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36गढ़ को लघु वनोपज के विभिन्न श्रेणियों के लिए मिले राष्ट्रीय स्तर के दस पुरस्कार

छत्तीसगढ़ के महुआ सेनिटाईजर और इमली चस्का को राष्ट्रीय स्तर पर मिली पहचान,उत्कृष्टता के लिए छत्तीसगढ़ को छह श्रेणियों में प्रथम पुरस्कार

36गढ़ को लघु वनोपज के विभिन्न श्रेणियों के लिए मिले राष्ट्रीय स्तर के दस पुरस्कार

रायपुर-लघु वनोपज संग्रहण के क्षेत्र में मॉडल स्टेट के रूप में उभरे छत्तीसगढ़ को भारत सरकार द्वारा विभिन्न श्रेणियों में दस पुरस्कारों से नवाजा गया है। प्रदेश को छह श्रेणियों में देश भर में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है। राज्य में निर्मित महुआ सेनिटाइजर और ईमली चस्का को नव उत्पाद एवं नवाचार श्रेणी में पुरस्कार मिला है। प्रदेश के 12 वन धन केन्द्रों को 15 राज्य स्तरीय पुरस्कार भी मिले हैं। केन्द्रीय जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा ने आज नई दिल्ली में आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ को ये पुरस्कार प्रदान किए।

छत्तीसगढ़ की इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि देश में सर्वाधिक वनोपज क्रय कर छत्तीसगढ़ राज्य ने एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। सरकार के इन प्रयासों से वनवासियों की आर्थिक स्थिति सुधरी है। इससे बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिल रहा है।

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36गढ़ को लघु वनोपज के विभिन्न श्रेणियों के लिए मिले राष्ट्रीय स्तर के दस पुरस्कार

भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन संघ मर्यादित (ट्राइफेड) द्वारा तीन श्रेणियों, न्यूनतम समर्थन मूल्य, वन धन तथा विक्रय एवं विपणन के अंतर्गत राज्यों के प्रदर्शन का मूल्यांकन कर राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किए गए हैं। इनमें छत्तीसगढ़ छह श्रेणियों में पूरे देश में अव्वल रहा है। वीडियो कॉन्फ्रेंस से आयोजित पुरस्कार समारोह में जनजातीय मामलों के केन्द्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने वनोपजों के प्रसंस्करण कार्य में लगे बस्तर के बकावंड और जगदलपुर के स्वसहायता समूहों के कार्यों की प्रशंसा की। उन्होंने समूह की महिलाओं से चर्चा कर उनकी हौसला अफजाई भी की।

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वन धन पुरस्कार 2020-21 के तहत छत्तीसगढ़ को लघु वनोपजों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना के अंतर्गत सर्वाधिक नए वनोपजों (52) को न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना में शामिल करने, भारत शासन की राशि से सर्वाधिक मूल्य (180.51 करोड़ रुपए) का लघु वनोपज खरीदने, केंद्र एवं राज्य शासन की राशि से सर्वाधिक मूल्य (1173 करोड़ रुपए) के लघु वनोपज की खरीदी तथा वर्ष 2020-21 तक उपलब्ध कराई गयी राशि (127.09 करोड़ रूपए) की अधिकतम उपयोगिता के लिए प्रथम पुरस्कार मिला है।

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वन धन योजना के तहत मूल्य संवर्धन के लिए अधिकतम उत्पादों (121) के निर्माण तथा मूल्य संवर्धन कर उत्पादों की

अधिकतम बिक्री (4.24 करोड़ रूपए) के लिए भी प्रदेश को पहला पुरस्कार प्राप्त हुआ है।

इसी श्रेणी में सर्वाधिक सर्वेक्षण पूर्ण करने तथा वन धन विकास केंद्र क्लस्टरों के लिए

सर्वाधिक प्रशिक्षण हेतु छत्तीसगढ़ को तीसरा पुरस्कार मिला है। नव उत्पाद एवं नवाचार

की श्रेणी में राज्य में निर्मित महुआ सेनिटाइजर और ईमली चस्का को पुरस्कत किया गया है।

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