दिल्ली :- राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC), ने एक मीडिया रिपोर्ट पर स्वतः संज्ञान लिया है जिसमें बताया गया है कि 21 मई, 2025 को झारखंड के देवघर जिले में पुलिस हिरासत में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। रिपोर्ट के अनुसार उसे साइबर अपराध के सिलसिले में पूछताछ के लिए उसके घर से पलाजोरी पुलिस स्टेशन ले जाया गया था। पीड़ित के परिजनों ने आरोप लगाया है कि पुलिस हिरासत में उसे शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया गया, जिसके परिणामस्वरूप उसकी मौत हो गई।
आयोग ने पाया है कि अगर समाचार रिपोर्ट की सामग्री सत्य है, तो यह पीड़ित के मानवाधिकारों के उल्लंघन का गंभीर मुद्दा है। इसलिए झारखंड के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी कर छह सप्ताह में मामले में विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है। इसमें मृत्यु के कारण के साथ-साथ जांच, पोस्टमार्टम रिपोर्ट और मजिस्ट्रेट जांच रिपोर्ट शामिल होने की उम्मीद है।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने स्वतः संज्ञान लिया
आयोग ने इस बात को भी गंभीरता से लिया है कि जिला पुलिस ने हिरासत में हुई इस मौत के बारे में कोई सूचना नहीं भेजी, जबकि आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुसार घटना के 24 घंटे के भीतर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासन को इस तरह के मामलों में सूचना भेजनी अनिवार्य है। इसलिए आयोग ने झारखंड के मुख्य सचिव और डीजीपी से इस चूक के लिए स्पष्टीकरण भी मांगा है।
22 मई, 2025 की मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस पूछताछ के दौरान पीड़ित की तबीयत बिगड़ गई, उसे देवघर सदर अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया था।
बलौदाबाजार :- खाद्य एवं औषधि प्रशासन का 3 संस्थानों में दबिश दी जांच के लिए सैम्पल ली गई जिसे राज्य से बाहर के लैब क़ो भेजा गया।परीक्षण रिपोर्ट प्राप्त होने पर आगामी कार्यवाही की जाएगी।
कलेक्टर दीपक सोनी के निर्देशानुसार खाद्य पदार्थो की गुणवत्ता जांच खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा लगाताऱ की जा रही है। इसी कड़ी में मंगलवार क़ो खाद्य एवं औषधि प्रशासन द्वारा 3 संस्थानो में दबिश देकर पैकेजिंग मटेरियल की सैंपल लिया गया और जांच हेतु राज्य कार्यालय भेजा गया.
खाद्य एवं औषधि प्रशासन का 3 संस्थानों में दबिश,जांच के लिए ली गई सैम्पल
खाद्य सुरक्षा अधिकारी उमेश वर्मा ने बताया कि टीम द्वारा भाटापारा के सागर इंडस्ट्रीज से पैकेज्ड फ़ूड ड्रिंकिंग वाटर पाउच का सैंपल लेकर राज्य खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला भेजा गया। बलौदाबाजार में बी. पी.वाटर प्लांट एवं देवेंद्र एक्वा से 10 पैकेजिंग मटेरियल पेट बॉटल, पेट कैप, एलडीपीई एवं फ़िल्म पाउच का निगरानी सैंपल लेकर राज्य से बाहर के लैब क़ो भेजा गया।परीक्षण रिपोर्ट प्राप्त होने पर आगामी कार्यवाही की जाएगी।
विदेशी मदिरा सहित 1 मोटर सायकल जप्त
बलौदाबाजार :- कलेक्टर दीपक सोनी के निर्देश पर जिले में अवैध शराब निर्माण,भंडारण एवं परिवहन पर आबकारी विभाग द्वारा लगातार कार्रवाई की जा रही है।
इसी तारतम्य में गस्त के दौरान कसडोल क्षेत्र के कोट रोड पुल से आरोपी मोहित साहू पुत्र कौशल प्रसाद साहू निवासी कसडोल वार्ड-8 के कब्जे से 7.200 बल्क लीटर अंग्रेजी शराब जम्मू सपेशल विहस्की सहित 1 वाहन होण्डा ड्रीम योगा जप्त किया गया है। आरोपीे के विरूद्ध छत्तीसगढ़ आबकारी अधिनियम 1915 की धारा 34(2) के तहत अपराध पंजीबध्द किया गया है। कार्रवाई के दौरान सहायक जिला आबकारी जलेश कुमार सिंह का महत्वपूर्ण योगदान रहा ।
आंगनबाड़ी सहायिका भर्ती हेतु 13 जून तक आवेदन
बलौदाबाजार :- एकीकृत बाल विकास परियोजना लवन अंतर्गत आंगनबाड़ी केन्द्र में आंगनबाड़ी सहायिका के 7रिक्त पदों पर भर्ती हेतु आवेदन आमंत्रित किये गये हैं। सहायिका के लिए लाहोद केन्द्र क्र.-06, बिटकुली केन्द्र क्र-04, पैजनी केन्द्र क्र-03, बरदा केन्द्र क्र-03, परसाडीह, पैसर केन्द्र क्र-02 एवं तुरमा आंगनबाड़ी केन्द्र क्र-03 शामिल है।
आवेदन पत्र के साथ समस्त प्रमाण पत्रों सहित अंतिम तिथि 13 जून 2025 तक कार्यालयीन समय में प्रातः 10 बजे से सायं 5.30 बजे तक कार्यालय परियोजना अधिकारी एकीकृत बाल विकास परियोजना लवन में जमा कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए संबंधित ग्राम पंचायत या परियोजना कार्यालय में संपर्क कर सकते है।
महासमुंद। युक्तियुक्तकरण से बीहड़ इलाके के बच्चे शिक्षा से वंचित हो जाएंगे तथा नीजि स्कूलों को लाभ पहुंचाने की साजिश सरकार रच रही है। वहीं, पूरे प्रदेश में सैकड़ों शराब की नई दुकानें खोलकर प्रदेश के बच्चाें, किशोर, युवाओं को नशे की दलदल में धकेलने का काम किया जा रहा है। उक्त बाते पूर्व संसदीय सचिव विनोद सेवनलाल चंद्राकर ने प्रदेश की भाजपा सरकार के शराब नीति की कड़ी आलोचना करते हुए कहा है
पूर्व संसदीय सचिव ने आगे कहा है कि एक तरफ युक्तियुक्तकरण के नाम पर हजारों स्कूलों को बंद कर बच्चों को शिक्षा के अधिकार से वंचित करने प्रदेश के वनांचल क्षेत्रों के छोटे-छोटे गाँवों की आबादी बहुत कम होती है। उन ग्रामों के प्राथमिक स्कूलों में बच्चों की दर्ज संख्या कम रहती है।
अनेक ग्राम घने जंगलों के बीच बसा है
महासमुंद जिला तथा गरियाबंद जिले के अनेक ग्राम ऐसे हैं जो घने जंगलों के बीच बसा है। इन गाँवों में प्राथमिक स्कूल संचालित हो रहे हैं। जहां की दर्ज संख्या गाँव की आबादी के हिसाब से बहुत कम है। युक्तियुक्तकरण के जो क्राइटेरिया है उसके तहत इन स्कूलों को बंद किया जा सकता है। ऐसे में वनांचल क्षेत्र के आदिवासी बच्चों को शिक्षा से वंचित होना पड़ सकता है। पहली से पाँचवी तक के बच्चों का उम्र 6 से 11 वर्ष के बीच होता है।
युक्तियुक्तकरण से बीहड़ इलाके के बच्चे शिक्षा से हो जाएंगे वंचित: विनोद
इतने छोटे बच्चों को गाँव से 3-4 किमी दूर बीहड़ इलाके के जंगलों से गुजरकर दूसरे गाँवों में भेजना खतरनाक हो सकता है। ग्रामीण क्षेत्र में घने जंगलों में तेंदुआ, हिंसक पशुओं की आमद हमेशा बना रहता है। जिससे पालक अपने बच्चों को स्कूल भेजना बंद कर देंगे, जिसके कारण आदिवासियों के छोटे बच्चों को प्राथमिक शिक्षा से भी वंचित होना पड़ेगा।
परिणाम भयावह हो सकता है
पूर्व संसदीय सचिव ने कहा कि स्कूलों को बंद कर नई शराब दुकानें खोलने का परिणाम भयावह हो सकता है। दो दिन पूर्व ही सरायपाली में शराब के कारण 4 नाैजवान युवाओं की आकस्मिक माैत हो गई। ये बच्चे शराब के नशे में थे। जगह-जगह शराब दुकानें खोलकर वहां से बोरियों में भरकर ग्रामीण क्षेत्रों तक शराब पहुँचाई जा रही है। 14-15 साल के किशोर उम्र के बच्चे तथा नवजवान युवक शराब की चपेट में आ रहे हैं।
विपक्ष में रहते भाजपा ने शराब के दुष्परिणाम बताते हुए पूर्ण शराबबंदी की मांग को लेकर पूरे 5 साल शराब विरोधी आंदोलन करने का दिखावा किया। अब, उनकी सरकार आते ही शराबबंदी तो दूर सैकड़ों नई शराब दुकानें खोलकर खुलेआम शराबखोरी को बढ़ावा देने का काम कर रही है। भाजपा की सरकार बच्चों को बुनियादी शिक्षा देने के बजाय उन्हें शराब के आदी बनाने का काम कर रही है। युक्तियुक्तकरण का परिणाम आगामी समय में प्रदेश के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।
श्री चंद्राकर ने आगेे कहा कि भाजपा की साय सरकार नहीं चाहती कि छत्तीसगढ़ के बच्चों को उच्च गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध हो सके, इसीलिए निजी शिक्षण संस्थानों को लाभ पहुंचाने, सरकारी शिक्षा व्यवस्था को ध्वस्त करने का षड्यंत्र रचा गया है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार ही प्रदेश के 5484 स्कूल ऐसे हैं जो केवल एक शिक्षक के भरोसे हैं, 297 स्कूल पूरी तरह से शिक्षक विहीन है।
नियमित शिक्षक की नहीं हुई है नियुक्ति
पिछले डेढ़ साल से भाजपा की सरकार है, इस दौरान एक भी पद नियमित शिक्षक की नियुक्ति नहीं की गयी। विधानसभा में 33 हजार शिक्षक के पदों पर भर्ती की घोषणा करके वह प्रक्रिया भी दुर्भावना पूर्वक रोक दी गई। अब युक्तियुक्तकरण और नए सेटअप के नाम पर हजारों स्कूलों को बंद कर शिक्षकों के पद को खत्म करने तथा ग्रामीण बच्चों को शिक्षा के अधिकार से वंचित करने का अव्यवहारिक फैसला थोपा जा रहा है।
महासमुंद। शहर को हरियर महासमुंद बनाने 5 हजार पौधों का रोपण होगा जिसमे नगर के विभिन्न उद्यानों, शासकीय दफ्तरों, सहित सार्वजनिक स्थलों व वार्डों के रिक्त पड़े स्थानों पर अब पालिका द्वारा पौधारोपण किया जाएगा। रोपे गए पौधों की देखरेख की जिम्मेदारी शहर के महिला स्व सहायता समूहों को दी जाएगी।
पौधारोपण की तैयारी के लिए आज नगर पालिका अध्यक्ष निखिलकांत साहू ने एनयूएलएम के प्रभारी से चर्चा कर कार्य को शीघ्र प्रारंभ करने के निर्देश दिए हैं। बता दें कि भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना अमृत मिशन 2.0 योजनांतर्गत वूमेन फॉर ट्री के तहत एनयूएलएम के संयुक्त तत्वावधान में पालिका द्वारा शहर में 5 हजार पौधों का रोपण किया जाएगा। नगर पालिका अध्यक्ष श्री साहू महिला समितियों को पौधे उपलब्ध कराएंगे।
शहर को हरियर महासमुंद बनाने 5 हजार पौधों का होगा रोपण : निखिलकांत
समूह की महिलाओं द्वारा चयनित स्थलों पर पौधे रोपे जाएंगे। पालिका अध्यक्ष श्री साहू ने कहा कि पौधारोपण का यह कार्य शहर को हरियर महासमुंद बनाने की दिशा में एक बेहतर प्रयास साबित होगा। उन्होंने बताया कि महिला बहनों द्वारा चिन्हित स्थलों में संजय कानन, शास्त्री चौक रोड, स्वामी आत्मानंद स्कूल, कलेक्ट्रेट परिसर डीईओ ऑफिस परिसर, मुक्तिधाम सहित सभी वार्डों के खाली भूमि पर पौधारोपण किया जाएगा।
नपाध्यक्ष ने कहा कि यह पहल पर्यावरण संरक्षण और महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक सराहनीय कदम है जो नगर को हरित भविष्य के साथ नगर की महिलाओं की सक्रिय भागीदारी को भी प्रोत्साहित करती है। अगामी माह से वृक्षारोपण किये जाने की तैयारी के लिए महिला समूह की बहनों को उन्होंने अभियान की सफलता हेतु शुभकामनाएं प्रेषित की है। तथा अभियान को सुचारू रूप से संचालित किये जाने हेतु निर्देशित किया गया।
महासमुंद :-बागबाहरा के बाह्य स्त्रोत फ्यूज ऑफ कॉल कर्मचारीयों द्वारा 2 से 3 माह का वेतन नहीं मिलने पर सहायक यंत्री (उपसंभाग) छराविविक को पत्र लिखकर वेतन दिलवाने की मांग की है । वेतन नहीं मिलने की स्तिथि पर हड़ताल पर जाने की बात कही है ।
बाह्य स्त्रोत फ्यूज ऑफ कॉल कर्मचारीयों को 3 माह का नहीं मिला वेतन
सहायक यंत्री को लिखे पत्र मे कहा गया है कि उपसंभाग बागबाहरा के खलारी तीन सबडिवीजन के बाह्य स्त्रोत से फ्यूज ऑफ कॉल के रूप में विगत 3-4 वर्षों से लगातार कार्य कर रहे है। कंपनी के ठेकेदार द्वारा 2 से 3 माह का वेतन नहीं दिया जा रहे है जिससे हमें व परिवार को आर्थिक समस्या का सामना करना पड़ रहा है। अतः आप से निवेदन है कि आप हमें 1 या 2 दिनों के अंदर वेतन दिलाने की कृपा करें अन्यथा की स्थिति में हम सभी फ्यूज ऑफ कॉल कर्मचारीयों को अनिश्चित कालीन हडताल करने पर मजबुर होना पडेगा।
महासमुंद :-मंडी में व्यवस्थित धान खरीदी करने की मांग की है इस मामले मे किसानों का एक प्रतिनिधि मंडल ने कलेक्टर से की मुलाक़ात कर मंडी में धान खरीदी सुचारु रूप से कराने और सभी अनुग्यप्तिधारी व्यापारियों की मंडी में उपस्थिति सुनिश्चित करने की मांग किया.
व्यापारी मौजूद नहीं थे
क़ृषि उपज मंडी महासमुंद में किसान अपनी रबी फसल धान बेचने आये हुए थे परन्तु बोली लगाने के लिए व्यापारी मौजूद नहीं थे जिसे देखकर किसान आक्रोषित हो गए और जिला पंचायत सदस्य एवं किसान नेता जागेश्वर जुगनू चंद्राकर के नेतृत्व में सैकड़ों किसान ट्रेक्टर में सवार होकर जिला कलेक्टर महासमुन्द के प्रांगण में पहुँच कर नारेबाजी करने लगे. जागेश्वर जुगनू चंद्राकर के साथ भारत चंद्राकर बेमचा, शेखर चंद्राकर अरंड, राजू चंद्राकर कुर्सी पारा महासमुंद और त्रिलोकी चंद्राकर मुस्की सहित पांच प्रतिनिधियों ने कलेक्टर से मुलाक़ात कर मंडी में धान खरीदी सुचारु रूप से कराने और सभी अनुग्यप्तिधारी व्यापारियों की मंडी में उपस्थिति सुनिश्चित करने की मांग किया.
बोली लगाने की प्रतिष्पर्धा होती है कम
जागेश्वर जुगनू चंद्राकर ने कहा कि राईस मिलर व्यापारी क़ृषि उपज मंडी में नहीं के बराबर आते हैं जिससे बोली लगाने की प्रतिष्पर्धा कम होती है तथा किसानों को उनके उपज का सही दाम नहीं मिल पाता है. यही व्यापारी अपने मीलों में सीधी खरीदी करते हुए मंडी की तुलना में सौ डेढ़ सौ रूपये प्रति क्विंटल अधिक दाम में खरीदते हैं. लेकिन किसानों में डर बना रहता है कि यदि मिल में सीधे तौर पर धान बेचते हैं तो उन किसानों को पूरा भुगतान होगा कि नहीं क्योंकि पिछले बार एक राइस मिलर ने किसानों से पौने दो करोड़ रूपये की धान खरीदी किया था जिसकी भुगतान के लिए किसानों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा था.
मंडी में व्यवस्थित धान खरीदी करने की मांग
कलेक्टर, भरसाधक अधिकारी और मंडी सचिव ने शुक्रवार से व्यवस्थित रूप से धान खरीदी करने का आश्वासन दिया है. आज भी बहुत से किसानों को सही दाम नहीं मिलने पर बोली निरस्त करा दिए हैं जो शुक्रवार को अपना उपज बेचेंगे.
उदयपुर:- यूट्यूब बना डिजिटल गुरु! वीडियो से पढ़ाई कर छात्रा ने 89.4% अंक हासिल किए है । आज के डिजिटल युग में जहाँ इंटरनेट को अक्सर समय बर्बाद करने का साधन माना जाता है, वहीं अश्लेषा छतलानी ने इसे अपनी सफलता की सीढ़ी बना दिया। उदयपुर की इस मेधावी छात्रा अश्लेषा ने यूट्यूब से सेल्फ स्टडी कर 12वीं वाणिज्य में 89.4% अंक अर्जित किए हैं।
यूट्यूब बना डिजिटल गुरु! छात्रा ने वीडियो से पढ़ाई कर 89.4% पाया
अश्लेषा ने बताया कि सीमित संसाधनों और कुछ अन्य चुनौतियों के बीच उसने यूट्यूब को अपना गुरु बनाया। उसने हर विषय के लिए मुफ्त शैक्षिक वीडियो देखे, नोट्स बनाए, और रोज़ नियमित अभ्यास किया।
“मैंने सुबह 6 बजे से दिन में कम से कम 6 घंटे पढ़ाई की,” उसने बताया। “यूट्यूब पर कई अच्छे शिक्षक मुफ्त में समझाते हैं। हर सवाल का हल मिलता है, बस मन लगाकर देखना होता है।”
अश्लेषा उन विद्यार्थियों के लिए प्रेरणा है जो संसाधनों की कमी के कारण हिम्मत हार बैठते हैं। यह उपलब्धि बताती है कि यदि लगन हो तो तकनीक भी शिक्षक बन सकती है, बस सही उपयोग करना आना चाहिए।
महासमुंद:- ड्यूटी में लापरवाही बरतने पर सहायक शिक्षक को जिला शिक्षा अधिकारी ने निलंबित किया है । विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी सरायपाली से प्राप्त जांच प्रतिवेदन के अनुसार शासकीय प्राथमिक शाला, गहनाखार में पदस्थ सहायक शिक्षक (एल.बी.)हुल बैपारी के विरुद्ध लगे आरोप जांच में सही पाए गए हैं।
शिक्षक बैपारी पर विद्यालय समय पर उपस्थित नहीं रहने, शाला में अनियमित रूप से आने तथा अपने कर्तव्यों के प्रति लापरवाही बरतने के आरोप थे। जांच में यह पुष्टि हुई कि शिक्षक की कार्यप्रणाली छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम-3 के विरुद्ध है। इस संबंध में विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी द्वारा उन्हें पूर्व में स्पष्टीकरण हेतु नोटिस भी जारी किया गया था, परंतु इसके बावजूद उनकी कार्यशैली में कोई सुधार नहीं देखा गया।
ड्यूटी में लापरवाही बरतने पर सहायक शिक्षक निलंबित
जिला शिक्षा अधिकारी विजय कुमार लहरे ने प्राप्त तथ्यों के आधार पर छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम 9 के अंतर्गत श्री राहुल बैपारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। निलंबन अवधि के दौरान उनका मुख्यालय कार्यालय विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी, सरायपाली निर्धारित किया गया है। नियमों के तहत निलंबन अवधि में उन्हें जीवन निर्वाह भत्ता प्रदान किया जाएगा।
महासमुंद :-मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थय योजना के अन्तर्गत महासमुन्द नगर पालिका क्षेत्र में 3 मोबाईल मेडिकल यूनिट
संचालित है जो प्रतिदिन वार्डो मोहल्लों में ईलाज करने पहुंचती है जिसमें दवाइयों की कमी को लेकर नगर पालिका उपाध्यक्ष देवीचन्द राठी ने सीएमओ अशोक सलामे से चर्चा की।
ईलाज के लिए दवा की आवश्यकता
चर्चा के दौरान उपाध्यक्ष ने कहा की मोबाईल बस से इलाज सम्भव नही है बीमारी के ईलाज के लिए दवा की आवश्यकता है आप मोबाईल स्वास्थ्य के नोडल अधिकारी है शीघ्र दवा खरीद कर मरीजों के लिए उपलब्ध कराये। राठी ने बताया कि मुख्य नगर पालिका अधिकारी ने दवा खरीदी का आर्डर कर दिया है शीघ्र ही दवा मोबाईल स्वास्थ्य बसों को प्राप्त
हो जायेगी। संचालन कर रहे कम्पनी के अधिकारी को भी कहा गया कि दवा की हेरा फेरी नही होनी चाहिए दवा रखने वाले स्टोर कीपर को भी कहा गया कि दवा का भौतिक सत्यापन सक्षम अधिकारी से कराया जावे। दवा के लिखित मांगपत्र पर ही स्टोर से दवा दी जावे।
दवा खरीदी में न हो लापरवाही
राठी ने मुख्य नगर पालिका अधिकारी का ध्यान आकर्षक कराया कि पूर्व में दवा खरीदी के हेर फेर के मामले में तत्कालीन मुख्य नगर पालिका अधिकारी निलम्बित हुये थे। दवा मौजूद के बावजूद दवा खरीदी गई थी। ऐसी गलती लापरवाही नही होनी चाहिए। सही हाथों में सही मरीजों को ही दवा दी जाये इसका पूर्णतः ध्यान रखा जावे। अभी लगभग 120 प्रकार की दवा खरीदी का आर्डर हुआ है।
मोबाईल मेडिकल यूनिट में दवाइयों की कमी को लेकर सीएमओ से चर्चा
दवा की एक्सपायरी चैक कर रखे, पास एक्सपायरी वाली तत्काल संबंधित दुकानदार को वापस की जावे क्योंकि ऐसी दवा बाद में काम में नही आयेगी। सी.एम.ओ. से कहा गया कि दवा खरीदी का टेण्डर हुये 3 साल हो गया है। लगभग
2022 में निविदा हुई थी उसके बाद कोई टेण्डर प्रक्रिया नही हुई है शीघ्र विधिवत टेण्डर बुलाया जावे मुख्यमंत्री स्वास्थ्य स्लम योजना के अध्यक्ष कलेक्टर होते है उन्हे चाहिए कि निविदा की नई प्रक्रिया कर अब आने वाले समय दवा खरीदी जावे। अभी जो दवा आ रही है उसे 2 माह से अधिक का न मंगाया जावे। क्योंकि कई दवा रखरखाव के अभाव में खराब होती है और एक्सपायरी के कारण भी जरूरत के हिसाब से दवा खरीदी होनी चाहिए।
Delhi :- वैज्ञानिकों ने तेजी से चार्ज होने वाली और लंबे समय तक चलने वाली सोडियम-आयन बैटरी डिजाइन की है । आज कारों से लेकर गांवों तक विद्युतीकरण की दिशा में तेजी से बढ़ती दुनिया में एक चीज सबसे महत्वपूर्ण बनी हुई है: किफायती, तेज और सुरक्षित बैटरी। हालांकि लिथियम-आयन बैटरी अब तक इस क्रांति को गति देती रही है, लेकिन वे महंगी हैं। इसके अलावा, लिथियम संसाधन अल्प मात्रा में हैं और भू-राजनीतिक रूप से सीमित हैं, लेकिन बेंगलुरु के वैज्ञानिकों ने शायद एक शक्तिशाली विकल्प ढूंढ़ लिया है।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के स्वायत्त संस्थान जवाहरलाल नेहरू उन्नत वैज्ञानिक अनुसंधान केंद्र (जेएनसीएएसआर) की एक शोध टीम ने नासिकोन-प्रकार के कैथोड और एनोड सामग्री पर आधारित एक सुपर-फास्ट चार्जिंग सोडियम-आयन बैटरी (एसआईबी) विकसित की है, जो केवल छह मिनट में 80 प्रतिशत तक चार्ज हो सकती है और 3000 से अधिक चार्ज साइकिल्स तक चल सकती है।
रसायन विज्ञान और नैनो प्रौद्योगिकी के मिश्रण का उपयोग
पारंपरिक एसआईबी, जो धीमी चार्जिंग और कम समय तक चलती है, के विपरीत यह नई बैटरी रसायन विज्ञान और नैनो प्रौद्योगिकी के एक बुद्धिमत्तापूर्ण मिश्रण का उपयोग करती है। प्रो. प्रेमकुमार सेनगुट्टुवन और पीएचडी डिग्रीधारक बिप्लब पात्रा के नेतृत्व में वैज्ञानिकों ने एनोड के लिए एक नई सामग्री तैयार की – Na₁.₀V₀.₂₅Al₀.₂₅Nb₁.₅(PO₄)₃ – और इसे तीन महत्वपूर्ण तरीकों से अनुकूलित किया – कणों को नैनोस्केल तक सिकोड़ा, उन्हें एक पतली कार्बन परत में लपेटा और निम्न मात्रा में एल्युमीनियम डालकर एनोड सामग्री में सुधार किया।
वैज्ञानिकों ने तेजी से चार्ज होने वाली और लंबे समय तक चलने वाली सोडियम-आयन बैटरी डिजाइन की
इन बदलावों ने सोडियम आयनों को अधिक तेजी से और अधिक सुरक्षित रूप से आगे बढ़ने में सक्षम बनाया, जिससे गति और टिकाऊपन दोनों में वृद्धि हुई। भारत में सोडियम किफायती और प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है, जबकि लिथियम दुर्लभ है और व्यापक रूप से इसका आयात किया जाता है। लिथियम के बजाय सोडियम के माध्यम से बनी बैटरी देश को ऊर्जा भंडारण प्रोद्यौगिकी में आत्मनिर्भर बनने में मदद कर सकती है- जो भारत सरकार के आत्मनिर्भर भारत मिशन का एक प्रमुख लक्ष्य है।
लागत के अतिरिक्त, ये सोडियम-आयन बैटरियां इलेक्ट्रिक वाहनों और सौर ग्रिडों से लेकर ड्रोन और ग्रामीण घरों तक सभी को ऊर्जा प्रदान कर सकती हैं, जिससे स्वच्छ ऊर्जा उन स्थानों पर उपलब्ध हो सकेगी जहां इसकी सबसे अधिक आवश्यकता है।
अनुसंधान एवं विकास की आवश्यकता
इस प्रोद्यौगिकी का परीक्षण और सत्यापन इलेक्ट्रोकेमिकल साइकलिंग और क्वांटम सिमुलेशन सहित उच्च-स्तरीय विधियों के माध्यम से किया गया है। विशेष बात यह है कि यह न केवल तेजी से चार्ज करने में सहायक है, बल्कि सामान्य बैटरियों के विपरीत यह आग लगने और खराब होने के जोखिम से भी बचाती है।
हालांकि इन बैटरियों को बाजार में आने से पहले और अधिक अनुसंधान एवं विकास की आवश्यकता है, लेकिन यह खोज भविष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। अन्य वैज्ञानिकों ने भी इस पर ध्यान देना आरंभ कर दिया है और निरंतर समर्थन के साथ, हम शीघ्र ही भारत को ग्रीन बैटरी प्रोद्यौगिकी में वैश्विक रूप से अग्रणी स्थिति में देख सकते हैं।