महासमुंद-कलेक्टर डोमन सिंह ने बीते बुधवार बसना विकासखण्ड के ग्राम गढ़फुलझर स्थित सिरेमिक ग्लेजिंग यूनिट का अवलोकन किया। उन्होंने बनाई जाने वाली सामग्रियों के प्रक्रिया की जानकारी ली। कलेक्टर ने ग्लेजिंग यूनिट के सभी मशीनों एवं वहां कारीगरों द्वारा बनाए जा रहें सभी सामग्रियों को बारीकि से देखा। कलेक्टर ने यूनिट में बनाए जा रहे सामग्रियों को देखकर वहां पर कार्यरत् कारीगरों की सराहना की।
जिले के बसना विकासखंड का ग्राम गढ़फुलझर अपने इतिहास के साथ-साथ छत्तीसगढ़ के मिट्टी की परंपरागत कला को भी सहेजने और संवारने का काम भी बखूबी कर रहा है। छत्तीसगढ़ माटी कला बोर्ड ने यहां सिरेमिक ग्लेजिंग यूनिट लगाया है, जो न केवल परंपरागत कुम्हारों, बल्कि अन्य कलाकारों को भी छत्तीसगढ़ की माटीकला और टेराकोटा कला का प्रशिक्षण देकर स्थानीय लोगों को और हुनरमंद बना रहा है।
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कलेक्टर सिंह ने मिट्टी को लाने, उसे चिकना तथा साफ-सुथरा बनाने की दृष्टि से किए जाने वाले कार्यों के साथ-साथ मोल्ड बनाने, चाक एवं मशीन चाक के माध्यम से मिट्टी को अलग-अलग कलात्मक रूपों में ढालने, उसे सुखाने तथा उसे पकाने के लिए फर्नेस का उपयोग करने के साथ-साथ निर्मित कला कृतियों के फिनिसिंग करने के कार्य को देखा। उन्होंने यहां के ग्लेजिंग कार्यों को भी देखा, जिसकी सहायता से मिट्टी से बने कलाकृतियां ग्रेनाइट या कांच की तरह चमकने लगती है।
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कलेक्टर ने इस यूनिट के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा कलाकारों को
प्रशिक्षित करने पर बल दिया। बतादें कि इस ग्लेजिंग यूनिट में बने
मिट्टी के कुल्हड़, दीये, गमले, फ्लाॅवर पाॅट, सुराहियां, घोड़े, हाथी,
मानव आकृतियां और तरह-तरह की कलाकृतियां सजावटी सामग्रियाँ
अत्यधिक मनमोहक और आकर्षक बनती है। महासमुन्द जिला
अपनी सांस्कृतिक इतिहास के लिए प्रसिद्ध है।
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