खेल मंत्री किरेन रिजिजू और आदिवासी कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा ने वेबीनार के साथ खेलो इंडिया ई-पाठशाला का उद्घाटन किया जिसमें देश भर के युवा तीरंदाजों, तीरंदाजी के कोचों और इस खेल से जुड़े विशेषज्ञों ने भाग लिया.
ई-पाठशाला के जरिए उन खिलाड़ियों को कोचिंग और शिक्षा मिल सकेगी जो दूरस्थ क्षेत्रों में रहते हैं. भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) ने राष्ट्रीय खेल महासंघों (एनएसएफ) के साथ मिलकर हाल में यह कार्यक्रम शुरू किया था.
किरेन रिजिजू ने कहा कि इस तरह का कार्यक्रम समय की जरूरत है. उन्होंने कहा, ‘‘यह विशेष कार्यक्रम भारत के दूरस्थ क्षेत्रों के खिलाड़ियों से जुड़ेगा, जिन्हें हमेशा प्रतिष्ठित खिलाड़ियों या कोचों से सलाह लेने का मौका नहीं मिल सकता. मुझे पूरा विश्वास है कि यह कार्यक्रम अधिक युवा खिलाड़ियों को खेल को पेशेवर तौर पर अपनाने के लिए प्रेरित करेगा.’’
भारतीय तीरंदाजी महासंघ के भी अध्यक्ष मुंडा ने कहा, ‘‘इस कार्यक्रम से छोटे गांवों और आदिवासी क्षेत्रों में रहने वाले युवा तीरंदाजों से भी जुड़ने में मदद मिलेगी और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि उन्हें खेलो इंडिया ई-पाठशाला के जरिये सर्वश्रेष्ठ कोचों की सेवाएं मिलें.’’
इस कार्यक्रम में 21 खेलों को शामिल किया गया हैं. इनमें एथलेटिक्स, तीरंदाजी, मुक्केबाजी, साइकिलिंग, तलवारबाजी, फुटबॉल, जिम्नास्टिक, हॉकी, जूडो, कयाकिंग एवं कैनोइंग, कबड्डी, पैरा खेल, रोइंग, निशानेबाजी, ताइक्वांडो, टेबल टेनिस, वॉलीबॉल, भारोत्तोलन, कुश्ती और वुशु शामिल हैं.
कार्यक्रम में सीनियर कोच भाग लेंगे और यह खेल वैज्ञानिकों, हाई परफॉर्मेंस निदेशकों और मैनेजरों की समिति की देखरेख में संचालित किया जाएगा. यह समिति नियमित आधार पर अपना फीडबैक साझा करेगी.
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