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बलौदाबाजर जिला के 111 गावों में बढ़ा कोरोना संक्रमण का खतरा

जिला में लॉकडाउन की खबर है महज़ अफवाह-कलेक्टर जैन
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बलौदाबाजार- जिलें में कोरोना संक्रमण की मौजूदा स्थिती की लगातार समीक्षा की जा रहीं। आज कलेक्टर सुनील कुमार जैन ने विषय विशेषज्ञों से प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर बताया कि जिलें के करीब 111 गावों में संक्रमण का दर सर्वाधिक है। इन गावों में बेहद तेजी से संक्रमण फैल रहा है। इन गांवों में और संक्रमण ना फैले इसके लिए प्रशासन के साथ गाँव वालें को भी आगें आना होगा। गाँव के सभी लोग आपस मे मिलकर,युवा समिति एवं महिला समितियों सहायता लेते हुए संक्रमण के विस्तार को कम कर सकतें हैं। इसके लिए अब 111 गावों में गाँव स्तर में ही सभी को सख्ती से लॉकडॉउन के नियमों का अनिवार्य रूप से पालन करना होगा।

इन जगहों पर रखे कड़ी नजर

संक्रमित गाँव मे सार्वजनिक तालाबों के उपयोग,पेयजल की स्रोतों उपयोग पर कड़ी नजर रखतें हुए उन्हें प्रतिबंधित करना होगा। क्योंकि इन तालाबों से अधिक संक्रमण फैलने का डर बना हुआ है। सभी ग्राम के सरपंच एवं गाँव के वरिष्ठ नागरिक इस बात का विशेष ध्यान रखतें हुए अपनें गाँव स्तर में ही इससे निपटने योजना बना लें। ताकि सभी लोग सुरक्षित हो सकें। समय रहतें अभी यह कदम नही उठाये तो आने वाले समय मे और भी भयावह स्थिती हो सकती है।

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अपनों को कोरोना से खोया है

मौजूदा दौर में ना जाने हम सभी लोग अपने आसपास,रिश्तेदार,दोस्त,स्नेहजनों को कोरोना से खोया है। आगें भविष्य में ऐसी और कभी स्थिती निर्मित ना हो इसके लिए हम सब को आगें आकर ही कोरोना खिलाफ लड़ाई को लड़ना होगा। उन्होंने उदाहरण देतें हुए कहा की आज बलौदाबाजार के सकरी ग्राम के निवासियों ने सामूहिक एकजुटता एवं प्रयासों से पूरे गाँव मे संक्रमण फैलने से रोक लिया। गाँव वालों ने आपस मे ही मिलकर सख्ती से लॉक डॉउन एवं कोरोना गाइडलाइन का पालन करना होगा। ऐसे ही अन्य गांवों को भी इसी तरह कार्य करनें की जरूरत है।

ग्राम वार विस्तृत सूची जहाँ पर संक्रमण की दर सर्वाधिक

कलेक्टर जैन ने कहा कि अभी मौजूदा स्थिति को देखते हुए 111 गावों को तीन श्रेणीयों में विभाजित किया गया है। पहले वह गाँव जहाँ पर 50 से अधिक संक्रमित मरीज एक्टिव है। दूसरा वह जहाँ 25 से 50 एक्टिव मरीज है एवं तीसरा वह जहां पर 10 से 25 मरीज है। अति सवेंदन शील ग्रामों में ऐसे जिलें में 9 गाँव है। जो अति सवेंदन शील के श्रेणी में है। जहां पर अभी 50 से अधिक मरीज एक्टिव है।बलौदाबाजार विकासखण्ड के ग्राम गिन्दोला में 96 एक्टिव,अर्जुनी में 59, भाटापारा के मोपका में 52,बिलाईगढ़ के बरभाटा 66, सोनाडुला 60,मधुबन 59, कसडोल के चरौदा 67, छरछेद 56, पलारी के कोनारी में 61 एक्टिव मरीज है।

सवेंदनशील 25 गाँव

सवेंदनशील ग्रामों में ऐसे जिलें में 25 गाँव है। जो सवेंदन शील के श्रेणी में है। जहां पर अभी 25 से 50 के बीच की सँख्या मे मरीज एक्टिव है इसमें बिलाईगढ़ के गांव जोगेसरा,टुण्डरी, सलौनी कला,कोसमुण्डा,भाटापारा के अकलतरा,सिंगारपुर, देवरी, कडार, कसडोल के कटगी आमगांव, असनीद,खर्वे मटिया सोनाखान बोरसी,अर्जुनी ब,हटोद, पिसीद बरपाली,बिलारी क,दर्रा क, कोट क, पलारी के अंतर्गत कुकदा, कुसमी अछोली शामिल है।

निम्न सवेंदनशील 77 गाँव

निम्न सवेंदन शील ग्रामों में ऐसे जिलें में 77 गाँव है। जो निम्न सवेंदन शील के श्रेणी में है। जहां पर अभी 10 से लेकर 25 के बीच की सँख्या मे मरीज एक्टिव है इसमें बालौदाबाजारा के अंतर्गत ग्राम बरदा,बिटकुली, सोनडीह रवान,रिसदा, करमदा मुंडा सरखोर अहिल्दा,पनगांव,रिसदा मरदा भाटापारा के अंतर्गत ग्राम कुकदा, ढाबाडीह मुड़ाघाट धनेली, सिलपा, लच्छनपुर, दतरेंगी,सूमा,पेंडरी, निपनिया, खरी क,बिलाईगढ़ के कैथा, करियाटार,चुरैला शामिल है ।

इसी तरह गोविंदवन खंजरी झुमका, पुरगांव, बघमल्ला, दुहनी दुमहानी,पंडरीपाली, बम्हनपुरी, कसडोल के बम्हनी, छाछी, चौरादा, मड़वा,नगरदा, सेल,देवतराई, गोलाझर, बलौदा,बरेली, नगेडा, कोसमसरा,पुटपुरा,कुरमाझर, मोहतरा,दर्रा क मोतीपुर,आमाखोहा सुकुली उसी तरह पलारी के सुंदरावन, ओडान,गिरतरा गिधपुरी, मुड़पार, दातान प, कोसमंदी,चरौदा, सलौनी, घोटिया,घिंघोला,वटगन,बिल्हा ब्रम्हनी,गिराकेरा,खरतोरा नवागांव, जारा, खैरा,कोदवा शामिल हैं।

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भारतीय रेल ने चिकित्सा ऑक्सीजन की आपूर्ति के अपने अभियान को निरंतर जारी रखा

भारतीय रेल ने चिकित्सा ऑक्सीजन की आपूर्ति के अपने अभियान को निरंतर जारी रखा

दिल्ली-भारतीय रेल वर्तमान समय में मौजूद चुनौतियों का सामना करते हुए और नए उपायों की तलाश के साथ देश के विभिन्न राज्यों की मांग पर तरल चिकित्सा ऑक्सीजन की आपूर्ति के अपने अभियान को निरंतर जारी रख लोगों को राहत पहुंचा रही है।

रेलवे ने अब तक देश के विभिन्न राज्यों में 268 टैंकरों में लगभग 4200 मीट्रिक टन चिकित्सा उपयोग हेतु ऑक्सीजन की आपूर्ति की है। इस अभियान के अंतर्गत अब तक 68 ऑक्सीजन एक्सप्रेस की यात्रा पूरी हो चुकी है। भारतीय रेल, राज्यों की मांग पर यथासंभव मात्रा और कम से कम समय में तरल मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए प्रतिबद्ध है और इस पर लगातार काम कर रही है।

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भारतीय रेल द्वारा शुरू किए ऑक्सीजन एक्सप्रेस अभियान के अंतर्गत अब तक महाराष्ट्र को 293 मीट्रिक टन, उत्तर प्रदेश को 1230 मीट्रिक टन, मध्य प्रदेश को 271 मीट्रिक टन, हरियाणा को 555 मीट्रिक टन, तेलंगाना को 123 मीट्रिक टन, राजस्थान को 40 मीट्रिक टन और दिल्ली को 1679 मीट्रिक टन ऑक्सीज़न की आपूर्ति की गई।

अब रेलवे ने और अधिक शहरों में भी ऑक्सीजन की आपूर्ति शुरू कर दी है और इस क्रम में आज कानपुर में पहली ऑक्सीजन एक्सप्रेस से 80 मीट्रिक टन ऑक्सीजन पहुंची। रेलवे द्वारा की जा रही ऑक्सीज़न की ढुलाई एक जटिल प्रक्रिया है और ढुलाई से जुड़े आंकड़े लगातार अपडेट किए जा रहे हैं। कुछ और ऑक्सीजन एक्सप्रेस देर रात अपने-अपने गंतव्य की ओर रवाना हो सकती हैं।

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MP में रेमडेसिविर की सप्लाई निरंतर जारी,अबतक 2 लाख से अधिक इंजेक्शन मिले

जबलपुर में रेमडेसिविर इंजेक्शन के कालाबाजारी करते हुए दो व्यक्ति गिरफ्तार
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भोपाल- राज्य सरकार द्वारा कोरोना मरीजों के उपचार की सभी व्यवस्थाएँ सुनिश्चित की जा रही है। प्रदेश में 7 कंपनियों के रेमडेसिविर इंजेक्शन की सप्लाई प्रदेश में हो रही है। अब तक 2 लाख 54 हजार 125 रेमडेसिविर इंजेक्शन की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। सभी फार्मा कंपनियों से अधिकारी निरंतर संपर्क में हैं, प्रदेश में रेमडेसिविर इंजेक्शन की आपूर्ति के लिये निरंतर प्रयास जारी हैं।

कोविड-19 महामारी के नियंत्रण के लिये यथासंभव प्रयास किए जा रहे हैं। इसके अंतर्गत रेमडेसिविर की सुगम उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए शासन द्वारा हर संभव प्रयास किए गए हैं। रेमडेसिविर निर्माताओं को मध्यप्रदेश में इसकी सप्लाई बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। सभी को जरूरत अनुसार उचित दाम पर रेमडेसिविर की सुगम उपलब्धता के साथ ही इसकी कालाबाजारी एवं अवैध विक्रय की रोकथाम के निर्देश प्रदेश के सभी औषधि निरीक्षकों को जारी किए गए हैं। औषधि निरीक्षकों द्वारा रेमडेसिविर इंजेक्शन की आपूर्ति एवं वितरण पर सतत निगरानी रखी जा रही है। अस्पतालों में भर्ती मरीजों को रेमडेसिविर इंजेक्शन की सुलभ उपलब्धता के उद्देश्य से इसका वितरण केवल अस्पताल एवं संस्थानों में हो, ऐसी व्यवस्था भी की गई है।

सीमेंट कम्पनियां बिना अनुमति नही कर सकती CSR राशि का उपयोग,लगी रोक

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कोरोना मरीजों के लिए रोल मॉडल बने एसडीएम,चिकित्सक व नर्सिंग स्टाफ

ऑक्सीजन के परिवहन को त्वरित एवं प्रभावी बनाने के लिये राज्य शासन द्वारा अनुमति प्राप्त ऑक्सीजन वाहन को एम्बुलेंस के समक्ष माना गया है। ऑक्सीजन के 3 टैंकर ट्रेन के माध्यम से आज आये हैं, जिन्हें कटनी, सागर, ग्वालियर और शिवपुरी भेजा गया है। आज 9 टैंकर एयरलिफ्ट कर 7 राँची और 2 जामनगर को भेजे जायेंगे।

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ऑक्सीजन की निर्वाध सप्लाई सुनिश्चित करने के लिए निर्माताओं एवं डिस्ट्रीब्यूटर्स से सतत संपर्क किया जा रहा है। प्रदेश में विगत दिवस में लगभग 619 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की उपलब्धता रही है। प्रदेश में ऑक्सीजन के परिवहन के लिये पूर्व से स्वीकृत टैंकरों के अतिरिक्त टैंकरों से ऑक्सीजन की सप्लाई का प्रयास किया जा रहा है। ऑक्सीजन के इण्डस्ट्रियल उपयोग को भी सीमित करके सर्वप्रथम मेडिकल ऑक्सीजन की उपलब्धता भी सुनिश्चित की जा रही है।

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सीमेंट कम्पनियां बिना अनुमति नही कर सकती CSR राशि का उपयोग,लगी रोक

सीमेंट कम्पनियां बिना अनुमति नही कर सकती CSR राशि का उपयोग,लगी रोक
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बलौदाबाजार-कलेक्टर सुनील कुमार जैन ने आदेश जारी करतें हुए जिलें में स्थित सभी सीमेंट कंपनियों के CSR राशि के उपयोग पर रोक लगा दी गयी है।जिसकें तहत सभी सीमेंट कंपनियां इस राशि का उपयोग कलेक्टर के अनुमति बिना नही कर सकते है। साथ ही कलेक्टर ने सभी सीमेंट कंपनियों के प्रमुखों से CSR मद की पूरी जानकारी देनें कहा है। जिसमें पिछले वित्त वर्ष सहित इस वर्ष की जानकारी भी शामिल हैं।

सर्वाधिक प्रभावित ज़िलों में शामिल

गौरतलब है कि बलौदाबाजार -भाटापारा जिला कोरोना से संक्रमित सर्वाधिक प्रभावित ज़िलों में शामिल हैं। संक्रमित मरीजों के बेहतर इलाज उपलब्ध कराने के उद्देश्य से जिलें में 500 बिस्तर नवीन कोविड हॉस्पिटल की स्थापना कि गयी है। जिसका शुभारंभ मुख्यमंत्री के हाथों हुआ है।।इस हॉस्पिटल के परिचालन के लिए यह राशि उपयोग में लायी जायेगी साथ ही जिलें में स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार करनें की योजना बनायी जा रहीं हैं।

कोरोना गाइडलाइन का अनिवार्य रूप से पालन हो

कलेक्टर जैन ने सभी चूना एवं अन्य खदानों में कोरोना गाइडलाइन का अनिवार्य रूप से पालन करनें का निर्देश दी गयीं है। इस संबंध में अलग से पत्र खनिज अधिकारी के नाम से सभी खदानों के माइनिंग अधिकारी को प्रेषित किया गया है। जिसमें कार्य के दौरान मजदूरों से कोविड एप्रोप्रिएट बिहेवियर का अनिवार्य रूप से पालन करना शामिल हैं। जिसके तहत सोशल डिस्टेंसिंग,मास्क एवं सेनेटाइजर का सतत उपयोग शामिल हैं।

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तालाबों एवं पेयजल के सार्वजनिक उपयोग सें संक्रमण बढ़ने का सर्वाधिक खतरा- कलेक्टर

तालाबों एवं पेयजल के सार्वजनिक उपयोग सें संक्रमण बढ़ने का सर्वाधिक खतरा- कलेक्टर

बलौदाबाजार- जिलें के गाँवो में कोरोना संक्रमण के बढ़ते हुए प्रकरणों में सबसे महत्वपूर्ण कारक तालाबों एवं पेयजल जैसे हैंडपंप, कुँआ,डबरी का सार्वजनिक उपयोग के चलते हुआ हैं। कलेक्टर सुनील कुमार जैन ने आज बताया कि विषय विशेषज्ञों से जो रिपोर्ट मिली हैं उसमें मौजूदा स्थिती में गाँवो में संक्रमण बढ़ने का महत्वपूर्ण कारक तालाबों के एवं पेयजल के विभिन्न स्रोतों का सार्वजनिक उपयोग के चलते हुआ है। जिससे संक्रमण की दर में एकाएक वृद्धि हुई हैं।

सार्वजनिक पेयजल स्थलों में करे ब्लीचिंग का छिड़काव

उन्होंने बताया कि कोई संक्रमित व्यक्ति यदि किसी तालाब के पानी का उपयोग करता हैं फिर स्वस्थ व्यक्ति उसका उपयोग करता हैं तो इससे संक्रमण तेज गति से फैल जाता हैं। वैसा ही कोई संक्रमित व्यक्ति सावर्जनिक उपयोग के हैंडपंप, नल, का उपयोग करता है तो वैसा ही सामान्य लोगों में संक्रमण फैल जाता है। अतः आप सभी जिलावासियों से आग्रह है कि आप सभी यथासंभव तालाबों का उपयोग करनें से बचें। साथ ही अगर उपयोग ही करना है तो बाल्टी में तालाब का पानी लेकर थोड़ा दूर में जाकर उसका उपयोग करें। साथ ही तालाबों में। गुड़ाखू ,ब्रश,कुल्ला दातून करनें जैसे कार्यो से बचें। ग्राम के सरपंच भी सतत रूप से सार्वजनिक पेयजल स्थलों में ब्लीचिंग पाऊडर का छिड़काव करतें रहें।

तालाबों एवं पेयजल के सार्वजनिक उपयोग सें संक्रमण बढ़ने का सर्वाधिक खतरा- कलेक्टर

कंटेंटमेंट जोन वाले गावों में संक्रमित व्यक्ति के लिए तालाब चिन्हाकन करें कलेक्टर जैन ने आज सभी सीईओ को सुझाव दिया क्यों ना जिस गाँव को पूरी तरह से कंटेंटमेंट जोन घोषित किया जाता है। और उस गाँव मे यदि 4 तालाब है तो 1 तालाब को केवल संक्रमित व्यक्तियों के लिए आरक्षित कर दे। ऐसे ही सार्वजनिक पेयजल स्थल को भी। गाँव के सरपंच एवं गाँव वाले आपस मे मिलकर इस तरह निर्णय ले सकतें है। इससे संक्रमण में निश्चित ही कमी आएगी। साथ ही ग्राम पंचायत यह ध्यान रखें कि संक्रमित व्यक्तियों के उपयोग के पश्चात बाद में उस तालाब को पूरी तरह से डिसइन्फेक्टेड करें।

गाँवो वालों के सामूहिक प्रयास से बचा सकरी

बलौदाबाजार विकासखण्ड के ग्राम सकरी हॉट स्पॉट बनने के बाद पूरे गाँव को ही कंटेंटमेंट जोन घोषित किया गया। इस दौरान गाँव वालों ने आपस मे मिलकर, युवाओं एवं महिलाओं के समितियों ने मिलकर निर्णय लिया कि तालाबों का सार्वजनिक उपयोग अभी नही करेंगे। साथ ही संक्रमित मरीजों एवं अन्यों को घर घर राशन पहुँचा कर दिया। जिससे परिणाम यह मिला कि गाँव मे संक्रमण विस्तार की गति में काफी कमी आयी है। 1000 कि बस्ती वाले में जहाँ 400 से अधिक व्यक्ति संक्रमित थे अब वहां केवल 20 से 25 मरीज ही बच गयें है। यह सब गांव वालों के सामुहिक प्रयास के चलते ही संभव हो पाया है।

वैक्सीनेशन ने बचाया ग्राम मोपका को एक ओर जहां जिलें में जिस समय सकरी हॉट स्पॉट बना था दूसरी ओर उसी समय भाटापारा विकासखण्ड के अंतर्गत ग्राम मोपका में भी संक्रमण का दर उच्च था। पर इस गाँव के लोग जागरूक होकर बड़ी सँख्या वैक्सीनेशन कराये थे जिसके चलते गाँव मे संक्रमण का विस्तार बहुत ही कम एवं अन्य दूसरी कैजुअल्टी भी कम हुई। कलेक्टर सुनील कुमार जैन ने कहा आप सभी अपनें नजदीकी टीकाकरण केंद्र में जाकर अनिवार्य रूप से वैक्सीनेशन कराये एवं अन्य लोगों को भी इसके लिए प्रेरित करें।

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कोरोना मरीजों के लिए रोल मॉडल बने एसडीएम,चिकित्सक व नर्सिंग स्टाफ

कोरोना मरीजों के लिए रोल मॉडल बने एसडीएम,चिकित्सक व नर्सिंग स्टाफ

अजित पुंज-बागबाहरा– प्रदेश में कोरोना कहर बरपा रहा है।मरीज अस्पताल में बेड और ऑक्सीजन के लिए तड़प रहे है और निजी अस्पताल लूट खसोट के केंद्र में तब्दील हो गए है व मरीज कोरोना की आफत से बेहाल है,वहीं प्रशासन के साथ सेवाभावी समाज के कई लोगों के मदद के हाथ आगे बढ़ रहे हैं।ऐसे संकट में कोरोना मरीजों के लिए रोल मॉडल बने एसडीएम भागवत जायसवाल अपनी सकारात्मक ऊर्जा के अनुकरणीय उदाहरण बन गए हैं।उन्होंने शासन प्रशासन के साथ सभी समाजसेवियों तथा कुशल चिकित्सकों एवम नर्सिंग स्टाफ की अभूतपूर्व चिकित्सकीय सेवा मरीजो के लिए वरदान साबित हुई है।

प्रशासन और जनसहयोग से संचालित

प्रशासन और जनसहयोग से संचालित 90 बेड की सर्वसुविधा युक्त इस कोविड सेन्टर में आक्सीजन की पर्याप्तता, मरीजो को ब्रान्डेड दवाइया, समय पर नाश्ता, खाना, जीवनरक्षक रेमडेसिवर की सुलभता के साथ साथ खुला वातावरण और वहा उनकी केयर के लिये 24 घन्टे सेवा दे रहे स्वास्थ्य ,राजस्व और नगर पालिका के अधिकारी कर्मचारियों के सेवाभाव के चलते मरीजो को अतिरिक्त उर्जा मिलने से वे कोरोना को समय से पहले मात दे रहे हैं ।

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कोरोना मरीजों के लिए रोल मॉडल बने एसडीएम,चिकित्सक व नर्सिंग स्टाफ

खुले वातावरण में नगर के वार्ड न 1 भानपुर के खाली पडे छात्रावास को कोविड केयर सेन्टर जाने की सुगबुगाहट होते ही नगर की सेवाभावी संस्थाए, समाज और दानदाताओ ने कोविड सेन्टर में उपयोग आने वाली सामग्रियों की व्यवस्था कर प्रशासन का भरपुर सहयोग किया, सेन्टर में भर्ती मरीज व कार्यरत कर्मचारियो के लिये नाश्ते व भोजन के लिये सिख समाज और राईसमिल एशोसियेशन व शाकम्भरी साल्वेंट प्लांट के संचालक ने सहर्ष जिम्मेवारी ले ली, इनके अलावा साहु समाज, कुर्मी समाज, जैन समाज, सिख समाज व अन्य लोग भरपुर सहयोग कर रहे हैं ।

अबतक 119 कोविड मरीज भर्ती हो चुके

एसडीएम भागवत जायसवाल ने बताया कि सभी के समन्वित प्रयासों से कोरोना महामारी को हराया जा सकता है। इस सेंटर में अब तक 119 कोविड मरीज भर्ती हो चुके है जिसमे से 59 मरीज कोरोना जैसी गंभीर बीमारी को मात देकर स्वस्थ हो घर जा चुके है, 17 अति गम्भीर मरीजो को रिफ़र किया गया है , उन्होने आगे बताया कि इसमे विभिन्न विभाग अपना आपसी समन्वय कर इस सेंटर में मूलभूत व्यवस्था स्थापित किये है।

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कोरोना मरीजों के लिए रोल मॉडल बने एसडीएम,चिकित्सक व नर्सिंग स्टाफइसके लिए ऑक्सीजन सिलेंडर व कॉन्सेट्रेनटर मशीन की व्यवस्था की गई है तथा बीएमओ व चिकित्सा विभाग के डॉक्टर व स्टाफ ने अपने कोरोना वारियर्स का मोर्चा संभाला है। उनके समर्पित मेहनत व देखभाल से स्थानीय संक्रमित मरीजो को जीवनरक्षक स्वास्थ्य लाभ होगा। इसके संचालन के लिए आवश्यक दवाएं , उपकरणों की व्यवस्था के साथ साथ खाद्य सामग्री ,उपयोगी वस्तुओं की व्यवस्था कर ली गई है।

सहयोग से क्षेत्र के लोगों को जीवनदान

नगर पालिका के द्वारा पेयजल ,सफाई इत्यादि किया जा रहा है । क्षेत्र के विधायक द्वारिकाधीश यादव भी इस कोविड केयर सेन्टर के संचालन को शुरू करने में विशेष रुचि लिए और सबके सहयोग से क्षेत्र के लोगों को जीवनदान मिल रहा है जहां लोगो को कोविड प्रोटोकॉल के तहत दवाइयां, इंजेक्शन व डॉक्टरी परामर्श ,भोजन, जलपान दिया जाएगा ताकि उनको संक्रमण से मुक्ति मिल सके वही अब बागबाहरा क्षेत्र के मरीजो को भर्ती के लिए जिला कोविड केंद्र या महंगे अस्पतालों और लंबी लाइनों से इज़ाद मिल रही हैं। 90 बेड के कोविड केयर सेन्टर में स्वास्थ्य विभाग से डा योगान्क चन्द्राकर, डा रेवेन्द्र साहु, डा प्रदीप चन्द्राकर के अलावा नर्सिंग स्टाफ़ व अन्य कर्मचारी निरंतर सेवा दे रहे हैं।

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DRDO द्वारा विकसित COVID-19 की दवा के आपात इस्तेमाल को मिली मंजूरी

दिल्ली-डॉ. रेड्डीज लेबोरेटरीज हैदराबाद के सहयोग से रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) की प्रयोगशाला इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूक्लियर मेडिसिन एंड एलाइड साइंसेज (INMAS) द्वारा दवा 2-डिऑक्सी-डी-ग्लूकोज (2-डीजी) का एक एंटी-कोविड-19 चिकित्सकीय अनुप्रयोग विकसित किया गया है। COVID-19 की दवा के आपात इस्तेमाल की  मंजूरी मिली है । नैदानिक परीक्षण परिणामों से पता चला है कि यह अणु अस्पताल में भर्ती रोगियों की तेजी से रिकवरी में मदद करता है एवं बाहर से ऑक्सीजन देने पर निर्भरता को कम करता है। अधिक मात्रा में कोविड रोगियों के 2-डीजी के साथ इलाज से उनमें आरटी-पीसीआर नकारात्मक रूपांतरण देखा गया। यह दवा कोविड-19 से पीड़ित लोगों के लिए काफी फायदेमंद होगी।

वायरस के खिलाफ प्रभावी ढंग से काम करती है

महामारी के विरुद्ध तैयारी के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान के सिलसिले में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने 2-डीजी के एंटी-कोविड चिकित्सकीय अनुप्रयोग विकसित करने की पहल की। अप्रैल 2020 में महामारी की पहली लहर के दौरान,आईएनएमएएस-डीआरडीओ के वैज्ञानिकों ने सेंटर फॉर सेलुलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी (सीसीएमबी),हैदराबाद की मदद से प्रयोगशाला परीक्षण किए और पाया कि यह दवा सार्स-सीओवी-2 वायरस के खिलाफ प्रभावी ढंग से काम करती है और वायरल बढ़ने को रोकती है। इन परिणामों के आधार पर ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (सीडीएससीओ) ने मई 2020 में कोविड-19 रोगियों में 2-डीजी के चरण-2 के नैदानिक परीक्षण की अनुमति दी।

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दवा कोविड-19 रोगियों में सुरक्षित पाई गई

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने अपने उद्योग सहयोगी (DRL) हैदराबाद के साथ मिलकर कोविड-19 मरीजों में दवा की सुरक्षा और प्रभावकारिता का परीक्षण करने के लिए नैदानिक परीक्षण शुरू किए। मई से अक्टूबर 2020 के दौरान किए गए चरण- II परीक्षणों (डोज़ रेजिंग समेत) में दवा कोविड-19 रोगियों में सुरक्षित पाई गई और उनकी रिकवरी में महत्वपूर्ण सुधार दिखाया गया। दूसरे चरण का संचालन छह अस्पतालों में किया गया और देश भर के 11 अस्पतालों में फेज II बी (डोज रेजिंग) क्लीनिकल ट्रायल किया गया। फेज-2 में 110 मरीजों का ट्रायल किया गया।

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प्रभावकारिता की प्रवृत्तियों में 2-डीजी के साथ इलाज किए गए रोगियों ने विभिन्न एंडपॉइंट्स पर स्टैंडर्ड ऑफ केयर (SOC) की तुलना में तेजी से रोगसूचक उपचार प्रदर्शित किया। इस उपचार के दौरान रोगी के शरीर में विशिष्ट महत्वपूर्ण संकेतों से संबंधित मापदंड सामान्य बनाने में लगने वाले औसत समय में (SOC) की तुलना में एक बढ़िया अंतर (2.5 दिन का अंतर) देखा गया।

परीक्षणों की दी अनुमति

सफल परिणामों के आधार पर डीसीजीआई ने नवंबर 2020 में चरण-3 नैदानिक परीक्षणों की अनुमति दी। दिल्ली,उत्तर प्रदेश,पश्चिम बंगाल, गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक और तमिलनाडु के 27 कोविड अस्पतालों में दिसंबर 2020 से मार्च 2021 के बीच 220 मरीजों पर फेज-3 क्लीनिकल ट्रायल किया गया। तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल के विस्तृत आंकड़े डीसीजीआई को पेश किए गए। 2-डीजी के मामले में रोगियों के लक्षणों में काफी अधिक अनुपात में सुधार देखा गया और एसओसी की तुलना में तीसरे दिन तक रोगी पूरक ऑक्सीजन निर्भरता (42 प्रतिशत बनाम 31 प्रतिशत) से आज़ाद हो गए जो ऑक्सीजन थेरेपी/ निर्भरता से शीघ्र राहत का संकेत है।

आसानी से उत्पादित किया जा सकता है

इसी तरह का रुझान 65 साल से अधिक उम्र के मरीजों में देखा गया । दिनांक 1 मई, 2021 को डीसीजीआई ने इस दवा के आपातकालीन उपयोग की गंभीर कोविड-19 रोगियों में सहायक चिकित्सा के रूप में अनुमति प्रदान की। ग्लूकोज का एक सामान्य अणु और एनालॉग होने के नाते इसे आसानी से उत्पादित किया जा सकता है और देश में अधिक मात्रा में उपलब्ध कराया जा सकता है।

पानी में घोलकर लिया जाता है

एक सैशे में पाउडर के रूप में यह दवा आती है जिसे पानी में घोलकर लिया जाता है। यह वायरस संक्रमित कोशिकाओं में जमा होती है और वायरल संश्लेषण और ऊर्जा उत्पादन को रोककर वायरस के विकास को रोकती है। वायरस से संक्रमित कोशिकाओं में इसका चयनात्मक संचय इस दवा को बेजोड़ बनाता है।

बहुमूल्य जीवन बचाने की उम्मीद

वर्तमान में जारी दूसरी कोविड-19 लहर में बड़ी संख्या में मरीज गंभीर ऑक्सीजन निर्भरता का सामना कर रहे हैं और उन्हें अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत है। संक्रमित कोशिकाओं में दवा के प्रभाव करने के तरीक़े के कारण इस दवा से बहुमूल्य जीवन बचाने की उम्मीद है। इससे कोविड-19मरीजों के लिए अस्पताल में बिताए जाने वाले दिनों की संख्या भी कम हो जाती है।

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प्रशासन ने छापामार कर अस्पताल को किया सील लगाया 50 हजार रुपए का जुर्माना

लॉकडाउन में दुकान खोल कपड़ा बेचने से दुकानदार पर लगा 30 हजार का जुर्माना
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अम्बिकापुर-क्लिनिक के साथ  एक कमरे में सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन करते हुए अवैध रूप से अस्पताल संचालित कर  मरीजो को  खाट में लिटा कर  बॉटल चढ़ाया जा रहा था जिस पर जिला प्रशासन की टीम ने छापामार कार्यवाही करते हुए क्लिनिक को सील कर अस्पताल संचालक पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया।

कृषि मंत्री चौबे ने खादों के दाम में वृद्धि पर चिंता जताई DAP का दाम हुआ 19 सौ रुपये

कलेक्टर संजीव कुमार झा के निर्देशानुसार एसडीएम प्रदीप साहू  के नेतृत्व में  राजस्व और स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा शनिवार को अम्बिकापुर जनपद के सरगवां स्थित आधुनिक क्लिनिक में दबिश देकर निरीक्षण किया गया। एसडीएम ने बताया कि क्लिनिक संचालक द्वारा  यूनानी चिकित्सा पद्धति के प्रमाण पत्र के आधार पर क्लिनिक के साथ अस्पताल का संचालन कर रहा था।

मेंन गेट बंद,सड़क पर संक्रमित मरीजों की भीड़ से लोगों में वायरस का खतरा बढ़ा-आप

क्लिनिक एवं अस्पताल में बिना सोशल डिस्टेंसिंग के करीब 100 लोग मौजूद थे। क्लिनिक के एक कमरे में खाट के बेड में मरीजो को भर्ती कर दीवार के सहारे बॉटल भी  चढ़ाया जा रहा था। अवैध रूप से अस्पताल चलाने तथा कोरोना गाईडलाइंस  का अनुपालनन  नही करने पर टीम द्वारा  क्लिनिक को सील कर संचालक पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया।

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कृषि मंत्री चौबे ने खादों के दाम में वृद्धि पर चिंता जताई DAP का दाम हुआ 19 सौ रुपये

कृषि मंत्री चौबे ने खादों के दाम में वृद्धि पर चिंता जताई DAP का दाम हुआ 19 सौ रुपये

रायपुर-छत्तीसगढ़ के कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने रासायनिक उर्वरकों में, विशेषकर DAP (डीएपी) के दाम में प्रति बोरी लगभग 700 रुपये की वृद्धि किए जाने पर चिंता जताई है। उन्होंने भारत सरकार के केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री से किसानों के हितों की रक्षा के लिए रासायनिक उर्वरक कंपनियों की इस मनमानी और बेतहाशा मूल्य वृद्धि पर रोक लगाए जाने का आग्रह किया है ।

आम लोगों के साथ-साथ किसान भी परेशान

मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा है कि अभी रबी सीजन 2020-21 में DAP (डीएपी) किसानों को 1200 रुपये प्रति बोरी के दर पर उपलब्ध कराई गई थी। खरीफ सीजन 2021 में इसका मूल्य बढ़ाकर 1900 रुपये प्रति बोरी कर दिया गया है । उन्होंने कहा कि बीते एक साल से कोरोना महामारी के चलते आम लोगों के साथ-साथ किसान भी परेशान हैं । ऐसी स्थिति में DAP (डीएपी) सहित अन्य रासायनिक उर्वरकों के दामों में वृद्धि के चलते किसानों पर दोहरी मार पड़ेगी और वह खरीफ सीजन के लिए खाद खरीदने में असहाय हो जाएंगे।

प्रति बोरी 565 रूपए की वृद्धि

मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा की रासायनिक खाद DAP (डीएपी) के मूल्य में लगभग 58% की एकाएक वृद्धि से किसान हैरान है । अब यह खाद किसानों को 1900 रुपए प्रति बोरी में क्रय करनी होगी। उन्होंने कहा कि वर्ष 2020 खरीफ सीजन में डीएपी खाद किसानों को 1150 रुपए प्रति बोरी की दर से तथा रबी सीजन 2020 – 21 में 1200 रुपये प्रति बोरी की दर से प्रदाय की गई थी । इसी तरह रासायनिक खाद एनपीके के दाम में भी प्रति बोरी 565 रूपए की वृद्धि की गई है ।

खेती को लेकर बहुत बड़ा संकट

अब यह खाद किसानों को 1185 रुपए प्रति बोरी के स्थान पर 1747 रुपये प्रति बोरी देकर खरीदना होगा। सिंगल सुपर फास्फेट के सभी प्रकार के खादों के दाम में प्रति बोरी लगभग 36 रुपये की बढ़ोतरी हुई है। रासायनिक खाद एमओपी के दाम में भी प्रति बोरी 150 रुपए की वृद्धि की गई है। इसका दाम 850 रुपये प्रति बोरी से बढ़ाकर 1000 रुपये प्रति बोरी कर दिया गया है।

संकटकाल में जरूरतमंदों को निशुल्क बांट रहे भोजन रोजाना पांच सौ पैकेट

मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि ऐसी स्थिति में छत्तीसगढ़ सहित देश के किसानों के सामने खेती को लेकर बहुत बड़ा संकट खड़ा हो गया है। उन्होंने कहा कि इससे खेती की लागत बढ़ जाएगी । उन्होंने केंद्र सरकार से कोरोना संकटकाल में किसानों को राहत देने के लिए रासायनिक उर्वरकों के दामों में हुई वृद्धि को वापस लिए जाने का आग्रह किया है।

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संकटकाल में जरूरतमंदों को निशुल्क बांट रहे भोजन रोजाना पांच सौ पैकेट

संकटकाल में जरूरतमंदों को निशुल्क बांट रहे भोजन रोजाना पांच सौ पैकेट

महासमुंद- कोरोना-महामारी के इस विषम परिस्थितियों में समाजसेवियों द्वारा मरीजों व उनके परिजनों को निशुल्क भोजन पैकेट वितरित किया जा रहा है। आज शनिवार को संसदीय सचिव विनोद सेवनलाल चंद्राकर ने समाजसेवियों की मौजूदगी में शहर के हाॅस्पिटलों में भर्ती मरीजों के परिजनों को भोजन वितरित किया। उन्होंने इस पुनीत कार्य में तन, मन व धन से जुटे जयहिंद काॅलेज सेवा समिति महासमुन्द के सौरभ बाफना और उनकी टीम की पहल सराहनीय बताया।

भोजन के साथ जीवन-रक्षक उपकरण की भी सुविधा

जयहिंद काॅलेज सेवा समिति द्वारा पिछले 27 दिनों से कोरोना के मरीजों व उनके परिजनों व जरूरतमंदों को निशुल्क भोजन, निशुल्क दवाईयां, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मशीन, ऑक्सीमीटर जैसी सुविधाएं मुहैया करा रही है। आज शनिवार को शहर के हाॅस्पिटलों में पहुंचकर भोजन पैकेट वितरित किए गए। इस दौरान संसदीय सचिव चंद्राकर ने भी मरीजों के परिजनों को भोजन पैकेट वितरित किया। संसदीय सचिव ने मरीजों को विशेष सावधानी बरतते हुए मास्क पहनने व सोशल डिस्टेंस का पालन करने की समझाइश दी।

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दानदाताओ से की अपील

जयहिंद काॅलेज सेवा समिति महासमुन्द के सौरभ बाफना ने संसदीय सचिव को बताया कि उनकी समिति द्वारा पिछले 27 दिनों से यह सेवा कार्य किया जा रहा है। रोजाना सुबह-शाम करीब पांच सौ भोजन पैकेट निशुल्क मुहैया कराया जा रहा है। जिस पर संसदीय सचिव ने जयहिंद काॅलेज सेवा समिति महासमुन्द के सौरभ बाफना और उनकी टीम की पहल को सराहनीय बताते हुए उनका आभार जताया। उन्होंने समाजसेवियों व दानदाताओं से इस तरह के पुनीत कार्य में सहयोग के लिए आगे आने की अपील की है।

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