बलौदाबाजार:-जिला के विभिन्न इलाकों में अवैध शराब के खिलाफ कार्रवाई किया गया । इस मामले मे 1 लाख 19 हजार से अधिक रूपये के महुआ लहान सहित 35 लीटर कच्ची शराब जब्त किया गया है ।
कलेक्टर चंदन कुमार के निर्देश पर आबकारी विभाग द्वारा अलग-अलग क्षेत्रों में लगातार गश्त एवं कार्रवाई की जा रही है। आबकारी विभाग की टीम द्वारा लगातर गस्त की जा रही है। इस दाैरान गुप्त सूचनाओं के आधार पर कसडोल विकासखंड अंतर्गत ग्राम घाटमड़वा में नाला किनारे 24 सौ किलो ग्राम महुआ लहान,35 लीटर कच्ची अवैध शराब जब्त किया गया।
इसी तरह ग्राम भैंसमुड़ा में 12 सौ किलो ग्राम महुआ लहान जब्त किया गया है।कच्ची महुआ शराब को कब्जा आबकारी लेकर महुआ लाहन का विधिवत नष्टीकरण किया गया। उक्त जब्त समाग्री का बाजार मूल्य लगभग 2 लाख 19 हजार 500 रुपये है। अज्ञात आरोपी के खिलाफ छत्तीसगढ़ आबकारी अधिनियम धारा 34(2), 34(1)(क)(च ) का, प्रकरण कायम कर विवेचना में लिया गया है आरोपियों की पतासाजी की जा रही है।
उक्त कार्यवाही में सहायक जिला आबकारी अधिकारी आनंद वर्मा आबकारी उपनिरीक्षक जैलेश सिंह,दिनेश कुमार साहू, मोतिन बंजारे एवं आबकारी प्रधान आरक्षक सूर्यकांत वर्मा,नगर सैनिक दुर्गा ध्रुव, दुर्गेश्वरी, शीतल यादव का विशेष योगदान रहा।
जिला के विभिन्न इलाकों में अवैध शराब के खिलाफ हुई कार्रवाई
सौंझरी समाज के जाति प्रमाण पत्र न बनने के मामले का कलेक्टर ने लिया संज्ञान
बलौदाबाजार:-कलेक्टर चंदन कुमार ने कसडोल विकासखंड अंतर्गत ग्राम टिपरूंग ग्राम पंचायत कोट (रा) में निवासरत सौंझरी समाज के जाति प्रमाण- पत्र न बनने के मामले को संज्ञान में लेते हुए गिरौदपुरी एसडीएम अंशुल वर्मा को तलब किया।
एसडीएम अंशुल वर्मा ने आज एसडीएम कार्यालय में मौजूद दस्तावेज के आधार पर सिलसिलेवार जानकारी प्रदान करते हुए सौंझरी समाज के जाति प्रमाण नही बनने के कारण को बताया। उन्होंने बताया कि कार्यालय में मौजूद दस्तावेजों में सन् 1927 के मिशल पत्र में सोनझोला जाति का उल्लेख है जबकि छत्तीसगढ़ राज्य अनुसूचित जनजाति की सूची में अनुक्रमांक 16 पर अधिसूचित गोंड की उपसमूह सौंन्झारी के साथ सोनझरिया,सोनझरा एवं सोनझरी जाति का ही नाम निर्देशित है।
अनुसूचित जनजाति प्रमाण-पत्र केवल राजपत्र में प्रकाशित जातियों का ही बनाए जाने का प्रावधान निर्धारित है। इसके साथ ही राज्य शासन के नए निर्देश के अनुसार जाति प्रमाण पत्र के मामले को शिथिल किया गया था। जिसमें ऐसे व्यक्ति जिनका कोई दस्तावेज नहीं है उन्हें ग्राम सभा के प्रस्ताव के आधार पर सामाजिक पारिस्थितिक प्रमाण पत्र बनाए जाने का प्रावधान हैै।
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