Home छत्तीसगढ़ संविदा में पदस्थ मनरेगा कर्मियों ने खोला मोर्चा नियमितीकरण की मांग पर

संविदा में पदस्थ मनरेगा कर्मियों ने खोला मोर्चा नियमितीकरण की मांग पर

मांग पूरी नहीं होने पर अप्रैल माह से कलमबंद अनिश्चितकालीन आंदोलन का ऐलान Announcement of indefinite agitation from the month of April if the demand is not met

संविदा में पदस्थ मनरेगा कर्मियों ने खोला मोर्चा नियमितीकरण की मांग पर

महासमुंद। कांग्रेस के चुनावी घोषणा पत्र में किए गए संविदा कर्मियों के नियमितीकरण की मांग को लेकर मनरेगा कर्मियों ने राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। नियमितीकरण करने की मांग की है और पूरी नहीं होने पर आगामी अप्रैल माह से कलमबंद हड़ताल शुरु करने की ऐलान किया है।

सोमवार को जिलेभर के मनरेगा संविदा कर्मी विभिन्न मांगों को लेकर यहां मुख्यालय में एकत्र हुए और रैली निकाली कलेक्टोरेट का घेराव कर मुख्यमंत्री के नाम अपनी मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंपा। छग कर्मचारी महासंघ के बैनर तले आयोजित एक दिवसीय आंदोलन में जिले के सभी ब्लॉकों के जनपद पंचायतों में पदस्थ मनरेगा कर्मी और पंचायतों में कार्यरत रोजगार सहायक शामिल हुए।

नियमितिकरण की मांग को लेकर संविदा कर्मचारियों ने की संसदीय सचिव से मुलाकात

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मुख्यमंत्री के नाम सौपने के लिए तैयार ज्ञापन में कहा है कि चुनावी घोषणा पत्र के अुनसार मनरेगा कर्मियों को नियमित किया जाए और प्रकिया पूर्ण होने तक ग्राम रोजगार सहायकोंं का वेतनमान निर्धारण कर समस्त मनरेगा कर्मियों पर सिविल सेवा नियम 1996 के साथ पंचायतकर्मी नियमावली लागू किए जाने की मांग की है।

छग मनरेगा संघ में शामिल मनरेगा कर्मचारी संघ के सरक्षक अर्चना चंद्राकर, जिलाध्यक्ष खूबचंद वर्मा, जिलाउपाध्यक्ष समीर तिवारी जिला ग्राम रोजगार सहायक अध्यक्ष राजू तांडी सहित जिले के विभिन्न ब्लॉकों से पहुंचे मनरेगा व रोजगार सहायक शामिल रहे।

आंदोलन की चेतावनी

संविदा कर्मियों ने कहा है कि सरकार के प्रस्तुत चौथे बजट से उन्हें काफी उम्मीदें थी। लेकिन उनके नियमितीकरण के संबंध में कोई उल्लेख नहीं है। यदि उनकी मांग जल्द से जल्द पूरी नहीं की जाती है तो वे आगामी अप्रैल माह के प्रथम सप्ताह से अनिश्चितकालीन आंदोलन में जाने के लिए बाध्य हो जाएंगे।

चार माह से वेतन भी नहीं मिला

इधर, कर्मियों को पिछले चार माह से वेतन भी अप्राप्त है। संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि विगत नवंबर माह से उन्हें वेतन अप्राप्त है जिसके चलते उन्हें आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है। मार्च भी बीतने वाला है और वेतन का पता नहीं।

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