महासमुंद। युक्तियुक्तकरण से बीहड़ इलाके के बच्चे शिक्षा से वंचित हो जाएंगे तथा नीजि स्कूलों को लाभ पहुंचाने की साजिश सरकार रच रही है। वहीं, पूरे प्रदेश में सैकड़ों शराब की नई दुकानें खोलकर प्रदेश के बच्चाें, किशोर, युवाओं को नशे की दलदल में धकेलने का काम किया जा रहा है। उक्त बाते पूर्व संसदीय सचिव विनोद सेवनलाल चंद्राकर ने प्रदेश की भाजपा सरकार के शराब नीति की कड़ी आलोचना करते हुए कहा है
पूर्व संसदीय सचिव ने आगे कहा है कि एक तरफ युक्तियुक्तकरण के नाम पर हजारों स्कूलों को बंद कर बच्चों को शिक्षा के अधिकार से वंचित करने प्रदेश के वनांचल क्षेत्रों के छोटे-छोटे गाँवों की आबादी बहुत कम होती है। उन ग्रामों के प्राथमिक स्कूलों में बच्चों की दर्ज संख्या कम रहती है।
अनेक ग्राम घने जंगलों के बीच बसा है
महासमुंद जिला तथा गरियाबंद जिले के अनेक ग्राम ऐसे हैं जो घने जंगलों के बीच बसा है। इन गाँवों में प्राथमिक स्कूल संचालित हो रहे हैं। जहां की दर्ज संख्या गाँव की आबादी के हिसाब से बहुत कम है। युक्तियुक्तकरण के जो क्राइटेरिया है उसके तहत इन स्कूलों को बंद किया जा सकता है। ऐसे में वनांचल क्षेत्र के आदिवासी बच्चों को शिक्षा से वंचित होना पड़ सकता है। पहली से पाँचवी तक के बच्चों का उम्र 6 से 11 वर्ष के बीच होता है।
युक्तियुक्तकरण से बीहड़ इलाके के बच्चे शिक्षा से हो जाएंगे वंचित: विनोद
इतने छोटे बच्चों को गाँव से 3-4 किमी दूर बीहड़ इलाके के जंगलों से गुजरकर दूसरे गाँवों में भेजना खतरनाक हो सकता है। ग्रामीण क्षेत्र में घने जंगलों में तेंदुआ, हिंसक पशुओं की आमद हमेशा बना रहता है। जिससे पालक अपने बच्चों को स्कूल भेजना बंद कर देंगे, जिसके कारण आदिवासियों के छोटे बच्चों को प्राथमिक शिक्षा से भी वंचित होना पड़ेगा।
परिणाम भयावह हो सकता है
पूर्व संसदीय सचिव ने कहा कि स्कूलों को बंद कर नई शराब दुकानें खोलने का परिणाम भयावह हो सकता है। दो दिन पूर्व ही सरायपाली में शराब के कारण 4 नाैजवान युवाओं की आकस्मिक माैत हो गई। ये बच्चे शराब के नशे में थे। जगह-जगह शराब दुकानें खोलकर वहां से बोरियों में भरकर ग्रामीण क्षेत्रों तक शराब पहुँचाई जा रही है। 14-15 साल के किशोर उम्र के बच्चे तथा नवजवान युवक शराब की चपेट में आ रहे हैं।
विपक्ष में रहते भाजपा ने शराब के दुष्परिणाम बताते हुए पूर्ण शराबबंदी की मांग को लेकर पूरे 5 साल शराब विरोधी आंदोलन करने का दिखावा किया। अब, उनकी सरकार आते ही शराबबंदी तो दूर सैकड़ों नई शराब दुकानें खोलकर खुलेआम शराबखोरी को बढ़ावा देने का काम कर रही है। भाजपा की सरकार बच्चों को बुनियादी शिक्षा देने के बजाय उन्हें शराब के आदी बनाने का काम कर रही है। युक्तियुक्तकरण का परिणाम आगामी समय में प्रदेश के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।
श्री चंद्राकर ने आगेे कहा कि भाजपा की साय सरकार नहीं चाहती कि छत्तीसगढ़ के बच्चों को उच्च गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध हो सके, इसीलिए निजी शिक्षण संस्थानों को लाभ पहुंचाने, सरकारी शिक्षा व्यवस्था को ध्वस्त करने का षड्यंत्र रचा गया है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार ही प्रदेश के 5484 स्कूल ऐसे हैं जो केवल एक शिक्षक के भरोसे हैं, 297 स्कूल पूरी तरह से शिक्षक विहीन है।
नियमित शिक्षक की नहीं हुई है नियुक्ति
पिछले डेढ़ साल से भाजपा की सरकार है, इस दौरान एक भी पद नियमित शिक्षक की नियुक्ति नहीं की गयी। विधानसभा में 33 हजार शिक्षक के पदों पर भर्ती की घोषणा करके वह प्रक्रिया भी दुर्भावना पूर्वक रोक दी गई। अब युक्तियुक्तकरण और नए सेटअप के नाम पर हजारों स्कूलों को बंद कर शिक्षकों के पद को खत्म करने तथा ग्रामीण बच्चों को शिक्षा के अधिकार से वंचित करने का अव्यवहारिक फैसला थोपा जा रहा है।
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