दिल्ली-भारत ने कोविड -19 के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर पार कर लिया है। एक ऐतिहासिक उपलब्धि के रूप में देश में पहली बार, एक ही दिन में रिकॉर्ड 12 लाख से अधिक कोविड जांचें की गईं। पिछले 24 घंटों में किए गए 12,06,806 परीक्षणों के साथ, कुल संख्या लगभग 6.36 करोड़ (6,36,61,060) के पार हो चुकी है।
देश में हो रही यह व्यापक वृद्धि कोविड-19 की जांच के बुनियादी ढांचे के विस्तार और विकास को प्रदर्शित करता है। देश की जांच क्षमता कई गुना बढ़ चुकी है। 8 अप्रैल को देश में प्रतिदिन केवल 10,000 जांच करने की उपलब्धता थी, वहीँ आज दैनिक औसत 12 लाख को पार कर गया है। पिछले एक करोड़ परीक्षण केवल 9 दिनों में ही किए गए थे।उच्च जांच क्षमता से कोविड के सकारात्मक मामलों की शीघ्र पहचान हो जाती है और समय पर प्रभावी उपचार भी मिल जाता है। जिससे मृत्यु दर को कम करने में काफी मदद मिलती है।
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केंद्र सरकार ने किसी भी पंजीकृत चिकित्सक के पर्चे पर कोविड -19 की जांच करने की अनुमति दे दी है, अब इसके लिए विशेष रूप से किसी सरकारी डॉक्टर की आवश्यकता नहीं है। केंद्र ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निजी चिकित्सकों सहित सभी योग्य चिकित्सकों द्वारा जल्द से जल्द जांच कराने अनुमति देने में सक्षम बनाने की सुविधा देने के लिए तत्काल कदम उठाने की सलाह दी है, ताकि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद-आई.सी.एम.आर के दिशा-निर्देशों के अनुसार परीक्षण के लिए मानदंडों को पूरा करने वाले किसी भी व्यक्ति की कोविड जांच कराई जा सके।
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जांच की क्षमता को लगातार बढ़ाना ‘चेज़ द वायरस’ रणनीति का एक अभिन्न हिस्सा है, जिसका उद्देश्य संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए प्रत्येक अनुपस्थित व्यक्ति को इसके दायरे में लाना है। राज्यों को सलाह दी गई है कि सभी लक्षण नकारात्मक होने वाले रैपिड एंटीजन टेस्ट अनिवार्य रूप से आरटी-पीसीआर के अधीन होंगे।
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देश भर में आसान जांच सुविधा उपलब्ध कराने के लिए विस्तारित डायग्नोस्टिक लैब नेटवर्क और सरलीकृत प्रक्रिया ने बढ़ी हुई परीक्षण संख्या को और अधिक बढ़ावा दिया है।
टेस्ट प्रति मिलियन संख्या (टीपीएम) बढ़कर 46,131 तक पहुंच गई है।विश्व स्वास्थ्य संगठन-डब्ल्यूएचओ की 140 जांच प्रतिदिन दिन प्रति 10 लाख की आबादी के दिशा निर्देशों को पूरा करने में भारत ने उल्लेखनीय प्रदर्शन किया है। कोविड-19 के संदर्भ में सार्वजनिक स्वास्थ्य और सामाजिक उपायों को समायोजित करने के लिए “सार्वजनिक स्वास्थ्य मानदंड” पर डब्ल्यूएचओ ने अपने मार्गदर्शन में इस रणनीति की अपनाने की सलाह दी है।
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उपलब्धियों की एक और पंक्ति में, 35 राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों ने परीक्षणों की निर्धारित संख्या को पार कर लिया है।देश में लगातार बढ़ रही जांच सुविधाओं से जांचों की संख्या में भी वृद्धि हो रही है और इसका सबसे अधिक श्रेय भारत में तेजी से फैलने वाला नैदानिक प्रयोगशाला नेटवर्क को जाता है। आज हमारे देश में कोविड की जांच करने वाली 1,773 लैब हैं, जिनमें सरकारी क्षेत्र की 1,061 लैब और निजी क्षेत्र की 712 प्रयोगशालाएं शामिल हैं।
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