Home Blog Page 930

निःशुल्क चिकित्सा शिविर सैनिक परिवार के लोगों ने शिविर में कराया उपचार

महासमुंद -सैनिक कल्याण संचालनालय छत्तीसगढ़ एवं जिला सैनिक कल्याण कार्यालय रायपुर के तत्वाधान में भूतपूर्व सैनिकंांे, विधवाओं, वीर नारीयों एवं उनके आश्रितों के लिए रविवार 29 सितम्बर 2019 को निःशुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन जिला चिकित्सा़लय में आयोजित किया गया था। इस अवसर पर कलेक्टर  सुनील कुमार जैन, पुलिस अधीक्षक जितेन्द्र शुक्ल, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. एस.पी.वारे, सिविल सर्जन डाॅ. आर.के.परदल सेवा निवृत्त जिला सैनिक कल्याण के विंग कमांडर  ए.श्रीनिवास राव विशेष रूप से उपस्थित थे।

निःशुल्क चिकित्सा शिविर में महासमुन्द, सरायपाली, बसना, पिथौरा, आरंग, धमतरी, गरियाबंद, तिल्दा, राजिम एवं आस-पास के सैनिक परिवारों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया तथा निःशुल्क चिकित्सा शिविर का लाभ उठाया। शिविर में मरीजों की जांच के लिए पैथो लेब एवं अन्य लेबों की सुविधाएं उपलब्ध करायी गई थी एवं निःशुल्क दवाई का वितरण किया गया। शिविर में दूर-दराज से आने वाली वीर नारियों एवं उम्र दराज सैनिकों के लिए वाहन एवं भोजन की व्यवस्था की गई थी।

कलेक्टर  द्वारा द्वीप प्रज्वलित कर सभी उपस्थित अतिथियों एवं सैनिक परिवारों को संबोधित कर शिविर का शुभारंभ किया। सैनिक कल्याण विभाग छत्तीसगढ़ के संचालक एयर कोमोडोर ए.एन.कुलकर्णी ने उपस्थित सभी भूतपूर्व सैनिक, उनके परिवार एवं अतिथियों को निःशुल्क शिविर में आने एवं सफल बनाने के लिए आभार व्यक्त किया साथ ही इस शिविर के सफल आयोजन के लिए जिला सैनिक कल्याण अधिकारी विंग कमांडर ए.श्रीनिवास राव एवं उनकी टीम, प्यारे लाल साहू एवं जिन्होंने प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से इस कार्यक्रम को सफल बनाने में योगदान दिया, उन सभी का धन्यवाद व्यक्त किया। सैनिक कल्याण विभाग के संचालक द्वारा अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट किया गया।

इस अवसर पर ब्रांच मैनेजर स्टेट बैंक आफ इण्डिया एवं लीड बैक मैनेजर  डी.के.मिश्रा, शिवालिक स्टील प्लांट बेलसोंडा के एम.डी. मोहित शर्मा, वासवानी सहित सुयश हाॅस्पिटल के विशेषज्ञ टीमं डाॅ. पूजा काधी (गायनो), डाॅ. आर.के.साहू (नेफ्रो), डाॅ. जगदीश उरैया (आॅर्थोपेडिक), डाॅ. गौरव अहलुवालिया (ईएनटी), डाॅ. गौरव त्रिपाठी (कार्डियो), डाॅ. विनायक रोडगी (न्यूरो), डाॅ. रूद्र प्रसाद साहू (जनरल मेडिसीन), डाॅ गणपथी किनी (गेस्टो) उपस्थित थें।

कलेक्टर ने राजस्व विभाग के लंबित प्रकरणों को समय-सीमा के भीतर निराकरण करने के दिए निर्देश

महासमुंद- कलेक्टर सुनील कुमार जैन ने आज यहां जिला कार्यालय के सभाकक्ष में राजस्व अधिकारियों की बैठक लेकर राजस्व प्रकरणों की समीक्षा, भू-अर्जन के लंबित प्रकरणों के निराकरण एवं मुआवजा भुगतान, नजूल नवीनीकरण एवं नजूल भूमि का नामांतरण, भू-अभिलेख अद्यतीकरण की प्रगति, आॅन-लाईन पंजीयन पर नामांतरण की जानकारी व आॅन-लाईन की समीक्षा, ई-कोर्ट में दर्ज, शेष एवं निराकृत प्रकरणों, गिरदावरी, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की प्रगति, मसाहती व असर्वेक्षित ग्रामों का सर्वेक्षण, शालेय छात्र-छात्राओं को जाति, निवास, आय प्रमाण-पत्र जारी किए जाने की प्रगति, लोक सेवा गारंटी योजना के अंतर्गत आवेदनों का निराकरण, आर.बी.सी. 6-4 के प्रकरणों की समीक्षा, वन अधिकार पत्र की प्रगति, डिजिटल हस्ताक्षरित खसरों के सत्यापन की प्रगति, राजस्व अभिलेखों में आधार, मोबाईल नम्बर एवं लिंग प्रविष्टि की प्रगति एवं राजस्व पखवाड़े का आयोजन की प्रगति की गहन समीक्षा की और उनको समय-सीमा पर शीघ्र निराकरण के लिए दिशा-निर्देश दिए।

बैठक में कलेक्टर ने अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को पटवारियों की समस्याओं को सुनकर नियमतः उनकी समस्याओं को निराकरण के निर्देश दिए। कक्षा 10वीं तक के अनुसूचित जाति, अनुसूचित जन जाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्र-छात्राओं के लिए आय प्रमाण पत्र संबंधित हल्का पटवारी अपनी हस्ताक्षर से जारी कर सकते है। इसके अलावा संबंधित राजस्व अधिकारी जाति, निवास प्रमाण पत्र बनाने के लिए गहन जांच कर प्रमाण पत्र जारी करें। उन्होंने राजस्व अधिकारियों को नगरीय निकाय के मतदान केन्द्रों का परीक्षण करने को कहा।

बैठक में उन्होंने जिले के राजस्व अधिकारियों को लंबित नामांतरण, बंटवारा, फौती, बंदोबस्त त्रुटि सहित अन्य प्रकरणों को जल्द निराकरण करने के निर्देश दिए। इस दौरान उन्होंने रिकार्ड अपडेशन के लिए सभी राजस्व अधिकारियों को पंचायत में अविवादित नामांतरण प्रकरणों एवं निराकृत तथा लंबित दर्ज प्रकरणों की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा कि सभी लंबित प्रकरणों में इस्तिहार, पंचायत प्रस्ताव, प्रतिबद्ध पक्षकारों को नोटिश जारी कर समय अवधि में निराकृत कर रिकार्ड कीपिंग पश्चात् साफ्टवेयर में अपडेशन करें।

कलेक्टर ने कहा कि डायवर्सन अभिलेखों का निर्माण, ई-कोर्ट में सुनवाई दिवस, निराकरण की स्थिति, डिजिटल हस्ताक्षरित खसरों की जानकारी, राजस्व अभिलेख में आधार सीडिंग, खसरा एवं नक्शा अपडेशन लोक सेवा केन्द्र के माध्यम से प्राप्त नकल आवेदनों के निराकरण स्थिति की समीक्षा करते हुए समय-सीमा के बाहर लंबित प्रकरणों का तत्काल निराकरण करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने आरबीसी 6-4 के अंतर्गत प्रकरणों की स्थिति का मुआवजा भुगतान के प्रकरणों पर शीघ्र कार्रवाई करने को कहा। सीमांकन, विवादित नामांतरण, बंटवारा एवं बंदोबस्त त्रुटि सुधार के सभी लंबित प्रकरणों को शत-प्रतिशत निराकरण किया जाए। उन्होंने व्यक्तिगत वनाधिकार के लंबित दावा एवं सामुदायिक दावों के प्रकरणों का निराकरण करने के लिए खंड स्तरीय समिति बनाने के लिए अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को निर्देशित किया। इसी प्रकार विभिन्न विभागों द्वारा लोक सेवा गारंटी योजना में चिन्हित सेवाओं का लाभ आम जनता को निर्धारित अवधि में दिया जाए।

इस अवसर पर सरायपाली एसडीएम विनय कुमार लंगेह, अपर कलेक्टर  शरीफ मोहम्मद खान, महासमुंद एसडीएम सुनील कुमार चन्द्रवंशी, पिथौरा एसडीएम, बीएस मरकाम, बागबाहरा एसडीएम  भागवत जायसवाल, डिप्टी कलेक्टर  सीमा ठाकुर सहित तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार उपस्थित थे।

नवनिर्मित लान टेनिस का विधायक विनोद चन्द्राकर ने किया लोकार्पण

महासमुंद- विधायक विनोद सेवनलाल चंद्राकर ने जिला मुख्यालय स्थित वन प्रशिक्षण शाला में साढ़े सात लाख रूपए की लागत से नवनिर्मित लान टेनिस ग्राउंड का लोकार्पण किया। इस दौरान विधायक चंद्राकर ने डीएफओ मयंक पांडे के साथ लान टेनिस में अपना हाथ भी अजमाया।
शुक्रवार को दोपहर वन विद्यालय में वन विभाग द्वारा लाॅन टेनिस ग्राउंड का लोकार्पण समारोह का आयोजन किया गया था। जिसमें बतौर मुख्य अतिथि विधायक विनोद चंद्राकर ने उपस्थित होकर लोकार्पण किया। लोकार्पण के बाद विधायक  ने डीएफओ मयंक पांडे के साथ लाॅन टेनिस में हाथ भी आजमाया। जिसका उपस्थितजनों ने लुत्फ उठाया।
विधायक विनोद  चंद्राकर ने कहा कि खेलों को बढ़ावा देने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार कृत संकल्पित है। खेलों में आगे बढ़ाने की दिशा में प्रयास होने के कारण ही खिलाड़ी बच्चे प्रदेश व देश के साथ ही अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर नाम रोशन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उच्च स्तर के लाॅन टेनिस ग्राउंड निर्माण होने से बच्चों को अपनी प्रतिभा निखारने के लिए एक सुनहरा मौका मिल सकेगा। महासमुंद जिले में खेलों के लिए हर साधन व सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। यह ग्राउंड टेनिस में रूचि रखने वाले बच्चों को उनकी प्रतिभा निखारने में मदद करेगा। इस अवसर पर डीएफओ मयंक पांडे, बसंत सिन्हा, पार्षद संजय शर्मा, एसडीओ एसएस नाविक सहित वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी मौजूद थे।

नौसेना के हल्के लड़ाकू विमान ने पूर्व निर्धारित मानकों को पार किया

नई दिल्ली-विमानवाहक पोत से स्वदेशी युद्धक विमान के संचालन संबंधी सभी प्रौद्योगिकियों की पड़ताल सफलतापूर्वक पूरी हुई। हल्के लड़ाकू विमान – एलसीए नैवल प्रोटोटाइप-2 ने 4:21 बजे सायं स्की-जंप से उड़ान भरी और 4:31 बजे सायं उस पर संपूर्ण नियंत्रण स्थापित हो गया। ये दोनों स्थान तटीय परीक्षण सुविधा आईएनएस हंसा, गोवा में स्थित थे। इससे पूर्व दोनों गतिविधियों में सफलता अलग-अलग प्राप्त हुईं थीं, लेकिन इस बार पहले प्रयास में ही लॉन्च और रिकवरी एक साथ हासिल की गईं।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस उपलब्धि के लिए डीआरडीओ, एडीए, एचएएल और भारतीय नौसेना को बधाई दी है। रक्षा विभाग के सचिव, अनुसंधान एवं विकास तथा डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. जी. सतीश ने भी डीआरडीओ, एडीए, एचएएल और भारतीय नौसेना को बधाई दी है।

‘पूरी दुनिया के लिए भारतीय समाधान’ – यह हमारी प्रतिबद्धता है: प्रधानमंत्री

नई दिल्ली -प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी ने 36 घंटे के सिंगापुर इंडिया हैकाथॉन के विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किए, जो आज आईआईटी चेन्नई में संपन्न हुआ।

इस तरह का यह दूसरा हैकाथॉन सिंगापुर सरकार, भारत सरकार, आईआईटी चेन्नई और नानयांग तकनीकी विश्वविद्यालय (एनटीयू), सिंगापुर के सहयोग से आयोजित किया गया था।

वर्ष 2018 में सिंगापुर के एनटीयू में प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी द्वारा प्रस्‍तुत किए गए आइडिया के आधार पर प्रथम हैकाथॉन का आयोजन किया गया था।

प्रधानमंत्री ने विद्यार्थियों और अकादमिक बिरादरी को संबोधित करते हुए हैकाथॉन के विजेताओं को बधाई दी।

प्रधानमंत्री ने कहा, “मित्रों, मैं हैकाथॉन के विजेताओं को बधाई देता हूं। मैं यहां एकत्रित प्रत्येक युवा मित्र, विशेषकर अपने विद्यार्थी मित्रों को बधाई देता हूं। चुनौतियों का सामना करने और व्यावहारिक समाधान खोजने की आपकी इच्छा, आपकी ऊर्जा और आपका जज्‍बा महज एक प्रतियोगिता जीतने की तुलना में कहीं अधिक बेशकीमती है।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि स्टार्टअप के अनुकूल परिवेश वाले 3 शीर्ष देशों में भारत को भी शुमार किया जाता है। उन्होंने कहा कि भारत ने पिछले पांच वर्षों में नवाचार और इन्‍क्‍यूबेशन पर काफी अधिक जोर दिया है।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘अटल नवाचार मिशन, पीएम रिसर्च फेलोशिप, स्टार्ट-अप इंडिया अभियान जैसे कार्यक्रम 21वीं सदी के भारत की नींव हैं, एक ऐसा भारत जो नवाचार की संस्कृति को बढ़ावा देता है। अब हम अपने छात्रों को कम उम्र में छठी कक्षा से ही मशीन लर्निंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ब्लॉकचेन जैसी आधुनिक तकनीकों की जानकारी देने की कोशिश कर रहे हैं। स्कूल से लेकर उच्च शिक्षा में अनुसंधान करने तक एक ऐसा परिवेश बनाया जा रहा है जो नवाचार के लिए एक उपयुक्‍त माध्यम बन जाता है।’

भारत के समक्ष मौजूद समस्याओं के आसान समाधान खोजने के लिए विद्यार्थियों से आग्रह करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत संपूर्ण विश्व, विशेषकर सबसे गरीब देशों को अपने समाधानों की पेशकश करना चाहेगा।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हम दो कारणों से नवाचार और इन्‍क्‍यूबेशन को बढ़ावा दे रहे हैं। पहला कारण यह है कि हम भारत की समस्‍याओं को सुलझाने के लिए आसान समाधान चाहते हैं। दूसरा कारण यह है कि हम भारत में रहते हुए पूरी दुनिया के लिए समाधान ढूंढ़ना चाहते हैं। ‘पूरी दुनिया के लिए भारतीय समाधान’- यह हमारा लक्ष्‍य और प्रतिबद्धता है। हम ऐसे किफायती समाधान भी ढूंढ़ना चाहते हैं, जो सबसे गरीब देशों के भी काम आ सकें। भारत के अभिनव समाधान सबसे गरीब एवं सबसे वंचित लोगों के लिए भी होने चाहिए, चाहे वे किसी भी देश में रहते हों।’’

प्रधानमंत्री ‘आईआईटी-एम’ के हीरक जयंती समारोह और दीक्षांत समारोह में भी भाग लेंगे।

 

ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण

नई दिल्ली-ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल, का आज सुबह 10 बजकर 20 मिनट पर ओडिशा के चांदीपुर परीक्षण स्थल से सफल प्रक्षेपण किया गया। इस प्रक्षेपास्त्र में भारतीय प्रणोदन प्रणाली, एयरफ्रेम, पावर सप्लाई और अन्य प्रमुख स्वदेशी कलपुर्जे लगे हैं। इस मिसाइल को डीआरडीओ और ब्रह्मोस एयरोस्पेस द्वारा संयुक्त रूप से उसकी 290 किलोमीटर की पूर्ण रेंज पर सफलतापूर्वक छोड़ा गया।

इस सफल मिशन के साथ ही इस मिसाइल में स्वदेशी सामान के इस्तेमाल से भारत की रक्षा क्षमता और आगे बढ़ी है।

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने आज के सफल मिशन के लिए डीआरडीओ, ब्रह्मोस और उद्योगों की टीम को बधाई दी।

रक्षा विभाग, अनुसंधान और विकास में सचिव तथा डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. जी सतीश रेड्डी तथा मिसाइल और रणनीतिक प्रणाली के महानिदेशक श्री एमएसआर प्रसाद को भी सफलतापूर्वक प्रक्षेपण के लिए बधाई दी गई।

महानिदेशक (ब्रह्मोस) डॉ. सुधीर कुमार मिश्रा, डीआरडीएल निदेशक डॉ. दशरथ राम और आईटीआर निदेशक डॉ. बी.के.दास ने प्रक्षेपण स्थल पर पूरे मिशन के साथ समन्वयन कायम किया और उसे देखा और इस सफलतापूर्वक परीक्षण को भारत की मेक इन इंडिया क्षमता को बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया।

भारत और रूस द्वारा संयुक्त रूप से विकसित ब्रह्मोस मिसाइल भारतीय सशस्त्र सेना के तीनों अंग काम में ला रहे हैं।

 

 

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डेफएक्‍सपो-2020 वेबसाइट लॉन्‍च की-

रक्षा मंत्री  राजनाथ सिंह ने लखनऊ में 05-08 फरवरी, 2020 को आयोजित होने वाले डेफएक्सपो के 11वें संस्करण की वेबसाइट आज दिल्‍ली में लॉन्च की। प्रदर्शकों को वेबसाइट www.defexpo.gov.in ऑनलाइन सेवाएं प्रदान करती है। इसके अलावा वेबसाइट डीपीएसयू और आयुध कारखानों के उत्पादों के बारे में जानकारीपूर्ण उपलब्‍ध कराती है.

वेबसाइट प्रदर्शकों को पहले-आओ, पहले-पाओ के आधार पर उनकी आवश्यकताओं के अनुसार ऑनलाइन पंजीकरण कराने और स्थान बुक कराने की सुविधा देती है। इसके अलावा ऑनलाइन भुगतान और बिजनेस-टू-बिजनेस बैठकों के लिए सम्‍मेलन कक्ष और अन्‍य स्थानों की बुकिंग सुविधा उपलब्‍ध कराती है। प्रदर्शक 31 अक्टूबर, 2019 से पहले वेबसाइट पर जगह बुक करके प्रारंभिक छूट का लाभ उठा सकते हैं.

डेफएक्सपो में व्यावसायिक दिनों के दौरान अर्थात 05-07 फरवरी, 2020 तक जाने के लिए व्‍यापारी वेबसाइट पर अपने टिकट खरीद सकते हैं। 08 फरवरी, 2020 को आम जनता के लिए प्रवेश नि:शुल्क होगा। हालांकि आम लोगों को इसके लिए वेबसाइट पर अपना पंजीकरण करान होगा और उनके पंजीकृत ईमेल पते पर ई-टिकट भेजे जाएंगे। प्रदर्शक और आम लोग वेबसाइट पर  ‘हमसे संपर्क करें’  मेनू का उपयोग कर पूछताछ कर सकते हैं.

डेफएक्सपो 2020 की कवरेज के लिए मीडियाकर्मी भी वेबसाइट पर ऑनलाइन पंजीकरण करा सकते हैं।

छत्तीसगढ़ के गोठानों से निकले गोबर के दीये से दीवाली में रौशन होंगी दिल्ली की गलियां-

इधर गोबर हैं। थोड़ा देख के चलो। उधर गोबर है थोड़ा बच के चलो। तुम्हारें दिमाग में तो गोबर भरा है। कुछ ऐस शब्दों और वाक्यों के साथ अक्सर कुछ लोग गाय की गोबर का इस तरह तौहीन उड़ाते है जैसे यह बहुत गंदी हो। पर यह गोबर कितना कीमती हो सकता है, कितना उपयोगी हो सकता है, यह बात तो शायद इस प्रदेश के मुख्यमंत्री को और गाँव में रहने वाली महिलाओं को मालूम है। तभी तो, कल तक सिर्फ कण्डे और खाद बनाने के लिए काम आने वाला यह गोबर अब इतना महत्व का हो गया है कि इससे बने उत्पादों का आर्डर देश की राजधानी दिल्ली से मिलने लगा है.

यहा के गोठानों से निकलने वाले गोबर से तैयार पूजन सामग्री और उत्पाद की मांग दिन ब दिन बढ़ती जा रही है। दिल्ली जैसे महानगर में जहां दीपावली त्यौहार के समय चाइनीज दीये,मोमबत्ती व झालर का बोलबाला रहता है ऐसे में पर्यावरण और स्वास्थ्य के लिये उपयोगी छत्तीसगढ़ के गोबर से बने बायो दीये प्रदूषण की मार झेल रहे दिल्लीवासियों के लिये एक राहत जैसा है। ईकोफ्रेण्डली होने के साथ-साथ लक्ष्मी पूजन,दीवाली में गाय के गोबर का खास महत्व होता है। इन्हीं खास महत्व की वजह से ही गाय के गोबर से बने दीये की मांग दिल्ली और नागपुर से आई है। पहला आर्डर दो लाख दीये का है। जिसे स्वसहायता समूह की महिलाओं द्वारा तैयार किया जा रहा है.

नरेन्द्र मोदी ने विद्यार्थियों से देश की समस्याओं का आसान समाधान खोजने का अनुरोध किया-

पीएम मोदी 0206
फ़ाइल् फोटो

प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी ने 36 घंटे के सिंगापुर इंडिया हैकाथॉन के विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किए, जो आज आईआईटी चेन्नई में संपन्न हुआ.

इस तरह का यह दूसरा हैकाथॉन सिंगापुर सरकार, भारत सरकार, आईआईटी चेन्नई और नानयांग तकनीकी विश्वविद्यालय (एनटीयू), सिंगापुर के सहयोग से आयोजित किया गया था.

वर्ष 2018 में सिंगापुर के एनटीयू में प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी द्वारा प्रस्‍तुत किए गए आइडिया के आधार पर प्रथम हैकाथॉन का आयोजन किया गया था.

प्रधानमंत्री ने विद्यार्थियों और अकादमिक बिरादरी को संबोधित करते हुए हैकाथॉन के विजेताओं को बधाई दी।

प्रधानमंत्री ने कहा, “मित्रों, मैं हैकाथॉन के विजेताओं को बधाई देता हूं। मैं यहां एकत्रित प्रत्येक युवा मित्र, विशेषकर अपने विद्यार्थी मित्रों को बधाई देता हूं। चुनौतियों का सामना करने और व्यावहारिक समाधान खोजने की आपकी इच्छा, आपकी ऊर्जा और आपका जज्‍बा महज एक प्रतियोगिता जीतने की तुलना में कहीं अधिक बेशकीमती है।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि स्टार्टअप के अनुकूल परिवेश वाले 3 शीर्ष देशों में भारत को भी शुमार किया जाता है। उन्होंने कहा कि भारत ने पिछले पांच वर्षों में नवाचार और इन्‍क्‍यूबेशन पर काफी अधिक जोर दिया है।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘अटल नवाचार मिशन, पीएम रिसर्च फेलोशिप, स्टार्ट-अप इंडिया अभियान जैसे कार्यक्रम 21वीं सदी के भारत की नींव हैं, एक ऐसा भारत जो नवाचार की संस्कृति को बढ़ावा देता है। अब हम अपने छात्रों को कम उम्र में छठी कक्षा से ही मशीन लर्निंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ब्लॉकचेन जैसी आधुनिक तकनीकों की जानकारी देने की कोशिश कर रहे हैं। स्कूल से लेकर उच्च शिक्षा में अनुसंधान करने तक एक ऐसा परिवेश बनाया जा रहा है जो नवाचार के लिए एक उपयुक्‍त माध्यम बन जाता है।’

भारत के समक्ष मौजूद समस्याओं के आसान समाधान खोजने के लिए विद्यार्थियों से आग्रह करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत संपूर्ण विश्व, विशेषकर सबसे गरीब देशों को अपने समाधानों की पेशकश करना चाहेगा।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हम दो कारणों से नवाचार और इन्‍क्‍यूबेशन को बढ़ावा दे रहे हैं। पहला कारण यह है कि हम भारत की समस्‍याओं को सुलझाने के लिए आसान समाधान चाहते हैं। दूसरा कारण यह है कि हम भारत में रहते हुए पूरी दुनिया के लिए समाधान ढूंढ़ना चाहते हैं। ‘पूरी दुनिया के लिए भारतीय समाधान’- यह हमारा लक्ष्‍य और प्रतिबद्धता है। हम ऐसे किफायती समाधान भी ढूंढ़ना चाहते हैं, जो सबसे गरीब देशों के भी काम आ सकें। भारत के अभिनव समाधान सबसे गरीब एवं सबसे वंचित लोगों के लिए भी होने चाहिए, चाहे वे किसी भी देश में रहते हों।’’

प्रधानमंत्री ‘आईआईटी-एम’ के हीरक जयंती समारोह और दीक्षांत समारोह में भी भाग लेंगे।

युवाओं को रोजगार देने केंद्रीय स्तर पर हो प्लेसमेंट सेल का गठन-

छत्तीसगढ़ के कौशल विकास, तकनीकी शिक्षा और रोजगार मंत्री  उमेश पटेल ने आज नई दिल्ली के प्रवासी भारतीय केन्द्र में कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय द्वारा आयोजित विभिन्न राज्यों के मंत्रियों के सम्मेलन और अप्रेंटिसशिप पखवाड़े के शुभारंभ के अवसर पर राज्य में उद्यमशीलता और राइट टू स्किल को लेकर कई सुझाव दिए। उन्होंने राइट टू स्किल योजना के तहत युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए केंद्रीय स्तर पर प्लेसमेंट सेल के गठन की बात कही। इस दौरान कौशल भारत और कुशल भारत के निर्माण के लिए केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं और कार्यक्रमों की जानकारी दी गई.

उन्होंने कहा कि इस योजना की गाइडलाइन में परिवर्तन का अधिकार राज्यों के पास भी होना चाहिए, जिससे राज्य अपनी जरूरत के मुताबिक बदलाव कर सके। इस दौरान मंत्री  पटेल ने कहा कि अगर डिमांड और उद्योगों के हिसाब से राइट टू स्किल को बनाया गया तो इसे लागू करने में कई दिक्कतें होंगी। कौशल के अधिकार और उद्योगों की मांग में विरोधाभास पैदा हो सकता है। उन्होंने कहा इसके तहत दी जाने वाली कोर्सेज की भी जानकारी पहले ही निर्धारित होनी चाहिए, जिससे युवा अपनी जरूरत और प्राथमिकता के अनुसार स्किल का चुनाव कर सकें। राज्यों में राइट टू स्किल को लागू करने में मशीनरी की दिक्कतें आ सकती हैं, जिसकी कमी केंद्र को दूर करना चाहिए। वहीं, उन्होंने कहा कि केंद्रीय स्तर पर प्लेसमेंट सेल का गठन हो, जिससे विभिन्न राज्यों के समन्वय से जहाँ जरूरत हो वहाँ युवाओं को रोजगार मिल सके।
सम्मेलन में विभिन्न राज्यों के मंत्रियों के अलावा केंद्रीय कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय, राज्य मंत्री राजकुमार सिंह सहित राज्यों के प्रमुख सचिव शामिल रहे।