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पराजय के भय से निकाय चुनाव टालने का षडयंत्र कर रही भाजपा : विनोद चंद्राकर

पराजय के भय से निकाय चुनाव टालने का षडयंत्र कर रही भाजपा : विनोद
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महासमुंद। पराजय के भय से निकाय चुनाव टालने का षडयंत्र कर रही भाजपा प्रदेश में व्याप्त अराजकता व सरकार के कार्यशैली से जनता में गहरी नाराजगी व आक्रोश व्याप्त है। प्रदेश के समस्त निकाय क्षेत्रों में साय सरकार के खिलाफ माहौल निर्मित हो गए हैं, और निकाय चुनावों में भाजपा की संभावित पराजय के भय से सरकार निकाय चुनाव में अनावश्यक विलंब कर रही है। उक्त बाते पूर्व संसदीय सचिव व महासमुंद के पूर्व विधायक विनोद सेवन लाल चंद्राकर ने कही है ।

राज्य सरकार पर आरोप

उन्होंने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि निकाय चुनाव टालने का मतलब है कि राज्य सरकार निर्वाचित प्रतिनिधि से जिम्मेदारी हटाकर निकायों को अफसरशाही के हवाले करना चाहती है। ऐसा करके सरकार निकायों में अगले चुनाव तक धन उगाही का काम अधिकारियों के माध्यम से करने की साजिश कर रही है। आरक्षण प्रक्रिया में मनमानी पूर्वक बदलाव कर चुनाव को बाधित कर रहे हैं।

अध्यक्ष व महापौर के लिए आरक्षण की प्रक्रिया अकारण ही 10 दिन आगे बढ़ा दिया गया। इससे स्पष्ट हो रहा है कि भाजपा सरकार नगरीय निकाय चुनाव की प्रक्रिया में जाने से डर रही, लगातार बहाने कर रही है। छग की जनता साय सरकार के कामकाज से बेहद नाराज है, बिगड़ती कानून व्यवस्था, धान खरीदी में कुप्रबंधन, आरक्षक भर्ती घोटाला, महतारी वंदन योजना में भ्रष्टाचार, अपराध, अपराधियों और भ्रष्टाचारियों को संरक्षण से यह सरकार जनता का भरोसा खो चुकी है, इसलिए चुनाव टाला जा रहा है।

आरक्षण प्रक्रिया आगे बढ़ा

पूर्व विधायक आगे ने कहा है कि कांग्रेस के दबाव में बैलेट पेपर पर चुनाव कराने सरकार मजबूर हुआ है। केवल स्थानीय निकाय ही नहीं, हर चुनाव बैलेट पेपर से होना चाहिए। विश्वसनीयता के लिए पारदर्शिता आवश्यक है। लोकतंत्र पर आम जनता का भरोसा कायम रहे इसके लिए बैलेट पेपर से चुनाव आवश्यक है। एक साल हो गए भारतीय जनता पार्टी की छत्तीसगढ़ में सरकार बने, लेकिन अब तक यह कह रहे हैं कि तैयारी नहीं हो पाई है, महापौर और पालिका अध्यक्ष के लिए आरक्षण प्रक्रिया आगे बढ़ा दिए, आरक्षण के नियमों में अव्यावहारिक बदलाव कर दिए, आरक्षित वर्ग के अधिकारों में दुर्भावना पूर्वक कुठाराघात किया गया है। तरह तरह के बहाने बनाकर स्थानीय निकाय चुनाव को टाला जा रहा है। हार के डर से भाजपा सरकार स्थानीय निकाय चुनाव से भाग रही है।

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