रायपुर-मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केन्द्रीय वित्त मंत्री द्वारा आज संसद में पेश किए गए वर्ष 2020-21 के बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि यह बजट शुतुरमुर्ग प्रवृत्ति का है जो मूलभूत समस्याओं से मुंह छिपाकर खुश होना चाहता है। इस समय देश में मांग की कमी है, जिसकी वजह से देश मंदी की ओर जा रहा है और इसके मूल में जनता की जेब में पैसों की कमी है। लेकिन वित्त मंत्री ने जनता तक पैसा पहुंचाने का कोई इंतजाम नहीं किया है।केन्द्र सरकार रेल्वे, भारतीय जीवन बीमा निगम जैसे सार्वजनिक उपक्रमों का निजीकरण कर रही है, इससे देश में बेरोजगारी और अधिक बढ़ेगी। सीएम बघेल ने कहा कि केन्द्र सरकार ने किसानों की आय वर्ष 2022 तक दोगुनी करने को कहा है, लेकिन बजट में कोई विशेष उपाय नहीं किए गए हैं।
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किसान पीड़ित हैं, सोलह सूत्रीय कार्यक्रम किसी भी तरह से छोटे किसानों की मदद करने वाला नहीं है। बजट में दिए गए लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए कोई विशिष्ट विचार या कार्य योजना नहीं है। भारत की दो सबसे बड़ी समस्या-अर्थव्यवस्था में बेरोजगारी और मंदी का भी बजट में उल्लेख नहीं किया गया है। हम तो लम्बे अरसे से रायपुर एयरपोर्ट को अपग्रेड करने की माँग कर ही रहे थे। तीन मॉडल सेन्ट्रल लाॅ का पालन करने की सलाह राज्यों को दी गयी है। इसमें राज्यों की क्या स्थिति है, क्या आधारभूत आवश्यकता है, ये बात बिलकुल छूट रही है। जी.एस.टी. के कारण छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। ये चौकीदार सरकार नहीं जेबकतरी सरकार है। कुल मिलाकर जनता की आकांक्षाओं और अपेक्षाओं से खिलवाड़ किया है।
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