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सिकासेर से कोडार बांध तक पानी लाने सर्वे कार्य में तेजी लाए सरकार-विनोद चंद्राकर

सिकासेर से कोडार बांध तक पानी लाने सर्वे कार्य में तेजी लाए सरकार-विनोद

महासमुंद:-कोडार बांध को भरने उसे सिकासेर बांध से जोडने पूर्व संसदीय सचिव विनोद सेवन लाल चंद्राकर के प्रयास से पूर्ववर्ती भूपेश सरकार ने अपनी बजट में शामिल कर सर्वे के लिए 1 करोड़ राशि स्वीकृत की थी। साथ ही इस संबंध में अधिकारियों को सर्वे कर डीपीआर तैयार करने का आदेश भी दिया था।

बजट मे मिली थी स्वीकृति

उक्त संबंध में पूर्व संसदीय सचिव चंद्राकर ने कहा कि मेरे कार्यकाल में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से निवेदन कर इसे बजट में शामिल किया गया था। गरियाबंद में अच्छी बारिश से सिकासेर जलाशय लबालब हो जाता है और उसका पानी व्यर्थ बहता है। अब इसी बांध के दाएं तट से पानी को नहर निर्माण के माध्यम से कोडार जलाशय में लाने के लिए प्रोजेक्ट तैयार किया जाना था। उन्होंने इस मामले में पूर्व मुखमंत्री का ध्यानाकर्षण कराया था। मामले को गंभीरता से लेते हुए इसे बजट में लाया और स्वीकृति प्रदान की थी।

सिकासेर से कोडार बांध तक पानी लाने सर्वे कार्य में तेजी लाए सरकार-विनोद चंद्राकर

सिकासेर से कोडार बांध तक पानी लाने सर्वे कार्य में तेजी लाए सरकार-विनोद चंद्राकर

बांध में रहेगा हमेशा पानी

पूर्व संसदीय सचिव ने बताया कि सिकासेर बांध से बागबाहरा के बोकरामुड़ा यानी 130 किलोमीटर तक नहर का निर्माण होना है। इसी नहर से सिकासेर का पानी बागबाहरा होते हुए सीधे कोडार जलाशय में पहुंचेगा। कोडार जलाशय की सिंचाई क्षमता 16 हजार 754 हेक्टेयर है। ये खरीफ सीजन का है। रबी सीजन में 6 हजार हेक्टेयर की क्षमता है। खरीफ सीजन में जैसे तैसे पानी किसानों को मिल जाता है, लेकिन रबी सीजन में परेशानी होती है।

इस प्रोजेक्ट से क्षेत्र के किसान फसल की सिंचाई दोनों ही सीजन में बड़ी आसानी से कर पाएंगे। बांध में पानी भरा रहेगा तो विभाग भी किसानों को पानी देगा। इसलिए इस वृहद जलाशय कोडार को भरने व किसानों की स्थिति सुधारने के लिए इस परियोजना का फलीभूत होना अत्यंत आवश्यक है।

पूर्व संसदीय सचिव चंद्राकर ने किसान हित में मांग करते हुए कहा कि राज्य की भाजपा सरकार को बजट में अतिरिक्त राशि का प्रावधान कर शीघ्र सर्वे कार्य में तेजी लाते हुए डीपीआर तैयार कराना चाहिए। तथा वन विभाग से एनओसी लेकर डीपीआर के आधार पर शीघ्र नहर लाइनिंग का कार्य प्रारंभ किया जाना चाहिए। जिससे जिले के किसानों को इसका लाभ मिल सके।

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