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सचिवों की मांग अनसुना कर मोदी की गारंटी से पीछे हट रही भाजपा : विनोद चंद्राकर

सरकार बनते ही मोदी की गारंटी के तहत सचिवों की शासकीयकरण का भाजपा ने किया था वादा, पंचायत सचिवों के हड़ताल से गाँवों के मूलभूत सहित अनेक कार्य हो रहे प्रभावित:-विनोद

सचिवों की मांग अनसुना कर मोदी की गारंटी से पीछे हट रही भाजपा : विनोद
Vinod Chandrakar-1

महासमुंद। शासकीयकरण की मांग को लेकर पंचायत सचिवों के अनिश्चितकालीन हड़ताल को पूर्व संसदीय सचिव  विनोद सेवनलाल चंद्राकर ने पूरी तरह जायज बताया है। श्री चंद्राकर ने कहा कि चुनाव से पहले भाजपा ने सचिवों को शासकीय कर्मचारी बनाने का वादा किया था। भाजपा ने इसे मोदी की गारंटी बताया था। अब सरकार इस गारंटी से पीछे हट रही है। सरकार को बने सवा एक साल से ज्यादा हो गया। फिर भी आदेश जारी नहीं किया गया।

पूर्व संसदीय सचिव ने कहा कि ग्रामीण जनता की पीड़ा को शासन तक पहुंचाने और शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं को धरातल पर मूर्त रूप देने वाले ग्राम पंचायत के सचिव भाजपा शासन में शोषित और पीड़ित है। पूर्व में भूपेश सरकार ने अपने 5 वर्षों के कार्यकाल में पंचायत सचिवों की वेतन वृद्धि सहित विभिन्न सुविधाएं दी। जब भाजपा की सरकार सत्ता में नहीं थी, तब भाजपा नेता कर्मचारियों के मंच पर जाकर बड़ी-बड़ी ढींगे हांकती थी और आज जब वह सत्ता पर है तो बेजुबान हो गई है, उनके मुंह से शब्द नहीं निकल रहे है। सचिवों की हड़ताल से ग्रामों के मूलभूत कार्य, आवास निर्माण, पेंशन राशि, जाति-निवास प्रमाण पत्र सहित पंचायत से जुड़े अनेक कार्य ठप पड़े हैं। इस हड़ताल का प्रभाव ग्रामीणों के जीवन पर पड़ रहा है।

सचिवों की मांग अनसुना कर मोदी की गारंटी से पीछे हट रही भाजपा : विनोद चंद्राकर

पूर्व संसदीय सचिव ने कहा कि छत्तीसगढ़ के नागरिकों से बड़े-बड़े जुमले हांक कर सत्ता प्राप्ति का सफर तय करने वाली भाजपा की सरकार की पर्दा फाश हो चुकी है। कर्ज के सहारे चल रही ये सरकार प्रदेश की जनता को विकास का हवा हवाई सपने दिखा रही है। छग में भाजपा की सरकार से किसान, मजदूर एवं कर्मचारी-अधिकारी अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं।

सवा एक साल के कार्यकाल में भाजपा की कार्पोरेट सरकार ने छत्तीसगढ़ की जनता को झूठा आश्वासन देकर सिर्फ ठगने का कार्य किया है। इनकी कथनी और करनी में जमीन आसमान का अंतर है। धरातल पर इनका कोई कार्य मूर्त रूप लेता नहीं दिख रहा है। सिर्फ चौक-चौराहों में पोस्टर और फ्लेक्स ही नजर आ रहे हैं, इसीलिए किसान, मजदूर एवं कर्मचारी आक्रोशित एवं परेशान है। पंचायत सचिवों सहित दैवेभो, आंगनबाड़ी, रसोइया सहित शासकीय विभागों में सेवा दे रहे हजारों कर्मचारी सड़कों पर उतर कर आंदोलन कर रहे हैं।

पूर्व संसदीय सचिव ने कहा कि सत्ता हासिल करने के लिए कर्मचारियों को मोदी की गारंटी के तहत 100 दिन में नियमित करने वाली भाजपा की सरकार आज बहरी हो चुकी है। उन्हें पंचायत सचिवों की पुकार नहीं सुनाई दे रही। अनियमित, संविदा, दैनिक वेतन भोगी एवं मानदेय कर्मचारियों का नियमितीकरण तो दिवा स्वप्न बन चुका है।

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