुष्कर्म की यह घटना 2018 में सामने आई थी। पीड़िता का शोषण कई महीनों तक किया गया था। सभी दोषी उस अपार्टमेंट परिसर में कामगार थे, जिसमें पीड़ित बालिका अपने माता-पिता के साथ रह रही थी।
NEA ने पुणे के एल्गार परिषद मामले में ग्यारह लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की
राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण-एन.आई.ए. ने पुणे के एल्गार परिषद मामले में गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम कानून और भारतीय दंड संहिता-आईपीसी के तहत ग्यारह लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। इनमें से नौ आरोपी पहले से जेल में हैं। पुणे पुलिस ने इस मामले में जांच के दौरान देशद्रोह संबंधी आईपीसी की धारा 124ए लागू की थी लेकिन एन.आई.ए. की प्राथमिकी में यह आरोप नहीं है। इसी प्रकार एन.आई.ए. की प्राथमिकी में भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने या युद्ध छेड़ने का प्रयास करने या युद्ध छेड़ने में सहायता करने संबंधी आई.पी.सी. की धारा 121 और धारा 121 के अंतर्गत दंडनीय अपराधों की साजिश संबंधी आई.पी.सी. की धारा 121ए और आपराधिक षडयंत्र संबंधी धारा 120 बी का भी उल्लेख नहीं है।
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