भारत में कोरोना वायरस के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए केंद्र सरकार सख्त कदम उठा रही है। भारत-नेपाल, भारत-बांग्लादेश, भारत-भूटान, भारत-म्यांमार सीमा को सील कर दिया गया है। गृह मंत्रालय ने इस संबंध में शनिवार को एक नोटिस जारी किया है।
कोरोना वायरस के कहर को देखते हुए सरकार ने अपने बॉर्डर को सील करने का फैसला किया है। पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल, भूटान और म्यांमार बॉर्डर से आवागमन पर रोक लगा दी गई है। गृह मंत्रालय ने कहा है कि अगला आदेश जारी होने तक भारत के पड़ोंसी देशों से लगने वाली सीमाओं से आना-जाना प्रतिबंधित है। हालांकि कुछ चेक पोस्ट से जरूरी आवागमन हो सकेगा। 16 मार्च से भारत-पाक सीमा से आवाजाही पर रोक रहेगी। सिर्फ़ Diplomats, officials, UN personnel, valid visa के साथ आ सकते हैं।
कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए देशभर में एहतियाती उपाय किए गए हैं। राजस्थान सरकार ने सभी स्कूल, कॉलेज, कोचिंग सेंटर, जिम और सिनेमा हॉल 30 मार्च तक बंद करने का फैसला किया है। महाराष्ट्र में भी नवी मुम्बई, नागपुर और पुणे सहित कई शहरों में सिनेमा हॉल, जिम, स्वीमिंग पूल और सार्वजनिक उद्यानों को तीस मार्च तक बंद कर दिए गए हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने भी उन सभी स्कूलों और कॉलेजों को 22 मार्च तक बंद कर दिया है, जहां परीक्षाएं नहीं चल रही हैं।
लद्दाख में पर्यटकों और दूसरे राज्य के लोगों के इनर लाइन परमिट वापस ले लिए गए हैं। कश्मीर विश्वविद्यालय के डीन ने सभी सरकारी और निजी कॉलेजों को एक एडवाइजरी जारी की है, जिसमें उन्हें कोरोनो वायरस के खतरे से निपटने के लिए निवारक उपाय करने का निर्देश दिया गया है। एडवाइजरी में, कॉलेजों को निर्देश दिया गया है कि वे इस महीने में होने वाले बड़े समारोहों से जुड़े सभी सेमिनारों, सम्मेलनों, कार्यशालाओं और कार्यक्रमों को स्थगित कर दें।
नोवल कोरोना वायरस से निपटने के लिए राज्य आपदा मोचन कोष से मदद दी जाएगी। केन्द्र सरकार ने इस वायरस को अधिसूचित आपदा का दर्जा दिया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन कोरोना वायरस को पहले ही महामारी घोषित कर चुका है। गृह मंत्रालय ने राज्य के मुख्य सचिवों को भेजे पत्र में कहा है कि इलाज के लिए आवश्यक उपकरणों की खरीद पर होने वाला खर्च राज्य आपदा मोचन राहत कोष वहन करेगा। यह खर्च कोष के लिए वार्षिक आवंटित राशि के दस प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए।
राज्य कार्यकारी समिति संक्रमित मरीजों के लिए विशेष शिविर और नमूनों की जांच तथा स्क्रीनिंग सहित विभिन्न उपायों पर निर्णय लेगी। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की ओर से भी स्वास्थ्य शिविर लगाए जा सकते हैं। SDRF के ज़रिए आवश्यक वस्तुओं की खरीद, Quarantine सुविधा जुटाने के लिए राज्यों को मदद दी जाएगी। इसके लिए राज्य आपदा राहत कोष को निर्देशित किया गया है।
कैबिनेट सचिव ने कोरोना वायरस के फैलाव को रोकने के उपायों और तैयारियों पर राज्यों के मुख्य सचिवों के साथ वीडियो कांफ्रेंस के जरिए से समीक्षा की। राजीव गाबा ने कहा कि मरीजों को अलग-थलग रखने के लिए पृथक वार्ड पर्याप्त संख्या में तैयार किए जाने चाहिएं। उन्होंने कहा कि निर्धारित दिशा-निर्देशों के अनुसार वायरस के फैलाव वाले देशों से आने वाले यात्रियों को अलग रखा जाना चाहिए।
सरकार ने आवश्यक वस्तु अधिनियम के अंतर्गत 30 जून तक मास्क और हैंड सेनिटाइजर को आवश्यक वस्तु घोषित किया है। अब राज्य सरकारें इन वस्तुओं के निर्माताओं को उत्पादन बढाने के लिए कह सकती हैं। भारत सरकार ने कोरोना वायरस से निपटने के लिए कई कड़े कदम उठाए है। इन कदमों में यात्रा प्रतिबंध, हवाई अड्डों और बंदरगाहों पर यात्रियों की स्क्रीनिंग, वीजा निलंबन और खुद को क्वारंटीन करना अहम है।
कैबिनेट सचिव ने पर्याप्त संख्या में आइसोलेशन वार्डों के साथ साथ नियंत्रण उपायों को मजबूत करने पर जोर दिया। साथ ही क्वारंटीन सुविधाओं को बढ़ाने की जरूरत पर जोर दिया। प्रभावित देशों से आने वाले लोगों के संबधित दिशा-निर्देशों पर जोर दिया।
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