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36 गढ़ के पीके शुक्ला राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से हुए सम्मानित

उनकी यह उपलब्धि सैद्धांतिक शिक्षा और छात्रों के सर्वांगीण विकास के बीच एक अच्छा संतुलन बनाने के लिए मंत्रालय के दृढ़ संकल्प और इच्छा शक्ति को दृढ़ता से स्थापित करती है

36 गढ़ के पीके शुक्ला राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से हुए सम्मानित

दिल्ली-राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने 5 सितंबर को देश के सबसे प्रतिभाशाली 44 शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कारों से सम्मानित किया। छत्तीसगढ़ में बस्तर ज़िले के करपावंड में एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय (EMRS) के अंग्रेजी व्याख्याता प्रमोद कुमार शुक्ला ने भी यह पुरस्कार ग्रहण किया है।

राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के अवसर पर देश भर से चयनित सबसे प्रतिभाशाली 44 शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कारों से सम्मनित किया। यह पुरस्कार छत्तीसगढ़ में बस्तर ज़िले के करपावंड में एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय (ईएमआरएस) के अंग्रेजी व्याख्याता प्रमोद कुमार शुक्ला को भी प्रदान किया गया है।

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36 गढ़ के पीके शुक्ला राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से हुए सम्मानित

ईएमआरएस के शिक्षक के लिए यह लगातार दूसरा पुरस्कार है और जनजातीय कार्य मंत्रालय के अंतर्गत स्थापित एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों के लिए विशेष महत्व रखता है। पिछली बार उत्तराखंड में देहरादून के कलसी में ईएमआरएस की उप-प्रधानाचार्य, सुधा पेनुली को यह पुरस्कार 2020 में प्रदान किया गया था।

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के अंतर्गत स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग ने वर्ष 2021 के लिए शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार (एनएटी) प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक स्वतंत्र निर्णायक समिति का गठन किया था। प्रमोद कुमार शुक्ला ने 3-चरण की कठोर ऑनलाइन पारदर्शी चयन प्रक्रिया के बाद पूरे भारत से 44 उत्कृष्ट शिक्षकों की सूची में जगह बनाई।

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व्याख्याता शुक्ला, छत्तीसगढ़ के ऐसे ही एक स्कूल में पढ़ा रहे हैं और सुदूरवर्ती वामपंथी उग्रवाद प्रभावित आदिवासी क्षेत्र के आदिवासी छात्रों को पढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उनकी शिक्षण यात्रा के बारे में सबसे अनूठी उपलब्धियां सीखने को प्रेरक और अनुभव पर आधारित बनाने के लिए फ्री ड्रामा डे, “पढ़ाई तुंहार पारा”, शब्दावली रॉकेट जैसी आनंददायक सीखने की तकनीकों का सम्मिश्रण है।

जब कोविड-19 के कारण स्कूलों को बंद कर दिया गया था और वास्तविक रूप से शिक्षा प्रदान करना बहुत कठिन हो गया था, तो यू-ट्यूब चैनलों के माध्यम से पढ़ाने और केबल टीवी के माध्यम से पढ़ाने, सरकारी मंच के उपयोग आदि में उनके अभिनव प्रयोगों ने छात्रों की शिक्षा को निर्बाध रूप से जारी रखना सुनिश्चित किया। उनकी यह उपलब्धि सैद्धांतिक शिक्षा और छात्रों के सर्वांगीण विकास के बीच एक अच्छा संतुलन बनाने के लिए मंत्रालय के दृढ़ संकल्प और इच्छा शक्ति को दृढ़ता से स्थापित करती है।

36 गढ़ के पीके शुक्ला राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से हुए सम्मानित

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जनजातीय कार्य मंत्री (एमओटीए) अर्जुन मुंडा ने इस उपलब्धि पर कहा कि यह ईएमआरएस के लिए गर्व का क्षण है। यह उपलब्धि संपूर्ण ईएमआरएस शिक्षक समुदाअय को शिक्षा के क्षेत्र में अपनी उत्कृष्टता दिखाने और जनजातीय छात्रों को प्रदान की जाने वाली गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के स्तर को ऊपर उठाने के लिए प्रेरित करेगी। यह पुरस्कार जनजातीय छात्रों के लिए शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए काम करने के लिए मंत्रालय द्वारा किए गए ठोस प्रयासों का परिणाम है। जनजातीय कार्य मंत्रालय में राज्य मंत्री रेणुका सिंह सरुता और बिश्वेश्वर टुडू ने प्रमोद शुक्ला और ईएमआरएस शिक्षकों के पूरे समुदाय को बधाई दी।

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