Home छत्तीसगढ़ संपत्ति विरुपण पर कार्यवाही शुरू,चुनाव आचार संहिता प्रभावी होते ही

संपत्ति विरुपण पर कार्यवाही शुरू,चुनाव आचार संहिता प्रभावी होते ही

सम्पत्ति  विरूपण पर कार्यवाही शुरू,चुनाव आचार संहिता प्रभावी होते ही

बलौदाबाजार:-आचार संहिता प्रभावी होते ही नगरीय निकायों एवं पंचायत क्षेत्रों में संपत्ति विरुपण पर कार्यवाही करने के निर्देश दिए। निर्देश के अनुपालन में नगरीय निकाय एवं पंचायत क्षेत्रों में शासकीय भावनो एवं सार्वजनिक स्थानों से सम्पति विरुपण पर कार्यवाही क़ी गई जिसमें बैनर, पोस्टर हटाने एवं दिवार लेखन को मिटाने क़ी कार्यवाही क़ी जा रही है।

राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा सोमवार को नगरीय निकायों एवं त्रिस्तरीय पंचायत के लिए निर्वाचन तिथि क़ी घोषणा के साथ ही जिले में आदर्श आचरण संहिता लागू हो गई।

जिला निर्वाचन अधिकारी एवं कलेक्टर दीपक सोनी ने संपत्ति विरुपण अधिनियम अंतर्गत कोई भी जो सम्पत्ति के स्वामी की लिखित अनुज्ञा के बिना सार्वजनिक दृष्टि में आने वाली किसी सम्पत्ति से स्याही, खड़िया, रंग या किसी अन्य पदार्थों से लिखकर या चिन्हित करके उसे विरूपित करेगा वह जुर्माने से दण्डनीय होगा।

संपत्ति विरुपण पर कार्यवाही शुरू,चुनाव आचार संहिता प्रभावी होते ही

सम्पत्ति  विरूपण पर कार्यवाही शुरू,चुनाव आचार संहिता प्रभावी होते ही

अधिनियम के तहत जारी आदेश में यह कहा गया है कि किसी भी राजनीतिक दल या निर्वाचन लड़ने वाले प्रत्याशी द्वारा किसी निजी सम्पत्ति पर बैनर लगाने, पोस्टर चिपकाने, चुनाव प्रचार से संबंधित झंडे लगाने या रंग, खड़िया से लिखे जाने से पूर्व निजी सम्पत्ति के स्वामी की लिखित सहमति से संभावित दस्तावेज निर्वाचन कार्यालय में आवश्यक रूप से उपलब्ध करायें। कोई भी राजनीतिक दल या प्रत्याशी अपने समर्थकों, अनुयायियों को झंडे लगाने, बैनरों को लटकाने, नोटिसों को चिपकाने, नारे आदि लिखने के लिए सम्पत्ति स्वामी की अनुमति के बिना नहीं कर सकेंगे।

इसमें भवन, भूमि, अहाता आदि शामिल है। यदि बिना सहमति से किसी निजी सम्पत्ति पर बैनर लगा हो, पोस्टर चिपका हो, चुनाव प्रचार संबंधी झंडे लगे हो या रंग अथवा खड़िया से लिखकर सम्पत्ति को विरूपित किया जाना पाया जाएगा तो सम्पत्ति विरूपण निवारण अधिनियम के तहत न केवल दण्डित किया जाएगा अपितु उसे हटाये जाने में होने वाले व्यय की वसूली भू-राजस्व बकाया की भांति निर्वाचन लड़ने वाले प्रत्याशी, राजनीतिक दल आदि से की जाएगी। इसके साथ ही साथ होने वाले व्यय को राजनीतिक दल अथवा प्रत्याशी के व्यय लेखा में जोड़ा जाएगा। भारतीय दण्ड संहिता और दण्ड प्रक्रिया संहिता के अधीन दण्डात्मक कार्यवाही की जाएगी।

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