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पहली बार दो लंबी दूरी की मालगाडी “त्रिशूल” व् “गरुड़” का सफलतापूर्वक संचालन

पहली बार दो लंबी दूरी की मालगाडी “त्रिशूल” व् “गरुड़” का सफलतापूर्वक संचालन

दिल्ली-भारतीय रेलवे ने दक्षिण मध्य रेलवे (MCR) पर पहली बार दो लंबी दूरी की मालगाड़ियों “त्रिशूल” और “गरुड़” का सफलतापूर्वक संचालन किया है। मालगाड़ियों की सामान्य संरचना से दोगुनी या कई गुना बड़ी, लंबी दूरी की यह रेल महत्वपूर्ण सैक्‍शनों में क्षमता की कमी की समस्या का एक बहुत प्रभावी समाधान प्रदान करती हैं।

त्रिशूल दक्षिण मध्य रेलवे की पहली लंबी दूरी की रेल है जिसमें तीन मालगाड़ियां, यानी 177 वैगन शामिल हैं। यह रेल 07.अक्टूबर को विजयवाड़ा मंडल के कोंडापल्ली स्टेशन से पूर्वी तट रेलवे के खुर्दा मंडल के लिए रवाना हुई थी। SCR ने इसके बाद 08.10.2021 को गुंतकल डिवीजन के रायचूर से सिकंदराबाद डिवीजन के मनुगुरु तक इसी तरह की एक और रेल को रवाना किया और इसे गरुड़ नाम दिया गया है। दोनों ही मामलों में लंबी दूरी की रेलों में मुख्य रूप से थर्मल पावर स्टेशनों के लिए कोयले की लदान के लिए खाली खुले वैगन शामिल थे।

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 SCR भारतीय रेल पर पांच प्रमुख माल ढुलाई वाले रेलवे में से एक है।विशाखापत्तनम-विजयवाड़ा-गुडुर-रेनिगुंटा,बल्लारशाह-काजीपेट-विजयवाड़ा, काजीपेट-सिकंदराबाद-वाडी, विजयवाड़ा-गुंटूर-गुंतकल खंडों जैसे कुछ मुख्य मार्गों पर SCR थोक माल के यातायात का संचालन करता है। चूंकि इसके अधिकांश माल यातायात को इन प्रमुख मार्गों से होकर गुजरना पड़ता है, इसलिए SCR के लिए इन महत्वपूर्ण सैक्‍शनों में उपलब्ध प्रवाह क्षमता को अधिकतम करना आवश्यक है।