भोपाल- इंदौर में भिक्षुकों के साथ हुए व्यवहार पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कड़ी नाराज़गी ज़ाहिर की है। उन्होंने इस संबंध में जिला प्रशासन को दोषियों के ख़िलाफ़ ठोस कार्यवाही के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद नगर निगम के उपायुक्त प्रताप सोलंकी को निलंबित कर दिया गया है। वहीं दो अन्य नगर निगम कर्मियों को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है।
इस मामले में मुख्यमंत्री चौहान का कहना है कि बुजुर्गों के प्रति अमानवीय व्यवहार किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। मेरे लिये नर सेवा ही नारायण सेवा है। हर वृद्ध को आदर, प्रेम और सम्मान मिलना चाहिए; यही हमारी संस्कृति है और मानव धर्म भी।
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उल्लेखनीय है कि आज इंदौर शहर में कड़ी ठंड को देखते हुए भिक्षुकों को रैन बसेरा में शिफ़्ट करने के निर्देश दिए गए थे। इस दौरान यह घटना प्रकाश में आयी। इस कार्य का सुपर विजन करने के लिए नगर निगम के उपायुक्त प्रताप सोलंकी को ज़िम्मेदारी दी गई थी। उपायुक्त सोलंकी द्वारा कार्य में लापरवाही की गई। इस लापरवाही पर उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है और उन्हें इंदौर से बाहर पदस्थ करने के निर्देश दिए गए हैं।
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नगर निगम द्वारा यह स्पष्ट किया गया है कि ठंड को देखते हुए भिक्षुकों को पूरी संवेदनशीलता के साथ रैन बसेरा में शिफ़्ट करने के निर्देश दिए गए थे।
यह देखा गया था कि अनेक स्थानों पर भिक्षुक ठण्ड में रात बिता रहे हैं।
नगर निगम द्वारा प्रतिवर्ष की भाँति मानवीय पहल करते हुए उन्हें
सुरक्षित ढंग से रैन बसेरा में शिफ़्ट करने की कार्यवाही के निर्देश दिए
गए थे। किन्तु इस कार्य में लापरवाही की गई। भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति
नहीं हो, इसके लिए ठोस कार्यवाही की जा रही है।
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