Mahasamund:- नगर पालिका में लिंग आधारित हिंसा के विरुद्ध अभियान के तहत जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के द्वारा विधिक साक्षरता शिविर कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में घरेलू हिंसा सहित महिलाओं पर होने वाली अपराधों से जुड़ी जानकारी दी गई।
नगर पालिका परिषद में गुरुवार को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा विधिक साक्षरता कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें महिला स्व सहायता समूह की बहनों को महिलाओं पर होने वाली हिंसा से जुड़ी तमाम जानकारी दी। कार्यशाला में मुख्य वक्ता के रूप में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट चित्रलेखा सोनवानी, प्रथम न्यायिक मजिस्ट्रेट रविन्दर कौर, सिविल न्यायाधीश योगिता जांगड़े के अलावा जिला उपभोक्ता आयोग के सदस्य दुर्गा राव मौजूद थी।
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मुख्य वक्ता मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट चित्रलेखा ने विधिक की जानकारी देते हुए कहा सभी महिलाओं को सब से पहले अपने घर के आसपास हो रहे घरेलू हिंसा का विरोध करने की शुरुआत करना चाहिए। सिर्फ अपने साथ तो कोई घटना नही हुई ये सोचकर खामोश रहने से अपराध करने वालों का हौसला और भी बढ़ जाता है।
उन्होंने कहा घरेलू हिंसा के लिए बहुत से कानून बने हुए हैं। लेकिन जानकारी के अभाव में महिलाएं घरेलू हिंसा को सहती रहती है। उन्होंने कहा आज कल जहां कही भी लैंगिक अपराध घटित हुआ है उस अपराध में पीड़िता के अपने ही करीबी रिश्तेदार का होना पाया जाता है। इस दौरान न्यायाधीशों महिलाओं को पीड़ित क्षतिपूर्ति योजना 2011 की बताया। इस अवसर पर संध्या साहू, रानू वर्मा, पंकज चौधरी, नीतू प्रधान, सहायक परियोजना अधिकारी दिलीप चंद्राकर, ममता बग्गा, राखी ठाकुर, प्रेमशीला बघेल सहित स्व सहायता समूह की महिलाएं बड़ी संख्या में मौजूद थी।