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किसानों ने NH-53 पर किया चक्काजाम राष्ट्रपति व् CM के नाम SDM को सौपे ज्ञापन

कृषि कानून उनके जीवन को प्रतिकूल ढंग से प्रभावित करते हैं यह कानून देश के संविधान में उल्लेखित संघीय ढाँचे के ही खिलाफ है

Farmers jam the NH-1

महासमुंद-देश भर के 350 संगठनों के समन्वय से बनी अखिल भारतीय राष्ट्रीय किसान समन्वय संघर्ष समिति के आव्हान पर छत्तीसगढ़ में किसानों, मजदूरों व प्रगतिशील सामाजिक संगठनों सहित 25 जान संगठनों के समन्वय से बनी छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ के नेतृत्व में 05 नवम्बर को राष्ट्रीय राजमार्ग-53 नदी चौक घोडारी पर चक्काजाम किया। जाम के दौरान आसपास इलाके से बड़ी संख्या में किसान मौजूद थे,इसके अलावा प्रशासनिक अमला भी उपस्थित थे। छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ के नेतृत्व में राष्ट्रपति व् प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन अनुविभागीय अधिकारी राजस्व सुनील चन्द्रवंशी को ज्ञापन सौपा गया.

राष्ट्रपति को सौपे गए ज्ञापन में लिखा है कि हम आपका ध्यान इस ओर आकर्षित करना चाहते हैं कि आज पूरे देश में के किसान सड़कों और उनके साथ हम छत्तीसगढ़ के महासमुंद गरियाबंद जिले के किसान भी शामिल है जिनके जीवन से आपकी सरकार द्वारा बनाए गए कृषि कानून ने उजाला छीन लिया है यह कृषि कानून किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्यसे वंचित करते हैं जबकि आपकी सरकार ने हमें सी-2 लागत मूल्य का डेढ़ गुना समर्थन मूल्य देने और किसानों की आय दोगुनी करने का वायदा किया था.

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Farmers jam the NH

यह कानून का कारपोरेटो को किसानों की फसल को ठेका खेती के जरिए लूटने की इजाजत देते हैं और इस लूट पर देश के गरीब उपभोक्ताओं से जमाखोरी और कालाबाजारी के जरिए अधिकतम मुनाफा कमाने की इजाजत देते हैं इसलिए यह कानून किसानों और उपभोक्ताओं का सर्वनाश करने का कानून है हम आपका ध्यान इस ओर भी आकर्षित करना चाहते हैं कि कृषि राज्य का विषय होने के बावजूद इन कानूनों के बारे में न तो राज्य सरकारों से सलाह मशवरा किया गया है ना ही संसदीय समितियों ने इस पर विचार हुआ है.

किसानों से इस बारे में पूछा तक नहीं गया है जबकि यह कानून उनके जीवन को प्रतिकूल ढंग से प्रभावित करते हैं यह कानून देश के संविधान में उल्लेखित संघीय ढाँचे के ही खिलाफ है राज्यसभा में बहुमत न होने के बावजूद ध्वनिमत से इन कानूनों को पारित कराने की लोकतांत्रिक तिकड़म बाजी अलग से की गई है आज देशव्यापी विरोध प्रदर्शन कर इस ज्ञापन के माध्यम से हम हमारी आप से अपील है कि इस सर्वनाश कानूनों पहला कृषि उपज व्यापार संवर्धन और सुविधा.

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Farmers jam the NH-3

दुसरा मूल्य आश्वासन एवं कृषि समझौता तीसरा आवश्यक वस्तु अधिनियम संशोधन 2020 बिजली संशोधन बिल 2020 को निरस्त करने के लिए अपनी सरकार से कहें ताकि इस देश की खेती किसानी और किसानों को बचाया जा सके और खाद्यान्न आत्मनिर्भरता की रक्षा की जा सके.

वही मुख्यमंत्री के नाम लिखे ज्ञापन में कहा है कि हम आपका ध्यान इस ओर आकर्षित करना चाहते हैं कि आज छत्तीसगढ़ की मुख्य कृषि उपज धान कटाई पूरे जोरों पर है और ऐसे कई स्थान हैं जहां पर अरुणा किस्म की सारे धान किसानों द्वारा काट लिया गया है उन्हें अपने खेरवा खदानों में रात रात भर रखवाली करना पड़ रहा है कई ऐसे इलाके हैं जहां हाथियों और जंगली सूअरों से फसल बचा पाना मुश्किल है जान और माल दोनों का खतरा बना हुआ है.

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Farmers jam the NH-2

ऐसे परिस्थितियों में शीघ्र ही समर्थन मूल्य में धान खरीदी की शुरुआत होने से खरीदी केंद्रों में भीड़ भाड़ व किसानों को तो कल लेकर महीनों इंतजार करने की समस्याओं से मुक्त किया जा सकता है अतः आपसे अनुरोध है कि समर्थन मूल्य में धान उपार्जन वर्ष 2020 हेतु शीघ्र अति शीघ्र धान खरीदी शुरू करने का कष्ट करें तेजराम विद्रोही जागेश्वर जुगनू चंद्राकर गोविंद चंद्राकर भोला चंद्राकर सुरेश चंद्राकर सोहन लाल पटेल पंकज चंद्राकर सुमन सिन्हा के अलावा बड़ी संख्या में आसपास के किसान मौजूद थे.

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