Home छत्तीसगढ़ जिला आयुर्वेद अधिकारी को सेवानिवृत्ति पर दी गई भाव-भीनी विदाई

जिला आयुर्वेद अधिकारी को सेवानिवृत्ति पर दी गई भाव-भीनी विदाई

जिला कार्यालय में मनाया गया आयुर्वेद जयंती समारोह

जिला आयुर्वेद अधिकारी को सेवानिवृत्ति पर दी गई भाव-भीनी विदाई

बलौदाबाजार- जिला के आयुर्वेद चिकित्सा कार्यालय में आज राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस के अवसर पर धन्वंतरि जयंती मनाई गई एवं वर्तमान जिला आयुर्वेद अधिकारी कश्यप के सेवानिवृत्त होने पर उन्हें विदाई दी गई एवं नए जिला आयुर्वेद अधिकारी एलएस धुव ने कार्यभार ग्रहण किया।

कार्यक्रम के शुरुआत में मुख्य अतिथि डिप्टी कलेक्टर के एल सोरी एवं सेवानिवृत्त प्रोफेसर एस एम पाध्ये द्वारा आयुर्वेद दिवस के अवसर पर धनवंतरी के चित्र पर दीप प्रज्ज्वलन एवं माल्यार्पण किया गया। इसके पश्चात स्वागत गीत गाकर उनकी वंदना की गई। तत्पश्चात धन्वंतरि जयंती एवं पोषण के संबंध में उद्बोधन कार्यक्रम हुआ। जिसमें डॉक्टर कौशिक, राजेश मिश्रा, के एल सोरी, ने संबोधित किया। इस दौरान स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने वाले जिला आयुर्वेद अधिकारी कौशिक को विदाई भी की गई । मुख्य अतिथियों को शाल श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया गया।

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डिप्टी कलेक्टर केएल सॉरी ने आयुर्वेद के संबंध में अपने अनुभव को साझा करते हुए बताया कि एक बच्चे का खून 4 ग्राम था डॉक्टर ने दो बाटल खून चढ़ाने की बात कही थी । उसे जवारा जूस सुबह-शाम पिलाने के बाद 1 सप्ताह के भीतर खून 6 ग्राम हो गया दूसरे सप्ताह 9 ग्राम हो गया।

एलएस धु्रव अपना अनुभव साझा करते हुए बताया कि एक्जिमा का इलाज जोक के माध्यम से करते हैं। सेवानिवृत्ति चिकित्सक डॉक्टर कश्यप ने बताया कि आयुर्वेद में अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने बताया कि नौकरी के शुरुआती दौर में उन्होंने आयुर्वेदिक डिस्पेंसरी जीरो से शुरू की थी लेकिन उसके बाद फायदा मिलना शुरू हुआ फिर 15-20 पेशेंट प्रतिदिन आने लगे।

बलौदाबाजार जिला आयुर्वेद चिकित्सा में काफी पीछे है यदि चिकित्सक लगातार समय देंगे और ईमानदारी पूर्वक अपने कर्तव्य का निर्वहन करेंगे, तो लोगों का आयुर्वेद के प्रति विश्वास बढ़ेगा और पेशेंट की संख्या भी बढ़ेगी। लोगों को फायदा होगा। डा. एल एस धु्रव ने पाईल्स के उपचार के लिए छार सूत्र चिकित्सा पद्धति को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि इस पद्धति से पाइल्स जैसे रोगों को बड़ी आसानी से समाप्त किया जा सकता है।