अनुराग वर्मा-डिहारी
आरँग-अक्सर देखने मे आता है कि जब पशु-पक्षी व इँसान एक-दूसरे की भावनाओं को समझने लगते हैं तो फिर वे एक-दूसरे को नुकसान नहीं पहुँचाते यह वाकया ग्राम डिघारी मे सर्पों व इँसानो के बीच यह रिश्ता दिखलायी पडता है। ग्रामवासियों के अनुसार इस गाँव मे न तो कोई सर्प किसी इँसान को काटता है और न ही कोई इँसान किसी सर्प को मारता है।
सदियों से चल रहे एक किवदंती के चलते बने इस जज्बाती रिश्ते को झुठलाने का प्रयास दोनों मे से किसी पक्ष ने अब तक नहीं किया है। इसी रिश्ते को अटूट व यादगार बनाये रखने डिघारी के ग्रामीण नागपंचमी के दिन अपना समस्त कार्य स्थगित रख सन् 2008 मे निर्मित नाग मँदिर मे सामूहिक पूजापाठ कर सर्प देवोँ के प्रति अपनी श्रद्धा व आस्था व्यक्त करते हैं जो आज शनिवार को नागपंचमी के अवसर पर किया जावेगा ।
आरँग विकास खँड के अँतर्गत ग्राम जिसे डिघारी (टेकारी )के नाम से जाना जाता है। तकरीबन 15 सौ की आबादी है इस ग्राम की । इस ग्राम की कई पीढियां गुजर गयी पर आज तक सर्पों द्वारा किसी इँसान को काटने अथवा किसी इँसान द्वारा किसी सर्प को नुकसान पहुँचाये जाने की शिकायत नहीं मिली है।
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जानकारी के अनुसार इस ग्राम मे एक ब्राह्मण परिवार के पोहकल नामक धार्मिक व्यक्ति को एक रात्रि स्वप्न मे एक सर्प ने दर्शन दे मुँह मे काँटा गडने व इसकी वजह से दर्द से व्याकुल होने की बात कह काँटा निकालने का आग्रह किया । नींद टूटने पर उन्होंने देखा कि हकीकत में तुलसीचौँरा पर दर्द से व्याकुल एक नाग को बैठे पाया। डर की वजह से पहले तो वह पास जाने से हिचकता रहा पर अँततः अनहोनी का भय त्याग सर्प के मुँह मे हाथ डाल काँटा को निकाल फेँका तब नागराज ने डिघारी के सीमारेखा के भीतर सर्पों द्वारा किसी को भी न डसने का वरदान दिया।
इस घटना की जानकारी ग्रामीणों को देने पर तबके भक्तिमय माहौल मे ग्रामीणों ने सर्पों को मारना छोड़ पूजना शुरू कर दिया और सर्पों ने डसना बँद कर दिया। यह विश्वास का रिश्ता इतना मजबूत हो चला कि अब तो ग्राम के नौनिहाल भी निकल आने वाले सर्पों को अपने ग्राम की सीमारेखा के बाहर छोड़ आते हैं और ये सर्प भी निडर रह घरों मे भी तफरीह कर नुकसान पहुँचाये बिना निकल जाते हैं।
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अनुराग वर्मा ने इस बारे में आगे बताया की यह मै बचपन से देख रहा हूँ की मेरे ग्राम डिधारी मे सापों को किसी भी प्रकार से तकलीफ नहीं दिया जाता हैं। और यहाँ रहकर ब्राह्मण परिवार के भांचा विकास शर्मा ने प्रेरित होकर मान रखते हुए अपने जीवन भर सांपों की रक्षा करने की ठान लिया है और जहाँ भी पता चलता है वहाँ जाकर सांप को सुरक्षित निकाल कर जंगल में ले जाकर छोड देता है।
ग्राम सँघर्ष समिति के सँयोजक भूपेन्द्र शर्मा ने भी ग्राम डिघारी मे सर्पों व ग्रामीणों द्वारा निभाए जा रहे इस अजूबे रिश्ते की क्षेत्र मे बरसों से चर्चित होने की जानकारी देते हुये कहा कि कई हिँसक प्राणियों व इँसानो के बीच पनपे विश्वास से दिखने वाले दोस्ताना रिश्तों की तरह सँभवतः बरसों से इस ग्राम के ग्रामीणों व सर्पों के मध्य पनपे सँवेदनशील विश्वास के चलते ही यह अविश्वसनीय रिश्ता कायम है।
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