विधायक व् कलेक्टर अचानक पहुंचे सेना एवं पुलिस भर्ती की फिजिकल ट्रेनिंग में

दस किमी साथ दौड़कर बढ़ाया हौसला, डीएमएफ मद के माध्यम से दिया जा रहा प्रशिक्षण

विधायक व् कलेक्टर अचानक पहुंचे सेना एवं पुलिस भर्ती की फिजिकल ट्रेनिंग में
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दुर्ग-सेना एवं पुलिस भर्ती की फिजिकल ट्रेनिंग के लिए ट्रेनर युवाओं को रनिंग की प्रैक्टिस करा रहे थे। इसी बीच भिलाई विधायक देवेंद्र यादव और कलेक्टर डाॅ.सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे भी पहुंचे। उन्होंने कहा कि आज आपके बीच आपका हौसला बढ़ाने आये हैं। हम भी आपके साथ रनिंग करेंगे। इसके बाद वे दस किमी तक दौड़े। लगभग एक घंटे में रनिंग कम्प्लीट करने के बाद वे युवाओं से मिले।

हुनर और निखर जाता है

युवाओं के साथ बातचीत में विधायक यादव ने कहा कि ट्रेनिंग से हमारा हुनर और निखर जाता है। साथ ही तेजी से दमखम बढ़ता है। इससे आत्मविश्वास भी बढ़ता है। कलेक्टर डाॅ. भुरे ने कहा कि युवाओं को यहाँ मेहनत करता हुआ देखकर बहुत अच्छा लग रहा है। हम लोगों ने आप लोगों को कोचिंग देने सर्वश्रेष्ठ ट्रेनर उपलब्ध कराए हैं। आज आपके बीच इसलिए आये हैं कि आपको प्रोत्साहित कर सकें।

जितनी कड़ी मेहनत जिंदगी में करेंगे, उतनी ही सफलता मिलेगी। सेना पुलिस भर्ती का प्रशिक्षण निरंतर चलेगा और इसके लिए बैच दर बैच ट्रेनिंग दी जाती रहेगी ताकि हमारे युवाओं का फौज में, पुलिस सेवाओं में जाने का सपना पूरा हो सके। इनके साथ ही एडीशनल एसपी  रोहित झा, सीएसपी  विवेक शुक्ला, ट्रैफिक सीएसपी गुरजीत सिंह ने भी इसमें हिस्सा लिया।

फिजिकली फिट होना बहुत जरूरी

लगभग एक हजार युवा ले रहे ट्रेनिंग- इस संबंध में जानकारी देते हुए ट्रेनिंग के नोडल अधिकारी विवेक शुक्ला ने बताया कि आर्मी एवं पुलिस भर्ती के लिए फिजिकली फिट होना बहुत जरूरी होता है। हमारे ट्रेनर इसके लिए युवाओं को टिप्स देते हैं। इन टिप्स से युवाओं को काफी लाभ हो रहा है और इनका आत्मविश्वास काफी बढ़ गया है। डिप्टी कलेक्टर अरुण वर्मा ने बताया कि डीएमएफ मद के माध्यम से हो रही यह ट्रेनिंग  जिले के तीनों ब्लाक में विभिन्न केंद्रों में चलाई जा रही है। इसके लिए बैच बनाये गए हैं। इसके लिए डीएमएफ मद से बारह लाख रुपए प्रशिक्षण के लिए दिये गए हैं।

युवाओं ने किया था आग्रह- बीते दिनों कलेक्टर डाॅ. भुरे रविशंकर स्टेडियम पहुंचे थे। यहाँ रिनोवेशन के सिलसिले में वे पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों के साथ पहुंचे थे। वहाँ पर कुछ युवाओं ने उनसे आग्रह किया कि सेना और पुलिस में भर्ती के लिए फिजिकल ट्रेनिंग की जरूरत है। कलेक्टर ने उन्हें आश्वस्त किया था कि जल्द ही इसकी व्यवस्था कराई जाएगी। डीएमएफ की शासी परिषद में इसका प्रस्ताव लाया गया और पारित हो गया। जिसके तुरंत बाद फिजिकल ट्रेनिंग आरंभ हो गई।

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